अफ़ग़ान में अब तालिबान राज, लेकिन उन्हें सबकी आज़ादी का सम्मान करना होगा, हमारे पास दूसरा विकल्प नहीं था : राष्ट्रपति बाइडेन

ADVERTISEMENT

अफ़ग़ान में अब तालिबान राज, लेकिन उन्हें सबकी आज़ादी का सम्मान करना होगा, हमारे पास दूसरा विकल्प नह...
social share
google news

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन (Joe Biden) ने अभी-अभी अफगानिस्तान मामले पर पूरी दुनिया को संबोधित किया है. 31 अगस्त की देर रात करीब 1 बजे दिए अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने 1 लाख 25 हजार लोगों को सुरक्षित अफगानिस्तान से बाहर निकाला. ये निश्चित रूप से अमेरिका ही कर सकता था और इसलिए हमें गर्व है. ये पूरे देश के लिए गर्व की बात है. जो हमने किया है वो कोई दूसरा नहीं कर सकता है. हमारा मिशन कामयाब रहा है.

ये अमेरिका के लिए गर्व की बात है क्योंकि हम लोगों ने पेशेवर तरीके से अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकाला. पिछले 20 साल में अमेरिका ने 3 लाख सैनिकों को तैयार किया जो गर्व की बात है. बाइडेन ने ये भी कहा कि तालिबान का अब वहां राज है. हमारे पास काबुल से निकलने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था.

बाइडेन के संबोधन की जानें ख़ास बातें...

ADVERTISEMENT

  • तालिबान को लोकतांत्रिक तरीके से काम करने की जरूरत है. अफ़ग़ानिस्तान को आगे बढ़ने की जरूरत है. अमेरिका की तरफ से अब अफ़ग़ानिस्तान मिशन ख़त्म हो चुका है.

  • अमेरिका हमेशा मानव अधिकार के लिए लड़ाई लड़ता रहेगा. अफ़ग़ानिस्तान का इस्तेमाल आतंक के लिए नहीं हो.

  • ADVERTISEMENT

  • अमेरिका में हर दिन सैकड़ों लोग आत्महत्या कर रहे होतें हैं, हमें उनके बारे में भी सोचना है. क्योंकि हमने लाखों-करोड़ों डॉलर अफ़ग़ानिस्तान में खर्च कर चुके हैं. अब इस फंड का इस्तेमाल अमेरिकी के लिए करेंगे.

  • ADVERTISEMENT

  • इसलिए 20 साल की लंबी लड़ाई अब कब तक लड़ते रहते. अगर आप देखें कि हम कुछ समय से लगातार इस पर नजर बनाए हुए थे.

  • मैं अमेरिकी सम्मान को सर्वोपरि रखता हूं. लेकिन अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च है. उनका सम्मान रहेगा.

  • अफगानिस्तान में सरकार क्यों नहीं काम कर पाई. वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भाग जाने की वजह से वहां अफरातफरी मची.

  • अब तालिबान की वहां सत्ता हैं. हम 31 अगस्त की आखिरी तारीख को नहीं बढ़ा सकते थे. इसलिए वहां से हमलोग बाहर निकले. ये निर्णय पूरी तरह से हमारा है. इसके लिए जिम्मेदारी मैं लेता हूं.

  • अफगानिस्तान से 90 फीसदी लोगों को बाहर निकाला जा चुका है. अभी भी 100-200 अमेरिकी लोग वहां रुके हैं. अगर वो आना चाहते हैं तो हमारी तैयारी पूरी है.

  • अफगानिस्तान में अमेरिका के 5500 लोगों को निकाला जा चुका है. इसलिए अफगानिस्तान में हमारा मिशन कामयाब रहा है. अंतिम दिनों में भी हमने ढाई हजार लोगों को बाहर निकाला.

  • तालिबान अगर आगे बढ़ना चाहता है तो उसे लोगों की आजादी का सम्मान करना होगा. 100 देशों के साथ बातचीत कर हमने ये वादा किया है कि वहां पर लोग सुरक्षित रहेंगे.

