ज़ेलेन्स्की के ख़ून में है जंग लड़ने और जीतने का ज़ज़्बा, तानाशाह से टकराने का ख़ानदानी तजुर्बा

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ज़ेलेन्स्की के ख़ून में है जंग लड़ने और जीतने का ज़ज़्बा, तानाशाह से टकराने का ख़ानदानी तजुर्बा
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हिटलर की सेना से टकराने का रिश्ता

Ukraine Russia War: 1 सितंबर 1939, दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह हिटलर उस वक़्त की सबसे बड़ी अपनी जर्मन सेना को पोलैंड पर हमला करने की हरी झंडी देता है और इसी के साथ ही वर्ल्ड वॉर 2 की शुरुआत हो जाती है।

वर्ल्ड वॉर 2 यानी द्वितीय विश्व युद्ध जिसे दुनिया का सबसे ख़ौफ़नाक युद्ध भी माना जाता है क्योंकि इस युद्ध में करोड़ों लोगों की हत्या हो जाती है। लाखों यहूदी लोगों को मारा जाता है जर्मनी के कॉन्स्नट्रेशन कैंप में। लाखों परिवार तबाह हो जाते हैं। परिवार के तमाम लोग मौत के घाट उतार दिए जाते हैं।

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दादा ने हिटलर को हराने की क़सम खाई थी

Ukraine Russia War: उन्हीं लाखों ज्यूश परिवारों में से एक परिवार था साइमन इवानोविच ज़ेलेंस्की का। उस विश्व युद्ध के समय ये साइमन इवानोविच ज़ेलेंस्की एक नौजवान लड़का था। जिसके तीन भाई जर्मनी के होलोकॉस्ट में मारे जाते हैं। उसके पिता की भी मौत हो जाती है होलोकॉस्ट में।

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अपने परिवार के आधे लोगों को इस तरह बेपरवाह और बेसहारा मौत देखकर साइमन इवानोविच ज़ेलेंस्की बुरी तरह विचलित हो जाता है और एक फैसला करता है। ये फैसला था कि वो हिटलर के ख़िलाफ़ लड़ेगा। अपने इस सपने को लेकर वो साइमन इवानोविच ज़ेलेंस्की USSR की रेड आर्मी में जाकर भर्ती हो जाता है। और फिर वही लड़का USSR की रेड आर्मी में भर्ती होकर जर्मनी सेना के ख़िलाफ़ जंग के मैदान में उतर जाता है।

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बचपन से थी एक्टर बनने की धुन

Ukraine Russia War: 1945 में विश्व युद्ध 2 साइमन इवानोविच ज़ेलेंस्की ज़िंदा बच गए और यूक्रेन में आकर बस गए। उन्हीं साइमन इवानोविच ज़ेलेंस्की का पोता वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की है। 25 जनवरी 1978 को वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की का जन्म होता है।

बचपन से ही एक्टिंग में रुची रखने वाले वोलोदिमीर शुरूआती शिक्षा लेने के बाद मंगोलिया चले जाते हैं जहां उनके पिता रहते थे। 16 साल की उम्र में विदेशी भाषा में इंग्लिश की परीक्षा पास करने के बाद वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की इज़राइल जाकर पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन उनके पिता ने उनको वहां नहीं भेजा। इसके बाद वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की पूरी तरह से एक्टिंग को ही अपना करियर बना लेते हैं और 17 साल की उम्र में एक कामेडियन बन जाते हैं।

रंगमंच से सियासत के मैदान तक

Ukraine Russia War: वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने अपने जीवन में कभी युद्ध नहीं देखा था, लेकिन अपने देश में भ्रष्टाचार ज़बरदस्त तरीक़े से देखा था। तब वो अपना एक्टिंग का करियर छोड़कर 2019 में सियासत के रंगमंच पर अपना हुनर दिखाने के लिए चुनाव के मैदान में उतर जाते हैं। लोगों का प्यार और भ्रष्टाचार से बौखलाई यूक्रेन के लोग वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की पर अपना भरोसा जताते हैं और वो चुनाव जीत भी जाते हैं।

जिन वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने अपने जीवनकाल में कभी युद्ध नहीं देखा था। 2022 आते आते ज़ेलेन्स्की परिवार एक बार फिर युद्ध के मैदान में खड़ा नज़र आने लगता है।

क्यों है पुतिन के दुश्मन नंबर एक

Ukraine Russia War:: रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने एक बार अपने लोगों संबोधित करते हुए कहा था कि रूस की निगाह में वो दुश्मन नंबर एक हैं, जबकि उनका परिवार दुश्मन नंबर दो। जानकारों का मानना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सेना को खासतौर पर वोलोदिमीर परिवार का ख़ात्मा करने का निर्देश दिया है।

जानकारों का मानना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किसी भी सूरत में वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की परिवार को सत्ता से निकालकर बाहर फेंक देना चाहता है और यूक्रेन की सत्ता किसी कठपुतली सरकार को सौंपना चाहते हैं, ताकि यूक्रेन उनके इशारे पर ही काम करे और पश्चिम देशों और अमेरिका की तरफ उस सरकार का कोई झुकाव न हो।

और इसी लिए रूस के राष्ट्रपति और उनका प्रॉपगैंडा मीडिया इस बारे में कुछ अफवाहें भी फैलाने पर तुला है। जो कह रहा है कि वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की न्यू नाज़ी हैं। जबकि असलियत ये है कि वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की एक यहूदी परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

दुनिया का हीरो बना एक कॉमेडियन

Ukraine Russia War: रूसी हमले के ख़तरे को देखते हुए कई लोगों का ये भी मानना था कि राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की यूक्रेन छोड़कर भाग भी सकते हैं, जैसा कि अफ़ग़ानिस्तान में देखने को मिला था जब तालिबान के हमले के बाद वहां के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी भाग निकलते हैं। लेकिन तमाम कयासों के उलट वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की न सिर्फ यूक्रेन में ही हैं बल्कि आखिरी सांस तक यूक्रेन के लिए लड़ते रहने की कसमें भी खा चुके हैं।

वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने जिस अंदाज़ में लोगों के सामने जंग के मैदान में उतरकर रूसी सेना के सामने हथियार न डालने का संकल्प किया उसी ने एक तरह से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का सारा प्लान चौपट कर दिया और देखते ही देखते एक कॉमेडियन राष्ट्रपति अचानक पूरी दुनिया में हीरो का रूतबा लेकर ज़माने के सामने आकर एक वीर योद्धा की तरह खड़ा नज़र आया है।

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