सल्फास ज़हर : दुकानों पर बैन, Flipkart धड़ल्ले से बेच रहा है, इस युवक ने खरीदा ऑनलाइन और खाकर किया सुसाइड, ज़िम्मेदार कौन?
This online business is deadly, celphos poison is being found on FLIPKART, this person bought online and died by eating
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Online Poison Suicide in Ghaziabad News : देश में ऑनलाइन जहर बेचा जा रहा है. वो जहर है सल्फास पाउडर (Celphos Online). इसे देश की सबसे नामी ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी की वेबसाइट पर कोई भी खरीद सकता है. इसे खरीदने के लिए कोई नियम-कानून नहीं है. इसी ऑनलाइन कंपनी से एक शख्स ने सल्फास पाउडर मंगवाया और खाकर आत्महत्या कर ली. सुसाइड का ये मामला दिल्ली से सटे गाजियाबाद का है.
यहां ये जानना जरूरी है कि इस सल्फास जहर को किसी मेडिकल स्टोर पर नहीं बेचा जाता. ये सिर्फ कृषि कार्य के लिए खरीदा जा सकता है. लिहाजा, ये सिर्फ कृषि बीज भंडार की दुकान पर ही मिलता है. लेकिन फिर भी इसे हर किसी को भी नहीं बेच दिया जाता.
ये सिर्फ कृषि कार्य के लिए ही बेचा जाता है. अगर कृषि कार्य के लिए सल्फास की जरूरत होती है तो कम से कम दो लोगों की मौजूदगी में लिखित जानकारी देकर ही वो इसे खरीद सकता है. इसके साथ में लिखित में ये जानकारी भी देनी होती है कि इस सल्फास का इस्तेमाल सिर्फ कृषि कार्य के लिए करेंगे और दूसरे गलत काम के लिए इस्तेमाल हुआ तो इसकी जिम्मेदारी हस्ताक्षर करने वाले दोनों लोगों को लेनी पड़ती है. लेकिन इसके बाद भी ऑनलाइन स्टोर से ये बिना किसी लाग-लपेट के बेची जा रही है.
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क्या है पूरा मामला
ये मामला है दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मसूरी थाना एरिया का. यहां के मसूरी गांव में रहने वाले 24 वर्षीय वाहिद कैब चलाते थे. इनकी 4 साल पहले शादी हुई थी. इस समय करीब ढाई साल का एक बेटा है. बताया जा रहा है कि कुछ पारिवारिक उलझनों को लेकर पिछले कई दिनों से वो परेशान थे.
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इस वजह से डिप्रेशन में आ गए थे. रोजाना की तरह शुक्रवार को भी वो कैब लेकर घर से निकले थे. शुक्रवार रात करीब 9 बजे घर के बाहर खड़ी अपनी गाड़ी में बैठे रहे. काफी देर बाद भी कैब से बाहर नहीं निकले तो परिवार के लोगों ने देखा. इस पर वो बेहोशी की हालत में मिले. कैब के अंदर से ही फ्लिपकार्ट (Flipkart) का एक पैकेट मिला. फ्लिपकार्ट डिलीवरी पैकेट के साथ सल्फास पाउडर के दो पाउच पैकेट मिले. जिसमें से एक कटा हुआ था.
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वाहिद के बड़े भाई शाहिद ने CRIME TAK को बताया कि... 24 सितंबर की रात करीब 9 बजे वाहिद के फोन से मैसेज आया. उस मैसेज में लिखा था कि भाई जल्दी से मेरे पास आ जाओ. मैं घर के पास में कार में हूं. इस मैसेज को पढ़ते ही उसे फोन किया तो उसने बस इतना कहा कि जल्दी आ जाओ, हालत खराब है. उस समय मैं मसूरी से दूर साहिबाबाद में था. इसलिए रिश्तेदारों और दोस्तों को मौके पर भेजा. सभी ने मिलकर उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया. तब तक मैं भी अस्पताल पहुंच गया.
वहां रात करीब 2 बजे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. शनिवार सुबह मसूरी थाने की पुलिस को जानकारी दी गई. इस पूरे मामले में फ्लिपकार्ट ऑनलाइन कंपनी पर सवाल है कि जो सल्फास किसी मेडिकल दुकान पर नहीं मिलती है और कहीं भी ऐसे नहीं मिलती उसे इस कंपनी ने कैसे बेचा.
शाहिद ने आरोप लगाया कि अगर ऑनलाइन कंपनी जहर नहीं बेचती तो आज मेरा भाई जिंदा होता. अब इस मामले को हमलोग उठाएंगे और पुलिस में एफआईआर दर्ज कराएंगे. 25 सितंबर को तो पोस्टमॉर्टम हुआ और अभी परिवार के लोग सदमे में हैं. लेकिन जल्द ही ऑनलाइन कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे ताकि कोई दूसरा इस तरह से जहर नहीं मंगा सके.
इस बारे में गाजियाबाद के मसूरी थाना प्रभारी ने बताया कि परिवार के लोगों ने पहले ऑनलाइन जहर मंगाने के बारे में जानकारी नहीं दी थी. लेकिन अब परिवारवाले फ्लिपकार्ट के खिलाफ कोई लिखित शिकायत देते हैं तो एफआईआर दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जाएगी.
