कोई यूं ही नहीं संगीत सोम हो जाता: इसलिए कहा जाता है 'फ़ायरब्रांड' चुनावी रंगबाज़

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कोई यूं ही नहीं संगीत सोम हो जाता: इसलिए कहा जाता है 'फ़ायरब्रांड' चुनावी रंगबाज़
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आखिर कौन है संगीत सोम

CHUNAVI RANGBAAZ: उत्तर प्रदेश के चुनाव में मेरठ की सरधना सीट से BJP ने एक बार फिर अपने फ़ायरब्रांच नेता संगीत सोम को मैदान में उतारा है। मौजूदा समय में भी संगीत सोम ही इस सीट से विधायक हैं। लेकिन अपने अतीत की वजह से संगीत सोम हमेशा ही सुर्खियों के साथ सुर ताल लय मिलाते रहे हैं।

कोई यूं ही नहीं संगीत सोम हो जाता। उसके लिए क़ानून के साथ दो दो हाथ करते हुए रंगबाज़ होना पड़ता है, जैसा संगीत सोम का अतीत गवाही देता है।

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दंगों ने बना दिया दबंग

UP ELECTION 2022 IN HINDI : 2012 में मोदी लहर से पहले ही संगीत सोम अपना नाम कमा चुके थे और 2012 में चुनाव जीत कर अपनी हैसियत और अपना रुआब दोनों साबित कर दी थी।

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लेकिन उसके बाद संगीत सोम उस वक्त सुर्खियों में छा गए जब मुज़फ्फ़रनगर का दंगा हुआ। और उसके बाद तो संगीत सोम और क़ानून के बीच एक अनोखा रिश्ता कायम हो गया।

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संगीत सोम के ख़िलाफ़ मुजफ़्फरनगर दंगे के बाद पांच मुकदमें दर्ज हुए। जिसमें सबसे ज्यादा संगीन ये था कि अपने विवादित भाषणों से वो लोगों को सांप्रदायिकता के लिए भड़का देते हैं और आग बुझाने की जगह आग लगाने का काम करते हैं।

क़ानून से है छत्तीस का आंकड़ा

LATEST CRIME OF ELECTION:लेकिन संगीत सोम का क़ानून से छत्तीस का आंकड़ा मुजफ़्फरनगर दंगों से ही नहीं हुआ बल्कि उससे भी पहले कुछ ऐसे मामले थे जिनमें पुलिस की डायरी में इनका नाम लिखा हुआ था। संगीत सोम के खिलाफ़ क़रीब 11 अलग अलग धाराओं में मुकदमें दर्ज हैं।

धारा 188 यानी महामारी के दौरान क़ानून का उल्लंघन करना, धारा 353 यानी सरकारी काम में सरकारी अधिकारियों को काम से रोकने का मामला, धारा 147 यानी दंगा भड़काने की धारा, धारा 323 यानी स्वेच्छा से चोट पहुँचाने की कोशिश, धारा 295 यानी प्रार्थना स्थल को नुकसान पहुँचाना या फिर उसे तोड़ना, धारा 148 यानी हथियार लेकर उपद्रव करना, धारा 341 यानी ग़लत तरीके से किसी को रोकना,

धारा 420 यानी किसी के साथ धोखाधड़ी करना, 153 A यानी किसी धर्म या संप्रदाय या किसी धार्मिक भावनाओं पर कोई कार्य समूह के द्वारा करके लोक शांति को नुकसान पहुँचाना, और धारा 120 B यानी किसी आपराधिक षडयंत्र का हिस्सा होना जैसी धाराएं संगीत सोम के नाम के आगे दर्ज हैं।

सिर्फ इतना ही नहीं संगीत सोम के भाई के किसी रंगबाज़ से कम नहीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में संगीत सोम के भाई एक पोलिंग बूथ में पिस्तौल लेकर घुस रहे थे तो पकड़े गए।

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