Shams Ki Zubani : ज़िंदा मोहब्बत की मुर्दा शादी, ज़िंदा-मुर्दा इश्क़ की सबसे अजीब दास्तान

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Shams Ki Zubani : ज़िंदा मोहब्बत की मुर्दा शादी, ज़िंदा-मुर्दा इश्क़ की सबसे अजीब दास्तान
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Shams ki Jubani : आज की कहानी ऐसे मर्डर मिस्ट्री की है. जिसमें प्यार को पाने के लिए इंसानियत का खून कर दिया गया. इस कहानी की शुरुआत होती है उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर से. यहां के इंजीनियरिंग कॉलेज के पास में ही कमलेशपुरम कॉलोनी है. इस कॉलोनी में काफी संख्या में लोग रहते हैं.

क्राइम की ये कहानी भी उसी कॉलोनी से जुड़ी है. साल 2011 की. उस समय गर्मी तेज थी. तारीख थी 10 जून. उस शाम को 24 साल की शिखा दुबे घर से निकली तो थी लेकिन फिर लौटी नहीं. परिवार के लोग तलाश करते हैं. पुलिस को सूचना देते हैं.

लेकिन कोई जानकारी नहीं मिलती है. इसके अगले ही दिन 11 जून एक लाश मिलती है. उस लड़की की कद काठी पूरी तरह से वैसे ही जैसे शिखा की थी. कपड़े भी वही जो लापता होते समय शिखा ने पहने थे. पुलिस और शिखा के पिता राम प्रकाश दुबे दोनों ने उसकी शिनाख्त कर ली.

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जंगल में हत्या से सनसनी, आरोपी दीपू की तलाश तेज

Crime ki Kahani : अब उस लाश की पहचान होते ही लड़की के पिता से पूछा गया. आपको किस पर शक है. बिना कोई समय गंवाए शिखा के पिता राम प्रकाश तुरंत कहते हैं कि कातिल वही है. जिसके साथ वो भागी थी. नाम है दीपू यादव. अब गोरखपुर पुलिस ने तुरंत गुमशुदगी मामले की रिपोर्ट को हत्या की धाराओं में तब्दील किया. और हत्यारे की तलाश शुरू कर दी.

इधर, शिखा के परिवार ने उस लाश का पोस्टमॉर्टम कराया. फिर अंतिम संस्कार भी कर दिया. अब परिवार के लोग आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग रहे थे. इस घटना से लोगों में भी नाराजगी थी. गुस्से में लोग तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे थे. पुलिस के आला अधिकारी भी मामले में तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

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पुलिस अब आरोपी की तलाश के लिए उसके परिवार के लोगों से कड़ाई से पूछताछ शुरू की. पुलिस ने इस केस की जांच पुराने देसी पैटर्न पर की. उसके करीबी दोस्तों के बारे में पता लगाया. 50 से ज्यादा दोस्तों और परिवार के लोगों से पूछताछ करने पर एक ऐसे दोस्त की जानकारी मिली.

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जिससे पूछताछ करने पर पुलिस को पता चला कि दीपू यूपी के ही सोनभद्र में हो सकता है. अब पुलिस सोनभद्र में आरोपी दीपू के फोटो के सहारे उसकी तलाश करते हुए वहां तक पहुंच गई जहां वो छुपकर और नाम बदलकर रह रहा था.

दीपू की तलाश में दरवाजा खुलते ही पुलिस रह गई सन्न

Shams Ki Jubani : अब पुलिस सादे ड्रेस में उसकी तलाश करते हुए एक कमरे के दरवाजे तक पहुंचती है. दरवाजा खटखटाती है. उस दरवाजे को एक लड़की खोलती है. उस लड़की को देखते ही सादे ड्रेस में पहुंची पुलिस चौंक गई. पुलिस की आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था कि क्या वो सच में ये देख रहे हैं. क्योंकि वो लड़की कोई और नहीं बल्कि मरी हुई शिखा दुबे थी.

फिर पुलिस को कमरे में दीपू भी मिल गया. अब पुलिस के सामने वही सवाल था कि जब शिखा जिंदा है तो फिर मरने वाली लड़की कौन थी? अब इस बारे में शिखा और दीपू से पूछताछ की गई तब बेहद ही चौंकाने वाली बात सामने आई.

दीपू और शिखा ने बताया कि इस अपराध में सिर्फ वही दोनों नहीं बल्कि दो और बड़े किरदार हैं. जिसमें सबसे अहम दीपू का एक दोस्त है. जिसका नाम सुग्रीव है. जो पेशे से ट्रांसपोर्ट कारोबारी था. उसकी कई गाड़ियां चलतीं हैं. उससे मिलकर ही खौफनाक साजिश को अंजाम दिया था. क्राइम के इन किरदारों में आखिर में ट्रक का एक खलासी भी शामिल हो गया था.

प्यार को अंजाम देने की सबसे ख़ौफ़नाक कहानी

Shams Ki Jubani : दीपू और शिखा ने पुलिस को बताया कि दोनों एक दूसरे को बेहद प्यार करते हैं. दोनों का घर आसपास में ही है. इसलिए उनके मिलने पर लोगों को शक हो गया. इस बारे में शिखा के परिवार को जानकारी हुई तो पिता ने सबसे ज्यादा विरोध किया था.

पिता ने साफ-साफ कह दिया था कि कुछ भी हो जाए उस लड़के से शादी नहीं होने दूंगा. अगर ऐसा हुआ तो सबलोग मेरा मरा हुआ मुंह देखेंगे. ऐसे में दोनों परेशान हो गए थे. इसलिए घरवालों को बिना बताए ही 18 अप्रैल 2011 को एक मंदिर में जाकर शादी कर ली थी. शादी के बाद बिना किसी को बताए दोनों अपने-अपने घर चले गए.

अब दोनों एक साथ रहना चाहते थे लेकिन ये बात पता थी कि घरवाले तो राजी नहीं होंगे. अब घर छोड़कर भाग गए तो पुलिस केस होगा. पकड़े गए तो दोनों फिर से अलग हो जाएंगे. ऐसे में ट्रांसपोर्ट कारोबारी सुग्रीव ने बताया कि वो काम के सिलसिले में सोनभद्र भी आता-जाता है. वहां एक शादीशुदा लड़की है. उसका नाम पूजा है. उसकी उम्र भी 25-26 साल ही है.

वो बिल्कुल शिखा जैसी दिखती है. दुबली-पतली वैसी ही है जैसी शिखा है. पूजा की लंबाई भी शिखा के जैसी ही है. उसकी एक बेटी है. परिवार काफी गरीब है. मुश्किल से दो वक्त की रोटी कमा पाते हैं. इसलिए एक बार वो काम के सिलसिले में मुझसे मिली थी. ऐसे में हम उसे काम के बहाने गोरखपुर बुला सकते हैं. पूजा का नाम आते ही प्यार को अंजाम देने के लिए इनके दिमाग में एक खतरनाक साजिश पनप जाती है.

3 हजार रुपयों का लालच देकर उसे मारा

Crime Ki kahani Hindi me : अब सुग्रीव के कहने पर काम के सिलसिले में पूजा गोरखपुर तक आने को तैयार हो जाती है. उसे 3 हजार रुपये देने का वादा किया जाता है और कुछ रुपये एडवांस भी देते हैं. ऐसे में पूजा राजी हो गई. वो परिवार से किसी को बुलाकर अपनी 3 साल की बेटी भी उन्हें देखरेख के लिए सौंप देती है. ताकी गरीबी में उसकी कमाई से भी घर का खर्चा चलाना आसान हो जाए. लेकिन उसे क्या पता था कि जहां वो जा रही है वहां उसे मौत मिलेगी.

