रहस्य में लिपटी एक फ़िल्म की स्क्रिप्ट, एक ऐसी पटकथा जिसे सुनने वाला हीरो ज़िंदा नहीं बचा
शम्स की ज़ुबानी, एक फिल्म की जानलेवा कहानी, रहस्य में लिपटी फिल्म की पटकथा, सुनने वाला हीरो फिर ज़िंदा नहीं बच सका Shams Ki Zubani The Curse of Atuk - a Hollywood script that has killed 6 actors!
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Shams Ki Zubani: क्राइम की कहानी (Crime Ki Kahani) में आज का क़िस्सा ज़रा अजीब भी है और अनोखा भी। अजीब इसलिए क्योंकि अक्सर हम श्राप मनहूस और बदनसीब जैसे शब्द हिन्दुस्तान में तो अपनी आम ज़िंदगी में मान ही लेते हैं लेकिन अगर इन्हीं शब्दों के सहारे दुनिया के अलग अलग हिस्सों खासकर पढ़े लिखे और तरक़्कीपसंद समाज में भी सुने और देखें जाएं तो ज़रा अजीब सा लगता है।
लेकिन ये क़िस्सा अनोखा इसलिए है क्योंकि दुनिया को बेहतरीन फिल्म, शानदार कहानियां और लाजवाब स्क्रीनप्ले देने वाला हॉलीवुड (Hollywood) भी अगर ऐसी किसी दकियानूसी बातों पर यकीन करता दिखाई दे तो उसे अजीब कहना शायद जायज हो सकता है।
इस कहानी की शुरूआत कनाडा (Canada) के बफिन आईलैंड से होती है। उस बफिन आईलैंड के पहाड़ों का एक मशहूर लोकगीत था जो दरअसल उस इलाक़े की एक बड़ी मशहूर कहानी थी जिसे गीतों में ढाला गया था। और उस गीत को बफिन आईलैंड के इलाक़े में लोग बड़ी शिद्दत और श्रद्धा से गुनगुनाते थे।
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Curse of Hollywood: उस गीत में छुपी कहानी ये थी कि एक खूबसूरत महिला उन पहाड़ों पर आती है वहां रहती है, और उसी इलाक़े में रहने वाला एक लड़का उस महिला की खूबसूरती का दीवाना हो जाता है। उससे प्यार करने लगता है। कुछ दिनों के बाद वो महिला भी उन पहाड़ों से चली जाती है। लेकिन उसका दीवाना हो चुका एक लड़का उसी जहाज में चुपके से उसके साथ हो लेता है।
वक़्त बीतता है, वो लड़का एक अमीर इंसान की बेटी की जान बचाता है और धीरे धीरे वो खुद भी एक अमीर इंसान बन जाता है। लेकिन वक़्त फिर करवट लेता है और वो लड़का अपना दिमागी संतुलन खो बैठता है और पागल हो जाता है। ये कहानी कनाडा के उस हिस्से से एक गीत की शक्ल में सामने आई थी। जो उस पूरे इलाक़े में बहुत मशहूर हो जाती है।
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कनाडा फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े एक फिल्म निर्माता जब उस गीत को सुनते हैं तो उस गीत पर आधारित एक कहानी पर फिल्म बनाने का फैसला करते हैं। इस फैसले के बाद वो फिल्म निर्माता एक प्रॉडक्शन हाउस यूनाइटेड आर्टिस्ट से संपर्क करते हैं। इसी बीच उन फिल्म निर्माता की मुलाक़ात टॉड कैरल (Todd Carol) से होती है जो खुद एक अच्छे फिल्म लेखक थे और अच्छी स्क्रिप्ट लिखने में माहिर थे।
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Shams Ki Zubani वो फिल्म निर्माता उन्हें उसी गीत पर आधारित कहानी और स्क्रिप्ट लिखने की ज़िम्मेदारी सौंप देते हैं। टॉड कैरल ने इस जिम्मेदारी को उठा लिया और पटकथा पर काम शुरू भी कर देते हैं और आखिरकार 1979 में टॉट कैरल ने एक फिल्म की कहानी मुकम्मल कर डाली। सभी को टॉड कैरल की लिखी वो कहानी बेहद पसंद भी आई।