  • अभी भी हमारा प्रयास है कि वहां के लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास है. हमने यहां पर लाखों-करोड़ों खर्च किए हैं. इसलिए अभी भी जिम्मेदारी है कि लोग सुरक्षित रहें.

  • विपक्षी दलों ने बाइडेन के फैसले पर जताया था विरोध

    पिछले 26 अगस्त को काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दो आत्मघाती बम धमाके हुए थे. इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 170 लोगों की मौत हुई थी. इस घटना के बाद जो बाइडेन (Joe Biden) ने काबुल से अमेरिकी सेना को हटाए जाने के फैसले को देशहित में उठाया गया कदम बताया था.

    हालांकि, विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया था. ऐसा दावा किया था कि अफ़ग़ानिस्तान में 15 हजार से ज्यादा अमेरिकी लोग थे. लेकिन सिर्फ़ 6 हजार अमेरिकी ही अपने देश लौट सके हैं. ऐसे में राष्ट्रपति को अमेरिकी सेना को काबुल एयरपोर्ट से हटाने की इतनी जल्दी क्या थी? इसके अलावा, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी बाइडेन का विरोध किया था.

    वहीं, अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के लौटने पर राष्ट्रपति बाइडेन की तरफ से एक बयान जारी किया गया था. इस बयान में उन्होंने कहा था कि ये फैसला ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ और काबुल में तैनात अमेरिकी कमांडों से बातचीत और उनकी सहमति के बाद ही फैसला लिया गया था.

    बाइडेन दे रहे हैं सफाई, लेकिन वर्ल्ड मीडिया की नज़रों में भूल

    अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन भले ही अपने क़दम को सही ठहराएं लेकिन दुनिया की कई बड़े मीडिया हाउस इसे बड़ी भूल बता रहे हैं. एक मीडिया ने लिखा है कि अफगान की लड़ाई तो खत्म हो गई है, लेकिन अमेरिका के लिए ये जंग की शुरुआत हो सकती है. जानिए किस मीडिया ने क्या लिखा, आइए जानते हैं...

    CNN: अब विरासत की जंग शुरू


    अफगानिस्तान में 20 साल से चली आ रही लंबी जंग तो खत्म हो गई है, लेकिन बाइडेन के लिए ये विरासत की जंग साबित होगी. ये तो अभी महज शुरुआत ही है. दरअसल, दुनिया में अमेरिका की खास विरासत है जो अब उनके नियंत्रण से बाहर हो रही घटनाओं के चलते खतरे में पड़ सकती है.

    न्यूयॉर्क टाइम्स: वो उम्मीद के इंतजार में रहे और अमेरिकी सेना लौट गई


    न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेरिकी सेना लौटने पर कड़ी टिप्पणी की है. ये लिखा है कि बिना किसी खुशी के ही अमेरिका की सबसे लंबी जंग का अंत हो गया. काबुल एयरपोर्ट के बाहर अभी भी अफगानियों की भीड़ है. जो इस उम्मीद में थे कि उन्हें अमेरिकी सेना दूसरे देश पहुंचाने में मदद करेगी. लेकिन अब उन्हें रोशनी मिलने से पहले ही धुंधली रोशनी में अमेरिकी सैनिकों ने तालिबानी लड़ाकों से हाथ मिलाया और काबुल से लौट गए.

    रॉयटर्स: अमेरिका के लौटने से बाइडेन के नंबर घटे
    रॉयटर्स के सर्वे में ये सामने आया है कि केवल 40 फीसदी अमेरिकियों ने ही अफगानिस्तान से सेनाएं वापस बुलाए जाने के बाइडेन के कदम को सही ठहराया है. जबकि 75 फीसदी अमेरिकियों का मानना है कि अमेरिकी फौजों को तब तक वहां रहना चाहिए था, जब तक एक-एक अमेरिकी नागरिक अपने देश नहीं लौट आते. वहीं, 51 प्रतिशत लोगों ने बाइडेन के निर्णय को पूरी तरह से गलत करार दिया है.

      follow on google news
      follow on whatsapp

      ADVERTISEMENT

      यह भी पढ़ें...

      ऐप खोलें ➜