Asad Encounter : यूपी के इस IPS अफसर ने असद एनकाउंटर पर उठाए ये 12 सवाल, NHRC को भेजा लेटर
up asad encunter : असद एनकाउंटर पर 12 सवाल. पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने फोटो व एफआईआर के आधार पर किए सवाल. NHRC को भेजा लेटर.
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Asad Encounter Question NHRC : यूपी में हुए अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर से जुड़ी एक शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में की गई है. ये शिकायत यूपी से जबरिया रिटायर किए गए आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर (Nutan Thakur) की तरफ से की गई है. इस शिकायत में असद एनकाउंटर पर कुल 12 प्वाइंट पर सवाल उठाए गए हैं. ये शिकायत अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी ने की है. इन्होंने डिप्टी एसपी एसटीएफ नवेंदु कुमार द्वारा थाना बड़ागांव में दर्ज कराई गई तीन एफआईआर और एसटीएफ द्वारा इस संबंध में जारी किए गए मौके के विभिन्न फोटोग्राफ के आधार पर 12 प्वाइंट तैयार किए गए हैं. जानिए उन सभी प्वाइंट को...
सवाल नंबर-1 मौके पर दोनों मर गए थे या अस्पताल में?
एफआईआर में दावा किया गया है कि जब मुठभेड़ समाप्त हुई, उस समय तक असद और गुलाम मोहम्मद जिंदा थे. इसके विपरीत एसटीएफ द्वारा प्रसारित किए गए फोटोग्राफ में असद और गुलाम मोहम्मद किसी भी प्रकार से जिंदा नहीं लग रहे हैं. फोटो से साफ लगता है कि मौके पर असद और गुलाम मोहम्मद की मृत्यु हो चुकी थी और वह फोटोग्राफ मृत व्यक्तियों के थे, ना कि दर्द से कराह रहे व्यक्तियों के, जैसा एफआईआर में दावा किया गया है. इससे एफआईआर में मुठभेड़ खत्म होने के बाद असद और गुलाम मोहम्मद के जीवित होने और उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजे जाने का दावा झूठा दिखता है.
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सवाल नंबर-2 बाइक के ऊपर क्यों नहीं गिरे, दूर क्यों?
इसी प्रकार असद से जुड़े एक फोटो में उसे जिस पोजीशन में दिखाया गया है, उसमें वह मोटर साइकिल के हैंडल के नीचे पड़ा है. यह किसी भी स्थिति में संभव नहीं है कि कोई आदमी गिरने के बाद पहले से गिरे पड़े मोटर साइकिल के हैंडल के नीचे आ जाए. इसके विपरीत यदि वह मोटरसाइकिल पर गिरेगा तो उसका शरीर मोटरसाइकिल के ऊपर होगा, न कि मोटर साइकिल के हैंडल के नीचे. अतः मोटर साइकिल के हैंडल के नीचे जिस प्रकार से असद का शरीर दिखाया गया है, वह स्पष्टतया संदेह पैदा करता है.
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सवाल नंबर-3 असद की बंद मुट्ठी में पिस्टल कैसे, नीचे क्यों नहीं गिरी
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इसी फोटो में असद के हाथ में जिस प्रकार से बंद मुट्ठी में पिस्टल दिखाया गया है, वह प्रथमदृष्ट्या मेडिको लीगल सिद्धांत से सही नहीं जान पड़ता है क्योंकि मेडिको लीगल सिद्धांत के अनुसार घायल होते ही उसके हाथ से पिस्तौल नीचे गिर गया होता.
सवाल नंबर-4 : खाली पिस्टल क्यों?
असद के इस फोटोग्राफ में उसके ठीक बगल में एक खाली पिस्टल दिख रहा है और एक छाया दिख रही है, जो स्पष्ट नहीं हो रहा है कि किसकी छाया है. यह छाया भी घटना के असली होने पर सवाल खड़े कर रही है.
