रूस के हमले की वो तस्वीरें जिन्हें देखकर आप भी इमोशनल हो जाएंगे

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रूस के हमले की वो तस्वीरें जिन्हें देखकर आप भी इमोशनल हो जाएंगे
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आंखों में दर्द का सैलाब : आंखों में आंसू. चेहरे पर दर्द. हाथ मनाए तो किस समझाएं. कभी आंखों से आंसू पोछते तो कभी पीछे मुड़कर उस उजड़े आशियाने को देखते हुए जहां कभी पूरा परिवार रहता था. जहां कभी अपने रहते थे वहां अब जब बेगाने जैसे हो गए हैं.

तुम आराम करो, मैं तैनात हूं : यूक्रेन के ये दोनों सैनिक लगातार ड्यूटी करते हुए शायद थक गए तो एक सैनिक थोड़ा आराम करने लगा तो दूसरा अलर्ट मुद्रा में खड़ा रहा.

आखिरी निशानी : जिसे मेहनत कर और प्यार से सींचकर सालों में सजाया आज वो खंडहर की तरह बन चुका है. उसे आखिरी निशानी के तौर पर देखते हुए ये लोग.

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सिर में मार दी गोली : ये हेलमेट और उसमें लगी गोली का निशान. ये बताने के लिए काफी है कि आखिर किस तरह से यूक्रेन में हमला किया जा रहा है. जिस सैनिक ने ये हेलमेट लगाया होगा उसे क्या हुआ होगा, ये शायद बताने की जरूरत नहीं.

जज्बे को सलाम : रूस के हमले से यहां सब तहस-नहस हो गया. पर यूक्रेन के ये सैनिक बिल्कुल तैयार हैं. हम लडेंगे. और लड़ेंगे. चाहे जो हो जाए.

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आखिरी दम तक : सवाल देश को बचाने का है. उस मां की रक्षा करने का है. जिसमें हम पले-बढ़े. आखिरी दम तक लड़ेंगे. हमारी निगाहों से नहीं बच सकते दुश्मन. कुछ इसी अंदाज में डटे हैं यूक्रेन के ये सैनिक.

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आशियाना बने खंडहर : कभी ये आशियाने हंसते-खिलखिलाते थे. यहां रहने वाले लोग अपनी खिड़कियों और बालकनी से एक दूसरे से बातें करते थे. लेकिन अब बातें तो दूर यहां सबकुछ सूना पड़ चुका है. मानों पूरी तरह से खंडहर बन चुका हो.

जंग में नई जिंदगी : रूस जब यूक्रेन की राजधानी कीव पर बम से हमले किए तब उसी शहर के अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन शेल्टर में 33 साल की महिला ने बच्ची को जन्म दिया. इस बच्ची का नाम मिया (Mia) रखा गया है. मिया का मतलब प्यारी से होता है.

ये आंसू नहीं, सलामती की दुआ : यूक्रेन में जंग पर जा रहे एक सैनिक को विदा करते हुए आंखों में आंसू आ गए. आंसुओं को देख ये सैनिक गले लिपट गया. इस उम्मीद में अगले दिन नई सुबह होगी और हम फिर मिलेंगे.

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