दीपावाली की रात तांत्रिक ने ऐसा इंद्रजाल फैलाया जिसे देखकर पूरा मोहल्ला सिहर उठा

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दीपावाली की रात तांत्रिक ने ऐसा इंद्रजाल फैलाया  जिसे देखकर पूरा मोहल्ला सिहर उठा
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Shams Ki Zubani: क्राइम के क़िस्से में आज की कहानी भी जादू टोने टोटके पर आंख बंदकरके भरोसा करने की है, जिसके चक्कर या यूं भी कह सकते हैं चुंगल में फंस कर इंसान कब अपनी और अपने परिवार की जिंदगी तक तबाह कर डालता है पता भी नहीं चलता। कितने लोगों की अच्छी खासी ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है। ये ऐसा तिलस्म हैं जिसके चक्कर में फंसकर सुख शांति गंवाने के साथ साथ लोगों की माली हालत तक खराब हो जाती है।

क्राइम के क़िस्से में आज की कहानी मध्यप्रदेश के होशंगाबाद ज़िले की है। इस कहानी का एक किरदार है योगेश। पान की दुकान चलाने वाला योगेश होशंगाबाद के बानापुर इलाक़े में अपनी पत्नी और अपने 12 साल के बेटे के संग रहता था। मियां बीवी दोनों मिलकर घर गृहस्थी की गाड़ी बड़े ही मज़े में चला रहे थे। योगेश पान की दुकान चलाता था जबकि उसकी पत्नी गृहस्थी चलाने में अपने पति की मदद करती थी और किराना स्टोर के साथ साथ एक आटा चक्की को चलाती थी।

Shams Ki Zubani: आमतौर पर योगेश रोज सुबह सवेरे ही अपनी दुकान खोल लिया करता था। लेकिन 4 नवंबर 2021 को ये नियम टूट गया। हालांकि वो दीपावली का दिन था और योगेश के पड़ोसियों ने देखा कि जो दुकान सुबह छह बजे खुल जाया करती थी वो दुकान दोपहर तक नहीं खुली। पड़ोसियों को फिक्र हुई।लेकिन त्योहार का मौका मानकर पड़ोसियों ने समझा कि मुमकिन है कि त्योहार की वजह से थकान वगैराह की वजह से भी हो सकता है कि दुकान न खोली हो। पड़ोसियों ने ये भी सोचा कि मुमकिन है कि त्योहार की वजह से योगेश परिवार को लेकर अपने पिता के घर आंवली घाट चला गया हो। जो कि वहां से ज़्यादा दूर नहीं था।

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सुबह से शाम हो गई योगेश के घर में कोई हलचल नहीं हुई। लेकिन देर शाम बाइक सवार एक नौजवान आता है और योगेश के दरवाजे पर दस्तक देता है, कोई भी दरवाजा नहीं खोलता। मोहल्ले के लोगों ने जब उस नौजवान से वहां आने का मकसद पूछा तो उसने कहा कि वो आंवलघाट से लौट रहा है, और वहां एक शख्स ने अपने बेटे और उसके परिवार के लिए कुछ प्रसाद वगैराह भेजा है वही देने वहां तक आया है।

Shams Ki Zubani: ये सुनकर मोहल्ले के लोग बुरी तरह चौंक जाते हैं कि योगेश अपने परिवार के साथ अपने पिता के घर नहीं गया। तब योगेश के उस दोमंजिला मकान को मोहल्ले वालों ने देखा। इसी बीच पिछले दरवाजे के पास की खिड़की से जब बाइक सवार नौजवान ने झांककर देखा तो उसकी चीख निकल गई। क्योंकि खिड़की के भीतर कमरे में पड़े बेड पर खून से लथपथ लाशें पड़ी हुई थीं।

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फौरन मोहल्लेवालों ने पुलिस के इसकी इत्तेला दी। पुलिस मौके पर आई और दरवाजा तोड़कर घर के भीतर दाखिल हुई। घर के भीतर का मंज़र देखकर सभी की चीख निकल गई क्योंकि वहां योगेश उसकी बीवी और उसके बच्चे की लाशें थीं और सभी की सभी खून से लथपथ। घर में सामान बिखरा हुआ था। ऐसा लगता था कि मानों किसी ने किसी चीज को तलाश करने की कोशिश की है।

