मथुरा के 'पॉलिटिकल मर्डर' का सबसे बड़ा रहस्य! मंत्री के प्रस्तावक को किसने किया छलनी?
UP ELECTION 2022 कैबिनेट मंत्री के चुनाव प्रस्तावक को किया गोलियों से छलनी.. अपराध के आंकड़ें छुपाने में लगे SSP
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जब शहर चुनावी बुखार से तप रहा हो, उम्मीदवारों का नामांकन हो चुका हो और चंद रोज़ बाद वोटिंग होनेवाली हो, ऐसे में अगर शहर के बीचों-बीच किसी का दिन-दहाड़े गोलियों से छलनी कर क़त्ल कर दिया जाए, तो शहर का सांसत में आ जाना लाज़िमी है. और वो भी अगर क़ातिलों की गोलियों का शिकार बने शख़्स की बैकग्राउंड पूरी तरह से पॉलिटिकल हो, तो मामला और भी पेचीदा हो जाता है. ये वारदात है मथुरा शहर की, जहां बाइक पर आए गुमनाम शार्प शूटर्स ने रामबीर सिंह का क़त्ल कर दिया. रामबीर इस चुनाव में छाता विधान सभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी, मौजूद विधायक सूबे के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी के प्रस्तावक थे. यानी उन्होंने ही चौधरी लक्ष्मीनारायण के नामांकन दाखिल करते वक़्त प्रस्तावक के तौर पर उनका नाम पेश किया था. यानी वो एक ख़ालिस सियासी शख़्स थे.
शनिदेव की परिक्रमा में 'मौत की वक्रदृष्टि'
हुआ यूं कि शनिवार की दोपहर को जब वो शहर के कोकिलावन मंदिर में शनिदेव की परिक्रमा कर रहे थे, तब उन पर मौत की वक्रदृष्टि पड़ी और पहले से घात लगाए बैठे क़ातिलों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। उनके सिर में चार गोलियां लगीं और मौके पर ही उनकी जान चली गई. ये मथुरा में बैख़ौफ़ और बेअंदाज़ होते क़ातिलों का एक बड़ा सबूत है.
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आंकड़े छुपाएंगे तो जुर्म कैसे रोकेंगे ?
मथुरा में जुर्म का ग्राफ़ लगातार ऊपर जा रहा है और ज़िले के एसएसपी आंकड़े छुपा कर मामलों को कमतर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। 'क्राइम तक' ने एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर से रविवार को कई बार की कोशिश के बाद उनसे फ़ोन पर बात की और पिछले तीन सालों के अपराधों का आंकड़ा मांगा, तो एसएसपी साहब बगले झांकने लगे। जबकि सभी ज़िलों में ऐसे आंकड़े पुलिस हमेशा अप-टू-डेट रखती है, ताकि ये पता चल सके कि अपराध नियंत्रण के मामले में ज़िला किधर जा रहा है. अब जब ज़िले के एसएसपी कार्यशैली ही ऐसी हो, तो फिर अपराधियों का हौसला बुलंद होना भी लाज़िमी है. यही वजह है कि इस क़त्ल के मामले में भी इन पंक्तियों के लिखे जाने तक पुलिस के हाथ ख़ाली हैं.
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क़त्ल के पीछे सियासी रंजिश का शक
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रामबीर के बेटे कृष्ण के बयान पर पुलिस ने उनके गांव के ही 11 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है. इस क़त्ल के पीछे पंचायत चुनाव की पुरानी रंजिश का शक जताया जा रहा है.
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