कैराना में क्राइम तक : चुनाव का मौसम आते ही जुर्म भी मौके की ताक में क्यों बैठा रहता है?
कैराना में क्राइम तक : चुनाव आते ही यहां जुर्म की नई कहानी क्यों सामने आती है, जानिए, सिर्फ CRIME TAK पर Read more crime and up election news on crime tak
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कैराना से फर्रूख हैदर, चिराग गोठी, प्रिवेश पांडे, विनोद शिकारपुरी के साथ गोपाल शुक्ल की रिपोर्ट
UP Election Kairana : चुनावी मौसम आते में उत्तर प्रदेश में जुर्म की बारिश होना लाजमी है। अब जुर्म की बारिश हो तो क्राइम तक का वहां पहुंचना भी लाजमी है। लिहाजा, क्राइम तक की टीम भी उत्तर प्रदेश में चुनाव की हवा का जायजा लेने निकल पड़ी। एक या दो नहीं बल्कि सूबे के 75 ज़िलों का जायजा लेगी क्राइम टीम।
क्राइम तक की टीम का मकसद साफ है चुनाव के रंगबाज़ों का रंग देखना और सबको दिखाना। क्योंकि इन्हीं रंगबाज़ों के ज़रिए शहर या इलाक़े के जुर्म पर भी निगाह डाली जा सकती थी। इसीलिए हमने अपनी गाड़ी पर चुनाव के रंगबाज़ ही लिखवा दिया, ताकि कोई कन्फ्यूज़न में न रहे। और क्राइम तक की टीम अपने क्राइम के चश्मे को साफ करके उसे आंखों पर चढ़ा कर उत्तर प्रदेश के शहरों और ज़िलों के देखने नोएडा के अपने दफ़्तर से निकली।
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नोएडा से निकली क्राइम तक की टीम में का पहला पड़ाव बना पश्चिम उत्तर प्रदेश का कैराना। क्राइम तक की टीम में चुनावी माहौल को तो देखा साथ ही देखा जुर्म की उस तस्वीर को जिस पर सियासी रंग चढ़ा हुआ था। कैराना सुर्खियों में था पलायन के शोर की वजह से लेकिन वहां के लोग तो कुछ और ही कहानी सुना रहे थे।
कैराना में हमें दिखा उसे देखकर तो आंखें ही खुल गईं क्योंकि जो दिखाया और बताया जा रहा वो तो यहां कहीं नज़र नहीं आया और जो दिख रहा उसे कोई देखना नहीं चाहता। चुनाव का मौसम आते ही जुर्म भी मौके की ताक में बैठा होता है। हर शहर का अपना एक मिज़ाज होता है और हर शहर का अपना ही एक क्राइम भी होता है, बस उसे देखने का चश्मा थोड़ा अलग होता है।
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क्राइमतक की इस टीम में शामिल थे उम्र में सबसे छोटे मगर नई उम्र की नब्ज़ को पकड़ने में उस्ताद। जिसने कैराना में नज़र आए माहौल को अपने ही अंदाज़ समेट भी लिया...और लपेट भी लिया। ये तो बस अभी तक का पहला पड़ाव और पूरे यूपी के चुनावी रंगबाजों की तस्वीर का पहला फ्रेम है। आगे आगे देखिये दिखता है क्या।
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