अब वो तारीख तय की गई 10 जून. इसी तारीख को सुग्रीव खुद ही एक ट्रक लेकर सोनभद्र से गोरखपुर के लिए चला था. उस ट्रक में खलासी बलराम भी था. अब ट्रक से ही पूजा को लेकर सुग्रीव और खलासी बलराम गोरखपुर आते हैं. यहां के सुनसान जंगल वाले इलाके में ले आते हैं. यहां बताते हैं कि कुछ लोग मिलने के लिए आएंगे. इसी बीच, सुग्रीव ने फोन करके शिखा और दीपू को भी वहीं पर बुला लिया. घर से निकलने से पहले ही दीपू मार्केट से पूजा के लिए नए कपड़े खरीद लिया होता है. उसे बैग में रखकर दोनों जंगल में पहुंच जाते हैं.

Shams Ki Jubani : फिर पूजा को उस जगह से दूर ले जाते हैं जहां ट्रक खड़ा था. ऐसा इसलिए ताकी ट्रक के पहियों का निशान ना मिले. इसके बाद सुग्रीव और दीपू दोनों मिलकर पूजा की गला दबाकर हत्या कर देते हैं. इस मर्डर के बाद शिखा अपनी साजिश की शुरुआत करती है. वो मर चुकी पूजा के कपड़े उतारकर अपने पास रख लेती हैं. और जो कपड़े पहनकर खुद घर से आई थी वही कपड़े उतारकर मरी हुई पूजा को पहना देती है.

शिखा हमेशा अपने गले में एक धागा पहनती थी. उस धागे को भी उतारकर पूजा के गले में डाल दिया. और चप्पल भी आसपास में छोड़ फेंक देती है. इसके बाद शिखा नए कपड़े पहनकर तैयार हो जाती है. फिर धारदार और भारी हथियार से पूजा का चेहरा पूरी तरह से कुचल दिया जाता है. ताकी किसी भी तरह से चेहरा पहचान में नहीं आए.

इस तरह मरी हुई पूजा को शिखा का रूप देकर सभी अलग-अलग निकल जाते हैं. दीपू और शिखा दूसरी गाड़ी से वहां से निकल जाते हैं. वहीं, सुग्रीव और खलासी पूजा के शव को वहां से लेकर सिंघाड़ियां के पास जंगल किनारे छोड़ देते हैं ताकी उनके बारे में कोई भनक नहीं लग सके. इसके बाद धारदार हथियारों को दूर के नहर में फेंक देते हैं. इसके बाद दोनों ट्रक लेकर निकल जाते हैं. सुग्रीव के कहने पर ही दीपू और शिखा सोनभद्र में जाकर नाम बदलकर रहने लगते हैं.

पिता ने बेटी को देखा, चेहरे को छुआ फिर बोले, ये मेरे लिए मर चुकी है

Murder Mystery in Hindi : इस पूरे ब्लाइंड मर्डर केस का पुलिस ने 21 जून 2011 को खुलासा किया था. शिखा को जब उसके पिता से मिलवाया गया तो पहले तो उन्हें भरोसा ही नहीं हुआ. ये सोचा ही नहीं था जिन हाथों से बेटी का अंतिम संस्कार किया था, अभी वो हाथ उसे दोबारा जिंदा भी छू सकेंगे. इसलिए भरोसा करने के लिए उन्होंने पहले शिखा के चेहरे को अपने हाथों से छुआ. छूकर ये पता लगया कि वाकई ये शिखा ही तो है.

फिर जब यकीन हो गया कि वो लड़की शिखा यानी मेरी बेटी ही है तब पुलिस के सामने कह दिया था कि...ये मेरी बेटी है, लेकिन वह मेरे लिए मर गई है. वो उसी दिन मर गई थी जब उसने दीपू से शादी करने की बात कही थी. इस केस में दीपू, शिखा, सुग्रीव और खलासी बलराम को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

लेकिन अफसोस उस पूजा का. जो गरीबी में अपनी मासूम 3 साल की बच्ची को छोड़कर गोरखपुर आ गई. और बिना किसी दुश्मनी के मौत की नींद सो गई. अफसोस इस बात का कि प्यार को पाने के लिए दो लोगों ने खुद के बजाय उस मासूम पूजा की कुर्बानी दे दी. जिस प्यार के लिए दोनों ने दूसरे का परिवार तबाह किया वो बाद में खुद भी शादीशुदा जिंदगी गुजार नहीं सके. जेल से जमानत पर आने के बाद दोनों अलग हो गए.

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