जॉर्जिया में मिली कामयाबी के बाद ही ऐसे शुरू किया था व्लादिमीर पुतिन ने 'ऑपरेशन क्रीमिया'

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जