'बाबा भोला' की बड़ी बहन ने खोल दिया सनसनीखेज राज, मुर्दे में जान फूंकने वाले 'चमत्कार' का भी सच आ गया सामने
Hathras Stampede News: हाथरस में हुई भगदड़ के बाद बाबा भोला मौके से फरार है। हालांकि इस हादसे की लिखी एफआईआर में भी भोला बाबा का नाम नहीं है, बावजूद इसके अब बाबा की बीती हुई जिंदगी के कुछ पन्ने जरूर पलटे जाने लगे हैं। इसी बीच बाबा की बड़ी बहन ने सामने आकर कुछ राज जरूर फाश किए।
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Hathras News: हाथरस के फुलरई गांव में साकार विश्व हरि के सत्संग में मची भगदड़ के बाद यूपी पुलिस की FIR में पुलिस के ही पूर्व हवलदार यानी सूरजपाल सिंह जाटव यानी नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। मगर इस हादसे के बाद भोले बाबा की जिंदगी के बरसों से बंद पन्ने जरूर अब पलटे जाने लगे हैं। इन पन्नों में छुपी इस भोला बाबा की कुछ ऐसे राज कुछ ऐसी कहानी सामने आई है जिसने सभी को हैरत में डाल दिया।
40 साल पहले हुई थी 'बाबा भोला' की शादी
यूपी के एटा जिले से कटकर अलग जिला बने कासगंज के पटियाली तहसील के रहने वाले सूरजपाल सिंह उर्फ एसपी सिंह उर्फ बाबा भोला यूपी पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। सूरजपाल सिंह जाटव की शादी गांव से 15 किलोमीटर दूर दरियावगंज कोटिया गांव की रहने वाली प्रेमादेवी से 40 साल पहले हुई थी। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली प्रेमा देवी सिर्फ इंटर पास हैं। प्रेमा देवी और सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा के कोई संतान नहीं थी। साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने बाबा बनने से पहले अपने भाई की बेटी को ही गोद ले लिया था। लेकिन कुछ ही दिनों में उस बच्ची को कैंसर हो गया था। उसके गले में गांठ पड़ गई थी।
बेहोश बच्ची होश में आई तो भक्तों ने समझ लिया चमत्कार
ये बात साल 2000 की है। जब एक रोज अचानक बीमार बच्ची बेहोश हो गई। इस समय तक सूरजपाल सिंह की बाबा वाली छवि जमाने में छा चुकी थी। और बाबा के अनुयायियों को लगा कि भोले बाबा बच्ची को ठीक करे देंगे। अनुयायियों के जोर देने और चमात्कार दिखाने की गुहार के बीच बाबा ने बच्ची को हिलाया डुलाया तो अचानक कुछ देर बाद बच्ची होश भी आ गया। इस बात का बाबा के भक्तों पर गहरा असर पड़ा और देखते ही देखते ये बात हवा में तैरने लगी कि भोले बाबा मुर्दे में जान भी फूंक सकते हैं। हालांकि होश में आने के कुछ ही देर बाद ही बच्ची की मौत हो गई। जब बच्ची का शव मल्ल का चबूतरा श्मशान घाट ले जाया गया तो वहां बाबा भोले के अनुयायी इस बात पर अड़ गए थे कि बाबा आकर बच्ची को फिर जिंदा कर देंगे। हालात इस कदर बिगड़े कि चार चार थानों की फोर्स मौके पर जा पहुँची और बाबा के अनुयायियों पर लाठीचार्ज करके साकार हरि उर्फ भोले बाबा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अपनी तरफ से मुकदमा लिखते हुए कार्रवाई की थी। ओसाद और चमत्कारी उपचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन सबूत के अभाव में कोर्ट से सूरजपाल साकार हरि उर्फ भोले बाबा समेत सात लोग बरी हो गए।
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बेऔलाद बाबा ने ट्रस्ट को दी सारी दौलत
औलाद नहीं होने की वजह से सूरजपाल सिंह जाटव ने 24 मई 2023 को अपनी सारी संपत्ति नारायण विश्व हरि ट्रस्ट के नाम कर दी थी। प्रेमादेवी को बाबा के भक्त माताजी के नाम से ही पुकारते थे। बताया जा रहा है कि जब बाबा भोले अपने अनुयायियों को प्रवचन देते थे तो उनकी पत्नी प्रेमा देवी हमेशा उनके बगल वाली कुर्सी पर बैठती थीं। लेकिन प्रेमादेवी कभी प्रवचन नहीं करती। बस बाबा के भक्तों को आशीर्वाद जरूर देती थीं।
नौकरी छोड़ने के बाद पागलों की तरह रहता था 'बाबा'
बाबा साकार विश्व हरि की बडी बहन सोनकली के मुताबिक उनका भाई सूरजपाल सिंह पुलिस में नौकरी करता था, लेकिन नौकरी के दौरान ही वह पागलों जैसी हरकत करने लगा था। वो ये साबित करने पर तुल गया था कि उस पर कोई ऊपरी शक्ति चमत्कार दिखाने लगी है। इसी पागलपन के दौरान वह दीवारों में सिर पटकने लगा था। सोनकली को न तो अपनी उम्र के बारे में पता है और न ही वो ये बता सकीं कि सूरजपाल की उम्र क्या है। सोनकली पढ़ी लिखी भी नहीं हैं। लेकिन उन्हें ये बात अच्छी तरह से याद है कि जिन दिनों उनका भाई नौकरी में था तभी उसकी हरकतें पागलों जैसी हो गई थी लिहाजा वो नौकरी छोड़कर दैवीय शक्ति को हासिल करने में लग गया। वो सब काम धाम छोड़कर भगवान की साधना और पूजा पाठ में लग गया। सोनकली के मुताबिक उसने तभी तय कर लिया था कि उसे भोले बाबा बनना है। सोनकली का दावा है कि उन्होंने अपनी आंखों के कई करतब देखे हैं।
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