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Shams Ki Zubani: योगेश के घर में तीन लाशों ने सारे मोहल्ले में दहशत फैला दी। तब पुलिस ने तफ्तीश के सिलसिले में घर की तलाशी ली। पुलिस को घर की दीवारों पर खून के छींटों के अलावा जिस एक चीज़ ने सबसे ज्यादा चौंकाया वो था एक जलता हुआ दीपक। जो घर में बने मंदिर के पास जल रहा था।

पुलिस ने तफ्तीश के लिए खोजी कुत्तों को बुलवाया। घर में कुछ चीजों को सूंघने के बाद खोजी कुत्ता सीधा घर से बाहर निकला और बानापुर रेलवे स्टेशन पहुँचा और प्लेटफॉर्म नंबर एक पर जाकर रुक गया। जिससे पुलिस को ये अंदाज़ा तो मिल गया कि क़ातिल जो भी था वो ट्रेन से आया और ट्रेन से ही चला गया।

पुलिस की जांच रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नबर एक पर आकर ठिठक गई। तब पुलिस ने दूसरा रास्ता अख्तियार किया और पता लगाया कि योगेश की किसी के साथ कोई अनबन कोई पुरानी दुश्मनी वगैराह क्या था। तब योगेश के पिता ने एक राज से पर्दा हटाया। असल में कुछ अरसा पहले योगेश ने अपने पिता से इस बात का जिक्र किया था कि उसकी पत्नी के जेवर चोरी हो रहे थे...। जब पुलिस ने ये पूछा कि चोरी की शिकायत पुलिस के पास क्यों नहीं की। तब योगेश के पिता ने बताया कि योगेश ने चोरी का पता लगाने के लिए तांत्रिक क्रिया करवाई थी।

Shams Ki Zubani: तांत्रिक क्रिया की बात सुनते ही पुलिस के कान खड़े हो गए। तब पुलिस ने घर में पूजा पाठ के मिले सामान और जलते हुए दीए के साथ इस पूरे क़िस्से को देखना शुरू किया और अंदाज़ा लगाया कि योगेश के घर पर तंत्र मंत्र का खेल खेला गया।

अब पुलिस के दिमाग में एक सवाल पैदा हुआ कि आखिर वो तांत्रिक कौन था? तब पुलिस की इस गुत्थी को योगेश के पिता ने सुलझा दी और बताया कि हरदा से कोई गणेश तांत्रिक आता था। उसकी तस्वीर को देखकर मोहल्ले के लोगों ने इस बात की तस्दीक की कि उसे कई बार योगेश के घर से निकलते आते हुएदेखा है और दीपावली वाले रोज भी उसे योगेश के घर आते देखा था।

Shams Ki Zubani: अब पुलिस को यकीन हो गया कि योगेश की हत्या के पीछे तंत्र मंत्र और टोने टोटका बड़ी वजह है। तब पुलिस की एक टीम हरदा ज़िले में पहुँची और आदमपुर गांव में रहने वाले तांत्रिक गणेश को लेकर आ गई। पुलिस की पूछताछ में गणेश ने तांत्रिक क्रिया करने की बात कबूल कर ली लेकिन हत्या की बात को सिरे से टाल गया। मगर पुलिस समझ चुकी थी कि इस वारदात में गणेश का कुछ न कुछ हाथ जरूर है। लिहाजा पुलिस ने अपनी सख्ती दिखाई। तो पुलिस का रंग देखकर गणेश के चेहरे का रंग उतर गया और फिर उसने पुलिस के सामने सारी कहानी तोते की तरह रटनी शुरू कर दी।

असल में किस्सा कुछ यूं था कि योगेश और उसकी पत्नी सुनीता बड़ी ही अच्छी तरह जिंदगी बसर कर रहे थे। अपने बच्चो को स्कूल भेजने के बाद सुनीता किराना की दुकान और आटा की चक्की का काम देखती थी जबकि घर के बाहर ही योगेश पान की दुकान चलाता था। और उसकी अच्छी कमाई होती थी।

