‘चुनावी रंगबाज़’ असलम चौधरी और आरिफ़ अली की क्राइम हिस्ट्री.. देखें धौलाना विधानसभा में क्यों भटकी मायावती?
साईकिल की रफ़्तार बढ़ाकर जीतेंगे चुनाव, बैरिस्टर बाबू के आरिफ़ की क्राइम हिस्ट्र।
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अब क्राइम तक की गाड़ी पहुंची धौलाना विधानसभा क्षेत्र। इस समय धौलाना मे असलम चौधरी विधायक हैं जो 2017 में बसपा के टिकट से चुनाव लड़े और जीते भी थे। लेकिन 2022 आते-आते उन्हें लगने लगा कि बसपा अपने रास्ते से भटक रही है इसीलिए उन्होंने पार्टी का दामन छोड़ दिया। अब बसपा रास्ते से भटकी या विधायक साहब को अपना रास्ता बंद होता हुआ नज़र आने लगा ये तो वही जाने।
फ़िलहाल वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2022 में लड़ रहे हैं और ये मानते हैं कि साइकिल की रफ़्तार ना सिर्फ़ इस बार तेज़ होगी बल्कि साइकिल इस बार भागेगी। असलम चौधरी ने कहा कि उन्हें हर तबके का वोटर वोट करेगा क्योंकि वो जाति और धर्म के आधार पर नहीं बल्कि विकास के नाम पर वोट मांगते हैं। विधायक साहब ने तो अपनी जीत का अंतर तक बता दिया। उन्होंने दावा किया कि वो 1 लाख वोट के अंतर से जीतेंगे।
विधायक असलम चौधरी पर कई मुक़दमें दर्ज
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अपराधों से विधायक जी का बड़ा गहरा नाता रहा है। हाल ही में खुले मंच से विधायक जी पर धमकी देने के बाद FIR दर्ज की गई है। इसे तो बस आप ट्रेलर ही समझिए क्योंकि फ़िल्म देखना तो अभी बाकि है। विधायक असलम चौधरी पर मुकदमों की पूरी फेहरिश्त है। नामांकन के दौरान सभी प्रत्याशियों को उसके खिलाफ़ जुर्म और अपराध का पूरा खाका तैयार करने देना था यानि की उनपर दर्ज मुकदमों की लिस्ट देनी थी। असलम चौधरी ने इस लिस्ट में 12 केस का ज़िक्र किया है। जिसमें IPC की धारा- 307 यानि की हत्या का प्रयास तक का मामला भी शामिल है। सिर्फ़ इतना ही नहीं बलवा, हंगामा करने और जान से मारने से लेकर धमकी देने तक के आरोप विधायक जी पर है। हाल ही में साल 2021 में उनपर 4 मामले दर्ज किए गए हैं।
ख़ुद पर लगे इल्ज़ामों पर सफ़ाई देते हुए विधायक जी बीजेपी नेताओं पर लगे मुकदमों को गिनवाने लगे और अपने आप पर लगे मुकदमों को राजनीतिक मुकदमा बात कर किनारा कर लिया।
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हाजी आरिफ़ अली के प्रत्याशी की क्राइम हिस्ट्री
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धौलाना विधासनभा में एक ही नहीं और भी कई रंगबाज़ हमें मिले। AIMIM के प्रत्याशी हाजी आरिफ़ अली तो अपने बैरिस्टर बाबू की तारीफ़ करते नहीं थक रहे थे। जी हां ये असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी की नुमांईदगी कर रहे थे। मुकदमों की रेस में ये साहब भी पीछे नहीं। इन पर भी आपराधिक मुकदमा है और हाल ही में जेल से बाहर आए हैं। हाजी आरिफ़ अली जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की थ्योरी समझाते हुए बीजेपी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के नारे को बेकार बता दिया।
यकीन के साथ कहते हुए नज़र आए की इस बार तो गठबंधन में 6 पार्टियों की हिस्सेदारी है और सरकार भी बनाने का अमादा रखते हैं। ये साहब भी ख़ुद पर लगे मुकदमों कि सफ़ाई में विपक्ष में खड़े और सिटिंग विधायक के मुकदमों की फेहरिश्त गिनाने लगे। हाजी आरिफ़ कहते हैं कि जनहित और लोगों की मदद के लिए जेल जाना पड़े तो हर बार जाएंगे।
अब हापुड़ के धौलाना विधानसभा की दिलचस्प मुक़ाबले से तो आफ भी वाकिफ़ हो गए होंगे। अब मुकदमों की रेस मे कौन जीता और जनता के विश्वास के रेस में कौन? इसके लिए तो 10 मार्च का इंतज़ार करना होगा।
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