पंजशीर के ये बच्चे भी हैं शेर, हाथों में किताब की जगह हथियार, जज्बे से ख़ौफ़ खाते हैं तालिबानी
These children of Panjshir are also lions, weapons instead of books in their hands, Talibani are afraid afghanistan news update
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पंजशीर पर जीत पाना मुश्किल है. ये तो सब जानते हैं. क्योंकि पंजशीर ने तालिबान को स्पष्ट कर दिया है कि जब तक हमारा एक लड़ाका भी जिंदा रहा तो वो आखिरी सांस तक जंग करता रहेगा. पंजशीर ने ये भी कहा है कि हमारा आखिरी लड़ाका भी तालिबान को उसका झंडा फहराने नहीं देगा.
अब ये तस्वीर देखिए. जिन हाथों में किताबें होनी चाहिए. उन हाथों में क्या है? आधुनिक हथियार. जिन कंधों पर स्कूली बैग होने चाहिए. उन कंधों पर क्या है? गोला-बारूद और कारतूस से भरे बैग. लेकिन चेहरे पर कोई ग़म या गुस्सा नहीं. बल्कि गर्व है. गर्व इस बात का है कि वो अपने मुल्क को आजाद रखने के लिए लड़ रहे हैं. तब तक लड़ने के लिए तैयार हैं जब तक जिस्म में खून का आखिरी कतरा रहेगा.
My message to Taliban is unless there one person from Panjshir alive you won’t be able to rais your flag in #panjshir. Yake O Khulas
— Panjshir_Province (@PanjshirProvin1) September 3, 2021
Our especial forces from #Dara district group #Panjshir pic.twitter.com/hsgNytjkVo
जज्बा : सांसों की आखिरी डोर तक लड़ेंगे
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तब तक लड़ेंगे जब तक सांस की आखिरी डोर रहेगी. वो तब तक लड़ेंगे जब तक आखिरी लड़ाका जिंदा रहेगा. ऐसे में इन हौंसले के सामने तो दुनिया के बड़े-बड़े तानाशाह भी धराशायी हो जाएं. तो ये तालिबानी क्या चीज हैं. पिछले काफी समय से तालिबान पंजशीर पर झंडा फहराने का सपना देख रहा है.
ये मासूम लड़ाके कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि उन्होंने पंजशीर में जन्म लिया है. वो पंजशीर जिसने कभी हार नहीं मानी. एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में इन बच्चों ने बताया कि वो गुलामी में नहीं, अपनी आजादी में ही जीना चाहते हैं.
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इसलिए किताबों की जगह हथियार उठाया है. वो कहते हैं हम आजाद थे और रहेंगे. तालीम तो बाद में भी ले लेंगे लेकिन जब हम आजाद ही नहीं रहे तो फिर जिंदा रहना ही मुश्किल हो जाएगा. इसलिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे.
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ये ही वजह है कि जब पंजशीर ने ऐसे शेरों को जन्म दिया है तो यहां झंडा फहराना तो दूर कुछ घंटे तक रुकना भी तालिबान के लिए मुश्किल हो रहा है. इस बीच, पंजशीर ने ये भी कहा है कि उनकी सेना ने तालिबान के कई टैंक उड़ा दिए हैं. इसके अलावा, 82 तालिबानी लड़ाकों को भी कब्जे में ले लिया है.
तालिबानी प्रवक्ता का अपने लड़ाकों को कड़ा संदेश
तालिबान अभी भी पंजशीर पर झंडा फहराकर 4 सितंबर को सरकार बनाने की तैयारी में है. तालिबान ने ये दावा किया है कि वो पंजशीर पर कब्जा कर चुका है. लेकिन असल में पंजशीर में ऐसा नहीं हुआ है. वहीं. पंजशीर फतह का दावा करते हुए खुशी मनाते हुए काबुल में तालिबानी लड़ाकों ने जमकर फायरिंग की थी.
इसे लेकर तालिबानी प्रवक्ता मुजाहिद्दीन का एक बयान आया है. इस बयान में प्रवक्ता ने कहा कि अब कोई भी लड़ाका फायरिंग नहीं करेगा. इसके लिए उन्हें आदेश दे दिया गया है. अब हथियारों और फायरिंग का हिसाब भी रखा जाएगा.
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