क्या तालिबान पर नजर ? पाकिस्तान अमेरिकी सैनिकों को दे रहा ठिकाना? अफगानिस्तान से आने वाले अमेरिकी सैनिक पाकिस्तान में नहीं रुकेंगे : पाक गृह मंत्री

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अफगानिस्तान छोड़ने के बाद भी तालिबान पर नजर ?

तो क्या अमेरिकी सैनिक पाकिस्तान में पनाह ले रहे है ? पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा है कि अफगानिस्तान से आने वाले अमेरिकी सैनिक पाकिस्तान में लंबे समय के लिए नहीं रुकेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैनिकों को पाकिस्तान में ठहरने के लिए 21 से 30 दिनों तक का ट्रांजिट वीजा जारी किया गया है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान से निकलने के बाद अमेरिकी सैनिकों को पहले ही अपने सैन्य ठिकाने मुहैया कराने से इनकार कर चुका है।

क्या है पूरा माजरा

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तालिबान पर नजर रखने के लिए सैन्य बेस की मांग को पहले ही खारिज कर चुका है पाक

असल में, अमेरिका ने अपनी सैनिकों की निकासी के बाद अफगानिस्तान में तालिबान की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए पाकिस्तान से सैन्य बेस की मांग की थी, लेकिन पाकिस्तान ने यह कहते हुए अमेरिका की मांग को पूरा से इनकार कर दिया था कि वो अब और जोखिम नहीं उठाना चाहता है। पाकिस्तान के पीएम इमरान कह चुके हैं कि तालिबान के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई का समर्थन करने के चलते उनके देश को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

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बहरहाल, डॉन न्यूज से बातचीत में शेख रशीद ने सोमवार को इस दावे को खारिज कर दिया कि पाकिस्तान मुशर्रफ युग में लौटने के लिए तैयार है। उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि सरकार इस्लामाबाद में अमेरिकियों के लिए होटल बुक कर रही है।

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कितने लोग आए, क्या है परिस्थिति

शेख रशीद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अफगानिस्तान से 2,192 लोग तोरखम सीमा से पाकिस्तान में दाखिल हुए हैं, जबकि 1,627 हवाई मार्ग से इस्लामाबाद आए हैं। उन्होंने कहा कि चमन सीमा से कम संख्या में लोग आए हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि कई लोग रोजाना चमन सीमा से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच यात्रा करते हैं। कई अफगान इस सीमा से पाकिस्तान में दाखिल हुए और अपने देश लौट गए। यह "एक सामान्य गतिविधि" है। उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान से आने वाले लोगों को 21 से 30 दिनों तक का ट्रांज़िट वीज़ा जारी किया जा रहा है। शेख रशीद ने सफाई देते हुए कहा कि अफगानिस्तान से आने वालों को वीजा जारी करने का मकसद पैसा कमाना नहीं है। इस गतिविधि के माध्यम से धन जुटाने का कोई लक्ष्य है। इन लोगों से सामान्य वीजा शुल्क लिया जा रहा है जबकि आगमन पर वीजा मुफ्त में जारी किया गया। यह पूछे जाने पर कि तोरखम और चमन सीमा से पाकिस्तान में आने वाले लोगों की क्या स्थिति है, उन्होंने कहा कि उनमें से किसी को भी शरणार्थी का दर्जा नहीं दिया गया है।

अफगानिस्तान से एक भी शख्स शरणार्थी के रूप में नहीं आया पाक

गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने सोमवार को कहा कि काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में शरणार्थी आने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन एक भी शख्स शरणार्थी के रूप में नहीं आया। शेख रशीद ने कहा, "हमने केवल इस्लामाबाद में 3,000 लोगों को समायोजित करने की व्यवस्था की है। अफगानिस्तान से पाकिस्तान आने वाले किसी भी राष्ट्रीयता के किसी भी व्यक्ति को 21 दिनों का ट्रांजिट वीजा दिया जाएगा।"

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