जिस दवाखाना में कंपाउंडर था उसी मालिक का अपहरण कर गैंगस्टर बना था संजीव जीवा, बीवी ने 2 साल पहले ही बताया था जान का खतरा
gangster sanjeev jeeva Story : संजीव जीवा कैसे बना था गैंगस्टर, कभी था कंपाउंडर फिर बना किडनैपर. संजीव जीवा की पूरी कहानी.
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Gangster Sanjeev Jeeva History : लखनऊ सिविल कोर्ट के बाहर जिस माफिया गैंगस्टर संजीव जीवा (Sanjeev Jeeva Murder) की हत्या हुई वो कभी एक कंपाउंडर हुआ करता था. संजीव का पूरा नाम संजीव माहेश्वरी था (Sanjeev Maheshwari). ये मूलरूप से वेस्टर्न यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला था. इसकी क्राइम की पाठशाला वहीं से शुरु हुई थी जहां ये कभी नौकरी करता था. यानी जिस मेडिकल में ये कंपाउंडर में था उसी दवाखाना के मालिक का ही इसने अपहरण कर लिया था. उसके बाद फिरौती मांगी थी. यहीं से अपराध की दुनिया में आया संजीव जीवा फिर कभी पीछे नहीं मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद ये किडनैपिंग किंग बन गया और फिर माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का खास बन गया था. साल 2021 में संजीव जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लेटर लिखकर ये आशंका जताई थी कि उनके पति की जान को खतरा है. पायल 2017 में RLD के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी थी. लेकिन हार गई थी.
कारोबारी के बेटे का अपहरण कर मांगी थी 2 करोड़ फिरौती
Who was Sanjeev Jeeva : 90 के दशक में संजीव जीवा ने कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का अपहरण कर लिया था. उस समय उसने 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. जिसे उस समय में मांगी गई सबसे बड़ी फिरौती में से एक कहा गया था. इसके बाद वो अपने गैंग को तेजी से बढ़ाने लगा था. इस अपहरण के बाद संजीव जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग से जुड़ा था. इसके बाद फिर वो सतेंद्र बरनाला गैंग में शामिल हो गया था.
बीजेपी नेता ब्रह्म दत्त द्वेदी का मर्डर कर बना कुख्यात
Sanjeev Jeeva case : संजीव जीवा का नाम उस समय सबसे ज्यादा यूपी में चर्चा में आया था जब इसने एक इशारे पर बीजेपी के बड़े नेता ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद संजीव जीवा की गिरफ्तारी हुई. उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. संजीव जीवा मुन्ना बजरंगी और फिर मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया था. चूंकि मुज्जफरनगर के होने और आधुनिक हथियारों का शौकीन था संजीव जीवा तो उसने इसकी सप्लाई भी शुरू कर दी थी. इन्हीं हथियारों की बदौलत उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ था. मुख्तार को ऐसे हथियारों का शौक था. फिर दोनों में अच्छी दोस्ती बन गई थी. कहते हैं कि पूर्वांचल में कृष्णानंद राय की हत्याकांड में भी संजीव जीवा का नाम जुड़ा था. हालांकि, बाद में जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड से हट गया था क्योंकि कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था.
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पुलिस रिकॉर्ड में 27 से ज्यादा केस थे संजीव जीवा पर
Sanjeev Jeeva news : पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार गैंगस्टर संजीव जीवा पर 27 मुकदमें दर्ज हैं. इनमें से 17 मामलों में वो बरी हो चुका था. इसके गैंग में 3 दर्जन से ज्यादा मेंबर्स हैं. इस संजीव जीवा पर साल 2017 में एक कारोबारी अमित दीक्षित की हत्या का केस लगा था. उसमें उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. उसी समय से लखनऊ जेल में संजीव जीवा बंद था. लेकिन 7 जून 2023 को उसकी गोली मारकर लखनऊ कोर्ट में हत्या कर दी गई.
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