उस कहानी में सिर्फ जगह और कुछ किरदारों को बदल दिया गया था। अब इस कहानी को अमेरिका में फिल्माने का फैसला किया जाता है। कहानी को फिल्माने की तमाम औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद मुख्य किरदार को निभाने के लिए एक्टर की तलाश शुरू हुई। इस फिल्म का नाम रखा गया था अतुक यानी ATUK।
इस फिल्म के मुख्य किरदार के लिए उस वक़्त के जाने माने हास्य कलाकार जॉन बेलूशी को संपर्क किया गया। जॉन बेलूशी का हॉलीवुड में अच्छा खासा नाम था एक अच्छा मकाम था। जॉन बेलूशी ने फिल्म की कहानी सुनी तो वो बेहद खुश भी हुए। उन्हें कहानी पसंद आई और लगा कि ये कहानी फिल्मी पर्दे पर अच्छा प्रदर्शन भी करेगी। लिहाजा उन्होंने फिल्म में काम करने के लिए अपनी रज़ामंदी दे दी।
Curse of Hollywood : जॉन बेलूशी ने ये कहानी सुनी थी जनवरी 1982 को लेकिन कहानी सुनने के दो महीने के बाद ही जॉन बेलूशी एक हादसे का शिकार हो जाते हैं। वो जिस होटल में रुके हुए थे 5 मार्च 1982 को उनकी लाश संदिग्ध हालत में उसी होटल में मिलती है। 33 साल के जॉन बेलुशे की रहस्यमयी मौत से हॉलीवुड सहम गया।
जिस हालत में जॉन की लाश मिली थी उसकी तफ़्तीश की गई तो फॉरेंसिंक रिपोर्ट में ड्रग्स के ओवरडोज़ का मामला सामने आया। तफ्तीश आगे बढ़ी कि आखिर ड्रग्स का ओवरडोज़ किसने और कैसे दिया वो भी इतने मशहूर एक्टर को। दो महीने की जांच के बाद इस मामले में एक नाम सामने आया एवलिन स्मिथ का। जो एक महिला थीं और उन्होंने ये बात पुलिस के सामने स्वीकार कर ली कि जॉन को ड्रग्स उन्हीं ने दिया था। उसके बाद स्मिथ के ख़िलाफ मुकदमा चला और 15 महीने की सज़ा दे दी गई।
मुख्य एक्टर की मौत के बाद अतुक फिल्म अटक गई। अब एक बार फिर नए सिरे से एक्टर की तलाश शुरू हुई। क़रीब चार साल गुज़र गए। 1986 में सैम किनिसन को ये कहानी सुनाई गई। कहानी सुनकर सैम ने भी हांमी भर दी। और अब अतुक फिल्म के लिए सैम लीड रोल के लिए तैयार हो गए। 1988 में सिर्फ आठ दिन की शूटिंग के बाद अचानक एक रोज सैम ने शूटिंग रुकवा दी और स्क्रिप्ट को लेकर डायरेक्टर और प्रोडक्शन हाउस के साथ झगड़ा कर लिया। ऐतराज ज़ाहिर किया कि जिस तरह से फिल्म बनाई जा रही है उसे और स्क्रिप्ट को फिर से बदलने पर ज़ोर देने लगे। सैम और डायरेक्टर के बीच बात इस कदर उलझी कि बात कोर्ट तक पहुँच गई।
Shams Ki Zubani फिल्म एक बार फिर लटक गई। और 1992 तक फिल्म शुरू नहीं हो सकी। लेकिन तमाम जद्दोजहद और झगड़े निपटाने के बाद सैम फिर से शूटिंग करने को राजी हो गए। लेकिन तभी 10 अप्रैल 1992 को सैम की भी मौत हो गई। सैम उस वक़्त सिर्फ 38 साल के थे। सैम की मौत एक हादसे के शक्ल में सामने आई, जब वो अपनी गाड़ी में थे तभी सामने से एक ट्रक ने टक्कर मार दी और उस हादसे में सैम की मौत हो गई। ट्रक ड्राइवर ने शराब के नशे में सैम की गाड़ी को टक्कर मार दी थी।
ट्रक ड्राइवर की उम्र महज 17 साल की थी। इस हादसे के वक़्त एक अजीब वाकया भी हुआ। असल में जिस वक़्त सैम अपनी गाड़ी से जा रहे थे ऐन उनकी गाड़ी के ठीक पीछे एक दूसरी गाड़ी में उनके बेहद क़रीबी दोस्त कार्ल लाबोव मौजूद थे। हादसे के बाद जैसे ही कार्ल दौड़कर सैम की गाड़ी तक पहुँचे तो उन्होंने अपने कानों से सुना की सैम ने तीन बार एक ही शब्द दोहराये, मैं मरना नहीं चाहता।
