गोरखपुर में पुलिसवालों का आतंक : आधी रात में चेकिंग करने आए तो इस शख्स ने पूछा, आतंकी हैं क्या? फिर राइफल की बट से पीटकर मार डाला

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गोरखपुर में पुलिसवालों का आतंक : आधी रात में चेकिंग करने आए तो इस शख्स ने पूछा, आतंकी हैं क्या? फिर...
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस की बर्बरता की एक बड़ी घटना सामने आई है. यहां के एक होटल में रुके कानपुर के कारोबारी की 6 पुलिसकर्मियों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. हत्या का आरोप वहां के एक थाने के एसएचओ समेत 6 पुलिसकर्मियों पर है.

बताया जा रहा है कि 27 सितंबर की रात में गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना एरिया के एक होटल में कारोबारी अपने दो अन्य दोस्तों के साथ रुके थे. आधी रात में अचानक चेकिंग के नाम पर 6 पुलिसवाले वहां पहुंचे और चेकिंग करने लगे.

तीनों कारोबारियों ने अपने आईडी प्रूफ दिखाए इसके बाद भी पुलिसवाले परेशान कर रहे थे. इसी बात को लेकर कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता ने पूछ लिया कि आधी रात में सोते समय चेकिंग करने का कौन सा समय है. क्या हम लोग आतंकवादी हैं? बस इसी आतंकवादी शब्द को सुनने के बाद तो पुलिसवालों ने ही अपना आतंक दिखाना शुरू कर दिया.

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इसके बाद कानपुर के कारोबारी की बंदूक की बट से और लाठी-डंडों से जमकर पीटा. जिससे वो लहूलुहान हो गए. घटना के दौरान थाना रामगढ़ताल के एसएचओ इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और दो दरोगा और अन्य 3 पुलिसकर्मी थे.

बताया जा रहा है कि होटल के कमरे में ही बंद कर काफी देर तक पीटा. जिससे वो लहूलुहान हो गए. इसके बाद पुलिसकर्मी उन्हें पीसीआर गाड़ी में डालकर ले गए. कुछ देर बाद ही पता चला कि अस्पताल में मनीष गुप्ता की मौत हो गई.

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मनीष गुप्ता कानपुर के रहने वाले थे और बिजनेस के सिलसिले में अपने दो दोस्तों के साथ गोरखुपर आए थे. इस मामले में घटना को लेकर जब लोगों ने सवाल उठाए और सोशल मीडिया पर आवाज उठाई तब गोरखपुर के SSP डॉ. विपिन ताडा ने रामगढ़ताल इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा और 4 सिपाहियों समेत कुल 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. साथ ही मामले के जांच के आदेश दिए हैं.

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तीनों दोस्त बिजनेस मीटिंग के लिए गए थे गोरखपुर

मृत मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने इस घटना को लेकर गोरखपुर में एसएचओ जगत नारायण सिंह, चौकी प्रभारी अक्षय मिश्रा, दरोगा विजय यादव और अन्य 3 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है.

महिला ने बताया कि उनके पति मनीष गुप्ता (35) और उनके दो अन्य दोस्त गुरुग्राम से प्रदीप चौहान (32) और हरवीर सिंह चौहान तीनों लोग बिजनेस मीटिंग के लिए गोरखपुर गए थे. तीनों लोग 27 सितंबर को गोरखपुर पहुंचे थे और कृष्णा पैलेस होटल में रुके थे.

होटल में शाम को एक बिजनेसमैन और दोस्त चंदन से इनकी मुलाकात हुई. मुलाकात के बाद तीनों खाना खाकर सो रहे थे. रात करीब साढ़े 12 बजे अचानक पुलिसवालों ने उनका होटल का कमरा खुलवाया. तीनों लोग होटल के रूम नंबर-512 में रुके थे.

घटना की इनसाइड स्टोरी का वीडियो भी देखें..

मेरे दोस्त खून से सने थे और पुलिसवाले घसीटकर ले गए

इस घटना के चश्मदीद हरवीर सिंह ने बताया कि रात में सो रहे थे तभी डोरबेल बजी. उस समय मैंने ही गेट खोला और बाकी दोनों साथी सो रहे थे. दरवाजे पर देखा तो एसएचओ और कई पुलिसवाले व होटल स्टाफ के लोग खड़े थे. पुलिसवालों ने कहा कि होटल में रुके संदिग्ध लोगों के बारे में जानकारी मिली है. इसीलिए वो चेकिंग कर रहे हैं. इसलिए पुलिसकर्मियों ने सभी के आईडी प्रूफ मांगे.

जिसे दिखाने के बाद सो रहे मनीष गुप्ता और दूसरे साथी को भी जगाया. तो मनीष गुप्ता ने सवाल पूछा कि इतनी रात में कौन सी चेकिंग हो रही है. इसके बाद उन्होंने अपने परिवार में किसी को फोन भी किया. फिर उन्होंने अपनी आईडी दिखाई तो पुलिसवाले बैग चेक करने लगे.

हमलोग बैग चेक करा रहे थे तो पुलिसवाले काफी गंदे तरीके से व्यवहार कर रहे थे. इतने पर मनीष गुप्ता वहां मौजूद पुलिस वालों से बोल बैठे कि इतनी रात में ये चेकिंग किस बात की हो रही है? हम लोग क्या आतंकवादी हैं?

सोते हुए इंसान को आप लोग उठाकर डिस्टर्ब कर रहे हैं. आरोप है कि इतने पर ही पुलिस वाले पूरी तरह से बौखला गए और पिटाई शुरू कर दी. आरोप ये भी है कि कुछ पुलिसवाले नशे में भी थे.

पुलिसवालों ने मनीष गुप्ता की इतनी बेरहमी से पिटाई कि वो लहूलुहान हो गए. कुछ देर बाद उनकी अधमरे जैसी हालत कर दी. इसके बाद पुलिसवाले मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए और पीसीआर गाड़ी में डालकर ले गए. उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गई

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माता-पिता के इकलौते बेटे थे मनीष

मनीष गुप्ता के साथियों ने बताया कि कुछ देर बाद ही पुलिसवालों ने घटना को छुपाने के लिए पूरी साजिश रचने लगे थे. घटना के बाद वही पुलिसवाले जब आए तो अपनी नेम प्लेट हटा चुके थे. इसके अलावा, आरोप ये भी है कि होटल में लगे सीसीटीवी को भी हटवा दिया है ताकी कोई सबूत ना मिल सके.

परिवार के लोगों ने बताया कि मनीष अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे. 5 साल पहले ही मनीष की शादी मीनाक्षी से हुई थी. इनका 4 साल का एक बेटा है. मनीष की मां की कुछ समय पहले ही मौत हुई थी.

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इस घटना से सदमे में आई मीनाक्षी ने अपने 4 साल के बेटे को गोद में लेकर इंसाफ की मांग की है. उन्होंने कहा कि यूपी में किस तरह का राज है. मीनाक्षी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पति ने बस एक सवाल पूछ लिया था और पुलिसवाले खुद ही आतंकी की तरह उनकी बर्बरता से पिटाई करने लगे और मौत के घाट उतार दिया. अब उनका 4 साल का बेटा है. उसे कैसे इंसाफ मिलेगा. उसकी पिता की परवरिश कैसे होगी. उन्होंने सीएम और पीएम से अपील की है कि उन्हें और उनके बेटे को इंसाफ मिले.

वहीं, इस घटना को लेकर गोरखपुर के एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि सभी आरोपी 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. मामले की जांच के लिए एक सीनियर अधिकारी के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी गई है.

इसके अलावा एफआईआर दर्ज हो गई है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं, पीड़ित परिवार का कहना है कि जांच करने वाले अधिकारी भी आरोपी पुलिसकर्मियों से मिलीभगत कर मामले को छुपा रहे हैं. इसलिए इसकी विशेष टीम से जांच कराई जाए

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