अतीक अहमद और अशरफ मर्डर से ठीक 30 मिनट पहले ही दोनों पर थाने में हो रही थी ये FIR, हैरान कर देगा पूरा मामला
Atiq Ahmed Ashraf murder Exclusive : इधर प्रयागराज के इस थाने में रात 10 बजे हो रही थी अतीक अहमद-अशरफ पर FIR, उधर चल रही थी मर्डर की साजिश, देखिए ये सबूत
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Atiq Ahmed Murder Story : अतीक अहमद और अशरफ दोनों का 15 अप्रैल की रात करीब 10:35 बजे जब मर्डर हुआ उससे ठीक आधे घंटे पहले ही दोनों पर एक FIR दर्ज हुई थी. अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ प्रयागराज के थाने में दो विदेशी पिस्टल और दर्जनों कारतूस की FIR दर्ज हो रही थी उसी वक्त तीनों हमलवार मौके पर पहुंचकर हत्या करने की फिराक में थे. आपको बता दें कि प्रयागराज के धूमनगंज थाने में 15 अप्रैल की रात ठीक 10:01 बजे अतीक और अशरफ के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी. CRIME TAK के पास उस FIR की कॉपी है. इसमें Genral Diary Refrence नंबर वाली लाइन में देख सकते हैं कि डेट और टाइम रात 22:01 बजे की है.
ये रिपोर्ट आर्म्स एक्ट के तहत हुई. असल में उमेशपाल हत्याकांड में इस्तेमाल दो विदेशी पिस्टल को प्रयागराज पुलिस ने अतीक अहमद और अशरफ से पूछताछ के आधार पर बरामद कराने का दावा किया. उस एफआईआर में दावा है कि दोनों ने पुलिस रिमांड में कहा था कि जेल में रहते हुए उन्होंने उमेश पाल की हत्या के लिए पूरी साजिश रची थी और हथियार दिलाए थे.
वही हथियार अब कसारी मसारी की आर्मी कॉलोनी के पास एक खंडहर बन चुके मकान में छुपाने के लिए फोन पर दोनों ने जेल से ही निर्देश दिए थे. उसी जगह पर जाकर उसने दो पिस्टल और 43 कारतूस बरामद किए थे. ये करीब 7 से 8 बजे के बीच ही ये सबकुछ बरामद कराया था. जिसकी लिखापढी थाने में रात 10 बजे हो रही थी.
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ठीक उसी वक्त तीनों हमलावर अस्पताल के आसपास पत्रकार के तौर पर पहुंच चुके थे. इसके बाद रात करीब 10:30 बजे जैसे ही मीडिया से अतीक और अशरफ बात करने लगे तभी तीनों हमलावरों ने बिल्कुल करीब से गोली मार दी. अब बात करते हैं कि जिन तीनों हमलावरों ने गोली चलाई आखिर उनका मोटिव क्या था. पुलिस ने बस इतना कह दिया कि वो जुर्म की दुनिया में नाम कमाना चाहते थे. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि तीनों अपराधियों में मुलाकात कैसे हुई. तीनों को एक जैसे वेपन कैसे मिले होंगे. क्योंकि तीनों अपराधी अलग-अलग जिले से हैं. यानी तीनों अलग जिलों के जेलों में बंद रहे. ऐसे में तीनों में एक साथ मुलाकात होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है. हालांकि, कुछ लोगों का दावा है कि तीनों अचानक प्रयागराज में मिले और हत्या की साजिश रच डाली. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर तीनों ने किस वजह से हत्या करने की ठान ली. माना जा रहा है कि इसके पीछे एक बड़ा राज है.
अब जानते हैं तीनों आरोपियों के बारे में जानते हैं...
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हमलावर नंबर-1 : लवलेश तिवारी
अब जिस तरह से अतीक और अशरफ के कत्ल के मुल्जिम लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य को लेकर जो जानकारियां सामने आ रही हैं, वो अपने-आपमें हैरान करती हैं। आशा देवी उसी आरोपी लवलेश की मां है। जो अपने बेटे की करतूत पर हैरान हैं। जबकि ये हैं लवलेश के पिता यज्ञ कुमार। बांदाके रहने वाले यज्ञ कुमार का कहना है कि उनका बेटा शुरू से ही नाकारा था, जिसके चलते उसके साथ घरवालों ने बातचीत बंदकर दी थी। लेकिन अब इस वारदात में अपने बेटे का नाम सामने आने के बाद खुद आशा देवी जितनी परेशान हैं, उतने ही यज्ञ कुमार अपने बेटे कीकरतूत पर हैरान हैं। सूत्रों कीमानें तो लवलेश पहले बजरंग दल से जुड़ा रहा है। वो दो साल पहले एक लडकी को थप्पड मारने के इल्ज़ाम में जेल भी जा चुका है। लेकिन इन दिनों उसका उठना बैठना किसके साथ था और वो क्या करता था, घरवाले इससे बेखबर हैं।
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हमलावर नंबर-2 : सन्नी सिंह
अब बात सन्नी सिंह की। हमीरपुर के रहने वालेसन्नी सिंह पर कुरारा पुलिस थाने में 15 केस दर्ज हैं। यानी वो एक हिस्ट्रीशीटर है। छंटा हुआ बदमाश। सन्नीके माता-पिता की मौत हो चुकी है, जबकि वो पिछले दस सालों से अपने घर से बाहर रह रहा है। इस बीच पुलिस की तफ्तीश में साफ हुआ है कि सन्नी का ताल्लुक खूंखार सुंदर भाटी गैंग से है, जिसके साथ वो हमीरपुर जेल में रह चुका है। लवलेश की तरह ही सन्नी के घरवाले भी उसे पहले से ही खुद से अलग मानते हैं।
हमलावर नंबर-3 : अरुण मौर्य
अरुण मौर्य की हरकतें भीअपने बाकी दो साथियों की तरह ही हैं। अरुण उर्फ कालिया उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले का रहनेवाला है। घरवालों के मुताबिक उसकेमाता-पिता की भी मौत हो चुकी है और पिछले छह सालों से अपने घर से बाहर रह रहा है। कुछ समय पहले उसने जीआरपी थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी की जान ले ली थी, जिसके बाद से वो फरार चल रहा था। लेकिन इस वारदात के बाद अब वो पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। तीनों ने अतीक गैंग का सफाया कर जुर्म की दुनिया में बडा नाम करने के अपने इरादे का खुलासा किया है, लेकिन इस मामले की तफ्तीश पूरी होने के बाद ही ये साफ हो सकेगा कि इस हत्याकांड की असली साजिश का सच क्या है?
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