ऑनलाइन ज़हर बेचने का देखिए पूरा सच
क्राइम तक ने Flipkart की वेबसाइट पर सल्फास बेचे जाने की पड़ताल की. इसके लिए फ्लिपकार्ट की वेबसाइट पर सल्फास (Celphos) सर्च किया. इसे सर्च करते ही 10 ग्राम के पाउच पैकेट से लेकर टीन डिब्बे में पैक सल्फास मिले. 10 ग्राम वाले पैकेट की कीमत 160 रुपये जबकि टीन वाले डिब्बे के सल्फास की कीमत 1700 रुपये दिखाई गई.
फिर हमने सोचा कि इसे खरीदने पर शायद कुछ नियम-कानून भी बताया जाएगा. क्योंकि बिना कृषि कार्य के इस सल्फास को नहीं खरीदा जा सकता है. दूसरे अन्य किसी ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ये सल्फास उपलब्ध भी नहीं मिली. लिहाजा, जब 10 ग्राम वाले सल्फास को खरीदने का प्रॉसेस किया तो 160 रुपये वाला पैकेट डिलीवरी चार्ज मिलाकर कुल 222 रुपये में आसानी से मिल गया.
कस्टमर केयर से पूछा, बोले सामान्य प्रोडक्ट की तरह सल्फास भी ले सकते हैं
सल्फास को आसानी से ऑनलाइन मिलने पर बड़ी हैरानी हुई. मृत युवक के भाई शाहिद ने बताया कि वाहिद के मोबाइल पर डिटेल देखा तो पता चला कि उसने 10 सितंबर को ही सल्फास के दो पैकेट का ऑनलाइन ऑर्डर किया था. दोनों पैकेट उसने घर के पते पर दिया था लेकिन डिलीवरी वाले से बात कर उसे बाहर ही रिसीव कर लिया था.
अब सवाल उठ रहा है कि फ्लिपकार्ट कंपनी की तरफ से कैसे किसी को भी सिर्फ ऑर्डर करने पर जहर की डिलीवरी की जा सकती है. इसलिए फ्लिपकार्ट के कस्टमर केयर पर कॉल किया. कस्टमर केयर अधिकारी से बात हुई तब ये सवाल पूछा कि फ्लिपकार्ट से सल्फास जैसे जहर को कोई भी खरीद सकता है?
इसके लिए कोई नियम-कानून है या नहीं? ये सवाल सुनकर कस्टमर केयर महिला अधिकारी कुछ देर के लिए पहले तो चुप हो गई. फिर बोली कि आपको थोड़ी देर कॉल होल्ड करनी होगी, फिर जवाब मिलेगा. हमने इंतजार किया.
थोड़ी देर बाद कस्टमर केयर अधिकारी बताती हैं कि, हां आप दूसरे प्रोडेक्ट की तरह इसे भी खरीद सकते हैं. फिर सवाल पूछा कि वैसे तो ये किसी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध नहीं है और अगर कोई इसे खरीदकर नुकसान पहुंचा ले तो क्या होगा? ये पूछे जाने पर कस्टमर केयर अधिकारी चुप हो गई और फिर कुछ देर तक बिना बोले कॉल कट कर दिया.
किसी मेडिकल दुकान पर नहीं मिलता सल्फास : केमिस्ट असोसिएशन
दिल्ली से सटे नोएडा के केमिस्ट असोसिएशन के अध्यक्ष और समाजसेवी अनूप खन्ना से जब सल्फास को ऑनलाइन मिलने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने हैरानी जताई. उन्होंने कहा कि किसी भी मेडिकल स्टोर पर सल्फास की बिक्री नहीं होती.
अनूप खन्ना ने बताया कि कोई इसे बेच ही नहीं सकता है. इसे सिर्फ कृषि कार्य के लिए बीज भंडार से ही खरीदा जा सकता है. वो भी कुछ नियम-शर्तों के साथ ही. ऑनलाइन बेचे जाने का सवाल ही नहीं है. इसलिए फ्लिपकार्ट के खिलाफ एक्शन लेने के लिए जल्द ही हमलोग पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन से मांग करेंगे.
नोएडा ड्रग्स डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने बताया कि सल्फास को सिर्फ कृषि कार्य के लिए ही बिक्री की जा सकती है. इसे किसी मेडिकल स्टोर पर नहीं बेचा जा सकता है. और ना ही ऑनलाइन इस तरह से किसी भी ग्राहक को दिया जा सकता है.
इस बारे में कृषि बीज भंडार संचालक विजय कुशवाहा से जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि सल्फास को कीटनाशक के तौर पर बेचा जाता है. लेकिन इसे किसान को ही सिर्फ बेच सकते हैं. लेकिन किसी को भी देने से पहले दो लोगों की मौजूदगी में एक कागज पर लिखित रूप में लिया जाता है कि इसका इस्तेमाल कृषि कार्य में होगा और कोई भी दुरुपयोग नहीं होगा. ऐसा होने पर उन्हीं दोनों की जिम्मेदारी होगी.
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