सवाल नंबर-5 : गुलाम के पास पहले पिस्टल नहीं थी, बाद में लगाई गई
एक दूसरे फोटोग्राफ, जिसमे असद के ठीक बगल में गुलाम मोहम्मद दिख रहा है, पहले वो पिस्टल नहीं दिख रहा है. इससे ऐसा लगता है कि मौके को बनाने के लिए अलग-अलग तरह से प्रयास किए गए हैं और इस दौरान एसटीएफ के लोगों द्वारा लगातार फोटोग्राफी की गई है.
सवाल नंबर-6 : गुलाम मोहम्मद के हाथ में पिस्टल का रहना संभव नहीं
इसी प्रकार से गुलाम मोहम्मद भी फोटो में हाथ में जिस प्रकार से पिस्तौल पकड़े दिख रहा है वह मेडिको लीगल सिद्धांत के अनुसार संभव नहीं दिखता है.
सवाल नंबर-7 : गुलाम की चप्पल की पोजिशन अलग-अलग कैसे
गुलाम मोहम्मद के चप्पल की पोजीशन भी अलग-अलग फोटो में अलग-अलग दिख रही है, जो भी इस पूरे घटनाक्रम को संदिग्ध दिखाता है
सवाल नंबर-8 : एफआईआर से ये उठ रहे सवाल
एफआईआर में डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार ने दावा किया है कि मोटरसाइकिल फिसल कर बबूल के झाड़ में गिर पड़ी, जिसके बाद दोनों ने जमीनी आड़ लेकर फायरिंग शुरू की. इसके विपरीत मौके की स्थिति से साफ दिखता है कि कथित घटनास्थल कच्ची सड़क के ठीक बगल में है. कच्ची सड़क ऊपर है और घटनास्थल नीचे है. घटनास्थल बिल्कुल खुला स्थान है जहां कोई भी आड़ नहीं है. स्पष्ट है कि वहां से कोई आड़ लेकर फायरिंग नहीं कर सकता था . इसके विपरीत पुलिस वाले एक सुरक्षित पोजीशन में थे. इस प्रकार एफआईआर की यह बात भी सही नहीं जान पड़ती है.
सवाल नंबर-9 : फोटो में नहीं दिख रही बाइक फिसली कैसे?
मौके की दर्शाई गई फोटोग्राफ ने कहीं से भी स्लीप करने या फिसलन के कोई निशान नहीं है, जो मोटरसाइकिल फिसलने के दावे को गलत बताते हैं.
सवाल नंबर-10 : बाइक के टायर साफ कैसे, धूल क्यों नहीं लगी?
जिस बाइक से असद और गुलाम के भागने की बात कही जा रही है. जिसके बाद उनका एनकाउंटर हुआ. उस मोटरसाइकिल के टायर बिल्कुल साफ हैं और उस पर किसी भी प्रकार के धूल आदि के निशान नहीं हैं.
सवाल नंबर-11 : एफआईआर काफी देर बाद क्यों?
एफआईआर के अनुसार के अनुसार मुठभेड़ 12:55 बजे दिन में समाप्त हो गई थी किंतु नरेंद्र कुमार द्वारा एफआईआर रात में 11:55 बजे अर्थात मुठभेड़ समाप्त होने के 11 घंटे बाद कराई गई, जो अपने आप में संदेह का एक कारण है.
सवाल नंबर-12 : न्यूज रिपोर्ट और FIR में समय का अंतर कैसै?
न्यूज़ चैनलों ने लगभग 1:00 बजे दिन में इन बदमाशों के मारे जाने की खबर प्रसारित की जबकि एफआईआर के अनुसार उस समय तक दोनों बदमाश जीवित थे और उन्हें अस्पताल भेजा जा रहा था. यह बात भी इस घटना की सत्यता पर संदेह उत्पन्न करता है.
Note : ये 12 सवाल क्राइम तक के नहीं है. बल्कि पूर्व पुलिस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर की तरफ से उठाए गए हैं. जिसे मानवाधिकार आयोग में दिया जा रहा है.
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