जब 'रंगबाज़ों' ने कहा हम नहीं हैं 'रंगबाज़'!

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जब 'रंगबाज़ों' ने कहा हम नहीं हैं 'रंगबाज़'!
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बुलंदशहर में कुल 7 विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी माहौल के बीच क्राइम तक की टीम लगातार इस कोशिश में जुटी है कि आख़िर इस चुनाव में कौन-कौन से ऐसे फ़ैक्टर है जो वोटबैंक पर अपना प्रभाव डाल रहे हैं या डाल सकते हैं। साथ ही इस चुनावी रंग में कौन से रंगबाज़ हैं जिनका इतिहास स्याह रहा है। इसी कड़ी में जब हम बुलंदशहर पहुंचे तो गुड्डू पंडित और युनूस खान के चर्चे ख़ूब सुने। डिबाई से दो बार के विधायक और एक बार लोकसभा प्रत्याशी रह चुके गुड्डू पंडित की सारी कोशिशों के बावजूद भी इस बार हाथ खाली ही रह गए और इसकी कसक गुड्डू पंडित को कुछ इस कदर परेशान कर रही है कि उसने कल्याण सिंह के बेटे और एटा से सांसद राजवीर सिंह उर्फ़ राजू भैया पर ना सिर्फ़ टिकट कटवाने का आरोप लगाया बल्कि गुड्डू पंडित ने क्राइम तक से हुई बातचीत में कहा कि राजू भैया का हस्तक्षेप समाजवादी पार्टी तक में है और इन लोगों में मेरे जीतने का डर है और इसी वजह से मेरा टिकट कटवा दिया। बात यहीं ख़त्म नहीं हुई गु्ड्डू पंडित को राजू भैया से जान का ख़तरा भी सता रहा है।

क्रिमिनल केस निकला तो ले लूंगा संन्यास

क्राइम तक की टीम ने गुड्डू पंडित पर लगे आरोपों पर सवाल किया तो अपनी बेगुनाही साबित करते हुए वो कहते नज़र आए कि अगर 302 और 307 एक भी मुकदमा निकला तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा। गुड्डू पंडित ने साफ़-साफ़ कह दिया कि विपक्षियों ने मुझे मैदान से हटाने की सारी कोशिशें और साज़िशे की और यही वजह है कि इस बार मेरा टिकट काटा गया। गुड्डू पंडित ने 21 जनवरी को शिवसेना से अपना नामांकन दाख़िल किया था जो फॉर्म-बी संलग्न नहीं होने की वजह से रद्द कर दिया गया।

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गुड्डू पंडित को मधुमिता शुक्ला की हत्या के मुजरिम अमरमणि त्रिपाठी का करीबी भी माना जाता है और गुड्डू पर अमरमणि का पैसा लेकर भागने का आरोप है। इस मामले पर जवाब देते हुए गुड्डू ने कहा कि उनपर इस मामले में जो भी इल्ज़ाम है वो सरासर गलत और झूठे हैं। और इस तरह गुडडू पंडित ने यहां भी अपने आप को मासूम और बेगुनाही का सर्टिफ़िकेट दे दिया।

परिवार ने मुझपर कर डाले केस

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अब बात हाजी यूनुस की करते हैं, हाजी यूनुस बुलंदशहर से सपा-आरएलडी के प्रत्याशी हैं और कई इल्ज़ामों तले दबे हुए भी है। जहां एक तरफ़ यूपी में गुंडे और माफ़िया सीएम योगी के निशाने पर हैं और इस बार भी चुनाव से पहले इशारों-इशारों में सूबे के माफ़ियाओं पर कई तीर छोड़े जिनमें एक तीर का निशाना हाजी यूनुस की तरफ़ भी था। जिसका जवाब देते हुए हाजी यूनुस ने कहा कि योगी जी को माफ़िया की परिभाषा ही नहीं पता। अपनी सफ़ाई में यूनुस ने कहा कि उनपर जो भी मामले हैं वो पारिवारिक है ना कि किसी और या आम जनता पर ज़ुल्म-ओ-सितम के।

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भले ही सीएम योगी प्रदेश में गुंडाराज को ख़त्म करने का दावा कर रहे हों और चिन्हित लोगों के ख़िलाफ़ शिकंजा कसने की बात भी कह रहे हो लेकिन यही लोग ख़ुद को निर्दोष बताते हुए अलग-अलग तर्क देते नज़र आए। बहरहाल बुलंदशहर में किसी खास रंगबाज़ का असर तो फ़िलहाल होता नज़र नहीं आ रहा है।

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