कार्ल के मुताबिक हादसे के बाद जब सैम बेहोशी के आलम में बड़बड़ा रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि वो किसी से बात कर रहे हों और उससे कह रहे हों कि मैं अभी मरना नहीं चाहता। जबकि हादसे की जगह पर उनके पास और कोई दूसरा था ही नहीं। लेकिन सैम के मुंह से निकली दूसरे शब्दों ने कार्ल को भी बुरी तरह से चौंका दिया था। सैम ने कहा था कि बट वाई (BUT WHY), और फिर सैम के मुंह से निकला ओके ओके...और ये कह कर सैम दम तोड़ देते हैं। कार्ल ने ये बात हादसे के बाद सभी को बताई। कार्ल का कहना था कि सैम को देखकर ऐसा लग रहा था कि मानों वो किसी से बात कर रहे हों।
Curse of Hollywood : अतुक फिल्म एक बार फिर लटक गई। क्योंकि इस फिल्म के लीड रोल को निभाने वाले दूसरे एक्टर की मौत हो चुकी थी। वक़्त बीता और दो साल और गुज़र गए। 1994 में फिल्म के डायरेक्टर और प्रॉडक्शन हाउस ने इस बार लीड रोल के लिए जॉन कैन्डी चुन लिया गया। जॉन कैन्डी को अब इस फिल्म में लीड रोल करना था। कैनेडी ने फिल्म की कहानी सुनने की इच्छा जाहिर की।
1994 की शुरूआत में कैन्डी को फिल्म की कहानी सुनाई जाती है। उन्हें भी कहानी पसंद आती है और वो रोल करने के लिए राजी हो जाते हैं। लेकिन फिर दो महीने के बाद कैन्डी की भी मौत हो जाती है। 4 मार्च को कैन्डी 43 साल की उम्र में मौत की नींद में सो गए। कैन्डी की मौत उनके ही अपार्टमेंट में हुई। पोस्टमार्टम में कैन्डी की मौत की वजह सामने आई दिल का दौरा। क्या अजीब इत्तेफ़ाक था कि अतुक फिल्म के तीसरे हीरो की मौत हो गई। और वो भी कहानी सुनने के दो महीने के बाद।
बताते हैं कि क़ैन्डी ने इस फिल्म की कहानी सुनने के बाद अपने एक दोस्त माइकल ओ डोंगो को भी फिल्म की कहानी सुनाई और उनसे फिल्म में सहयोगी कलाकार की भूमिका निभाने का ऑफर भी दे दिया था। इत्तेफाक़ से कैन्डी की मौत के कुछ रोज बाद ही माइकल की भी मौत हो गई। 54 साल के माइकल की मौत ब्रेन हैमरेज से हुई।
Shams Ki Zubani अतुक फिल्म का ये अजीब इत्तेफाक निकल कर सामने आया कि तीन लीड एक्टर की मौत हो गई जबकि चौथे की मौत भी उसी फिल्म की कहानी सुनने के बाद हो गई क्योंकि उसने भी फिल्म में काम करने के लिए रज़ामंदी दे दी थी। ये इस फिल्म से जुड़ा चौथा हादसा था।
इस हादसे के कुछ अरसा बाद इस 1997 में एक बार फिर इस फिल्म को बनाने का सिलसिला शुरू किया जाता है। और इस बार फिल्म के लीड रोल के लिए क्रिस फैरली को चुना जाता है। इत्तेफाक देखिये कि क्रिस फारले बेलुशी को अपना आदर्श मानते थे।
ये वही बेलुशी थे जिन्हें सबसे पहले ये फिल्म ऑफर की गई थी और उन्होंने फिल्म में काम करने की रज़ामंदी भी दे दी थी लेकिन कहानी सुनने के दो महीने के बाद ही उनकी मौत हो जाती है। लिहाजा क्रिस इस रोल को पाकर बेहद खुश थे। फिल्म एक बार फिर फ्लोर पर आने को तैयार थी लेकिन बदनसीबी एक बार फिर सामने आकर खड़ी हो गई।
लेकिन स्क्रिप्ट सुनने के कुछ ही महीनों के बाद 18 दिसंबर 1997 को फैरली की भी मौत हो जाती है। यहां भी इत्तेफाक आकर खड़ा हो गया कि फैरली की भी मौत उनके अपार्टमेंट में ड्रग्स के ओवरडोज़ से हुई। एक और इत्तेफाक कि फैरली की मौत भी जब हुई तो उनकी उम्र भी 33 साल की ही थी।
Curse of Hollywood : अतुक फिल्म से जुड़ा ये पांचवा हादसा था जब फिल्म के लीड रोल के लिए अभिनय करने वाले एक्टर की मौत हो गई थी। एक और इत्तेफाक यहां सामने आया। फैरली ने स्क्रिप्ट सुनने के बाद अपने एक दोस्त को भी इस फिल्म की कहानी सुनाई थी। उसका नाम था फिल हार्टमैन। एक रोज फिल हार्टमैन का अपनी बीवी से झगड़ा होता है और उसकी बीवी ब्रिन हार्टमैन ने उसे गोली मार दी थी।
जिसकी इत्तेला फिल के एक दोस्त को खुद ब्रिन फोन पर देती है। लेकिन इसके बाद जब उसकी बीवी से पूछा जाता है कि वाकया क्या हुआ था तो ब्रिन ने जो कुछ कहा वो बेहद चौंकाने वाला था क्योंकि वो कहती है कि उसे नहीं मालूम कि उसने क्यों फिल को गोली मार दी। बस यूं ही उसे लगा कि उसे मार देना चाहिए और उसने फिल को दो गोली मार दी। और ये सब बताने के बाद ब्रिन ने खुद को भी गोली मार ली।
इस तरह से अतुक फिल्म से जुड़े किरदारों में सात लोग मौत के मुंह में जा चुके थे। पांच वो जिन्हें फिल्म में लीड रोल करना था, एक ऐसा शख्स जिसे सहायक भूमिका करनी थी लेकिन उसने कहानी सुन ली थी और छठी मौत वो जिसे उसके दोस्त ने फिल्म की कहानी सुनाई थी। और सातवीं मौत वो जिसने उसे मौत दी उसने खुद को भी नहीं छोड़ा।
Shams Ki Zubani सात मौत, एक फिल्म एक स्क्रिप्ट अतुक। इस पूरे किस्से में दो ऐसी मौत थी जिसमें उन्हें मरने से पहले किसी से बात करते देखा गया था। फिल्म से जुड़ा ये हादसे जैसा क़िस्सा अब मीडिया के लिए मसालेदार ख़बर बन चुका था। इस बात को ज़ोर मिलने लगा कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट में ही कुछ ऐसा खोट है जिसकी वजह से ये हादसे की शक्ल में मौत बार बार दस्तक दे रही है। हालांकि फिल्म के लेखक ने इन तमाम अंधविश्वास से भरी कहानियों को सिरे से खारिज कर दिया था। टॉट कैरल इसे महज एक इत्तेफाक से ज़्यादा कुछ मानने को तैयार नहीं थे।
धीरे धीरे ये बात अमेरिका में चारो तरफ फैल गई। हॉलीवुड में इस फिल्म की कहानी के चर्चे होने लगे। और ये बात हवा में फैल गई कि जिस किसी ने भी इस फिल्म की कहानी को सुना वो अपना जान से हाथ धो बैठा। लिहाजा अब ये धारणा हॉलीवुड में भी बैठ गई कि इस फिल्म की कहानी और स्क्रिप्ट ही मनहूस है। ज़ाहिर है इस धारणा ने हॉलीवुड के तमाम एक्टरों के दिलों में भी डर पैदा कर दिया। और करीब करीब सभी ने इस फिल्म से किनारा करना शुरू कर दिया।
इसके बाद टॉड कैरल और यूनाइटेड आर्टिस्ट ने मिलकर तय किया कि इस स्क्रिप्ट को किसी बक्से में बंद करके रख दिया जाए क्योंकि अब मौजूदा हालात में इस फिल्म पर काम करने को कोई भी राजी नहीं होगा लिहाजा। 1997 के बाद से दोबारा इस फिल्म पर किसी ने काम करने का विचार भी नहीं किया।
ऐसे में यही सवाल खड़ा होता है कि आखिर ये सब क्या था, एक अंधविश्वास, या एक इत्तेफाक़, या फिर हादसा। हालांकि इस फिल्म से जुड़े लोगों का अब भी यही मानना था कि ये इत्तेफाक़ से ज्यादा कुछ भी नहीं। लिहाजा अतुक फिल्म की स्क्रिप्ट की ये अनबूझ पहेली यूं ही अपने राज़ के साथ कहीं किसी अलमारी किसी बक्से में बंद है।
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