गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के लिए शूटर विजय यादव को किस अंजान ने लखनऊ कोर्ट में पहुंचाया था, जवाब ये मिला
Sanjeev Jeeva murder : शूटर को एक अंजान शख्स ने लखनऊ से कोर्ट में पहुंचाया. उसी अंजान ने वकील ड्रेस दी. सवाल-जवाब में पुलिस को उलझा दिया शूटर विजय यादव ने.
ADVERTISEMENT
लखनऊ से संतोष कुमार की रिपोर्ट
UP News : लखनऊ में गैंगस्टर संजीव जीवा माहेश्वरी (Sanjeev Jeeva Murder) की हत्या का आरोपी शूटर विजय यादव लगातार पुलिस को उलझा रहा है. पूरी घटना को अंजाम देने को लेकर किए जा रहे सवालो के जवाब में पुलिस को खूब परेशान कर रहा है. हालांकि, इस दौरान हुई पूछताछ में एक और नई बात साफ हो गई है कि विजय यादव को जिस अनजान व्यक्ति ने वकील की ड्रेस दी थी उसी ने इस शूटर को कोर्ट तक पहुंचाया था. उसी ने कोर्ट के अंदर ये बताया था कि आखिर संजीव जीवा कौन है. उस शख्स के पहचान कराते ही शूटर विजय यादव ने जीवा पर गोली चलाकर उसकी हत्या कर दी थी.
2 दिन के पूछताछ के बाद अब पुलिस जानने में जुटी है कि विजय लखनऊ के किस बस स्टेशन पर पहली बार उतरा था. जिसके लिए अब पुलिस टीमें गुपचुप तरीके से बहराइच से आने वाली बसों के स्टेशन पर ले जाकर पहचान करवाएगी. लेकिन अब तक की पूछताछ में पुलिस के सामने यह साफ नहीं हो पाया कि संजीव जीवा की हत्या के पीछे किस आतिफ नामक शख्स की भूमिका है और हत्या के लिए विजय को ही क्यों चुना गया. बता दें कि गैंगस्टर संजीव जीवा माहेश्वरी का शूटर गुरुवार से 3 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर है. अब तक रिमांड के 2 दिन बीत चुके हैं. 2 दिनों की पूछताछ के बाद भी पुलिस विजय यादव जैसे मामूली अपराधी के द्वारा गैंगस्टर संजीव जीवा माहेश्वरी को मरवाने वाले असली किरदार को नहीं समझ पाई है। आखिर पुुलिस के सवालों पर जीवा ने क्या जवाब दिया, आइए जानते हैं..
ADVERTISEMENT
पुलिस - तुम लखनऊ कब आए?
विजय- मैं 7 जून को ही सुबह बस से लखनऊ आया था।
पुलिस- तुम लखनऊ कैसे आए थे।
विजय - मैं नेपाल से बहराइच आया और फिर बहराइच से लखनऊ की बस पकड़कर लखनऊ आया था.
पुलिस - तुम कोर्ट कैसे पहुंचे.
विजय - मैं लखनऊ में एक पुल के नीचे बड़ा चौराहा था वहां बस से उतरा था।
पुलिस- तुम्हारी किसने मदद की थी, उस मददगार तक कैसे पहुंचे
विजय- मैं जब बस से नीचे उतरा तो मुझे एक अनजान आदमी ने खुद ही आकर मेरी मदद की थी। जिसने मेरी मदद की, वह मुझे पास के सुलभ शौचालय ले गया वहां पर मैंने मुंह हाथ धोकर वकील के कपड़े पहने। वकील की ड्रेस वही व्यक्ति लेकर आया था।
पुलिस - तुम कोर्ट का रास्ता जानते थे, वहां कैसे पहुंचे।
विजय -नही, मैं कोर्ट का रास्ता नहीं जानता था। जो व्यक्ति मुझे बस स्टेशन पर मिला वही मुझे कोर्ट ले गया।
पुलिस - तुम कोर्ट की बिल्डिंग के अंदर कैसे पहुंचे?
विजय - मुझे वही व्यक्ति कोर्ट के अंदर लेकर गया था। मैं बस उसके पीछे पीछे चलता चला गया।
पुलिस - तुमने जीवा को कैसे पहचाना और उस दिन कब जीवा को पहली बार देखा।
विजय -मुझे उसी व्यक्ति ने पहली बार जीवा की पहचान करवाई। जब वह जेल वैन से नीचे उतर रहा था। मैं खुद वकीलों की भीड़ में उस तक पहुंचा था।
पुलिस - जो मददगार था वह कहां चला गया.
विजय - जो व्यक्ति मुझे कोर्ट लेकर आया था वह जीवा को पहचान करवाने के बाद वहां से निकल गया था।
पुलिस -तुम्हारा मुंगेर से क्या कनेक्शन है मुंगेर क्यों गए थे।
विजय- मैं मुंगेर में सोनू नामक लड़के से पिस्टल लेकर सप्लाई करता था। कई महीनों से मैं यह काम कर रहा था। मुंगेर से पिस्टल लेकर मैं मुंबई कई बार सप्लाई कर चुका हूं।
ADVERTISEMENT