Shams Ki Zubani: इसी बीच एक रोज सुनीता ने घर से अपने सोने के जेवर खोने की बात योगेश को बताई तो योगेश ने गुस्साते हुए उससे कहा कि उसने ही कहीं रख दिए होंगे अलमारी में ही तलाश करे। कुछ रोज बाद सुनीता को लगा कि उसके पर्स से कुछ पैसे भी चोरी हो गए हैं। तो उसे इस बात का वहम हो गया कि किसी ने जादू टोना करके उनके घर में कुछ कर दिया है जिससे घर की कीमती सामान गायब हो रहा है।

हालांकि योगेश ने इस दकियानूसी बात को नज़र अंदाज़ कर दिया लेकिन सुनीता जिद पर अड़ी रही। तभी एक रोज उसकी मौसी का लड़का यानी उसका भाई मनीष घर आया तो उसने घर से कीमती सामान के गायब होने का ज़िक्र अपने भाई से किया। मनीष ने तब सुनीता से कहा कि वो एक ऐसे तांत्रिक को जानता है जो लापता चीजों का पता बताने में माहिर है। सुनीता की जिद के आगे योगेश चुप रहा।

तब मनीष हरदा के रहने वाले गणेश को लेकर सुनीता के पास पहुँचा। गणेश ने सुनीता से दीपावली की चौदस की रात को तंत्र मंत्र करके उसका खोया धन बताने का झांसा दिया और योगेश को पूजा में लगने वाली सामग्री की सूची थमा दी साथ ही सुनीता को एक भभूत की पुड़िया देते हुए कहा कि उस रोज रात की पूजा से पहले वो घर के सभी लोगों को खाना खिलाए खाने में ये भभूत ज़रूर मिला दे, ताकि पूजा के वक़्त हम उसका असर देख सके।

Shams Ki Zubani: पुलिस को गणेश ने ये भी बताया कि उसकी तांत्रिक क्रिया में उसका एक और साथी भी है मौनू। जो उसकी मदद करता है और योगेश के घर की वारदात में वो भी बराबर का साझीदार है।

गणेश ने ही बताया कि उस रात योगेश पूजा का सारा सामान लेकर आ गया था। और गणेश मोनू के साथ बाइक पर सवार होकर योगेश के घर पहुँचा था। रात के वक़्त उसने पूजा पाठ की सारी तैयारी कर ली। और फिर उसने सुनीता से कहा कि आधी रात के बाद इस पूजा अनुष्ठान में वो परिवार के लोगों को शामिल करेगा तब तक वो लोग खाना खाकर आराम कर लें।

इसी बीच गणेश ने मोनू से कहा कि उसे अपने अनुष्ठान को पूरा करने के लिए बलि देनी होगी। बलि देने के लिए उसने योगेश के परिवार को ही चुना।

उधर सुनीता ने गणेश की दी गई भभूत को सब्जी में मिला दिया था और फिर रात में योगेश के पूरेपरिवार ने साथ में बैठकर खाना खाया। खाने में मिलाई गई गणेश की दी गई भभूत ने पूरा असल दिखाया। असल में उस भभूत में जहर मिला हुआ था। जिसके असर से परिवार खाना खाकर नीम बेहोशी में चला गया। ये बात गणेश जानता था। गणेश ने आधी रात के बाद पूजा अनुष्ठान पूरा करने के बाद घर के लोगों के पास मोनू को भेजा। मोनू ने देखा कि घर के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे हैं जिन्हें आवाज़ देकर नहीं उठाया जा सकता।

इसके बाद गणेश ने पूजा अनुष्ठान में रखी हुई अपनी कुल्हाड़ी निकाली और बेहोश हो चुके योगेश और उसके पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। उसने सभी के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया और फिर उसी से गला भी रेत दिया। तीनों को मारने के बाद गणेश ने घर की अलमारी में रखे पैसे और जेवर बटोरे और मोनू के साथ बाइक पर सवार हो कर वहां से भाग निकला। हालांकि तीन लोगों को मारने के बाद गणेश के कपड़ों पर खून के दाग लग गए थे...लेकिन उसने इसकी परवाह नहीं की और लूटा का सारा माल लेकर वो हरदा चला गया। अपना गुनाह कबूल करने के बाद गणेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

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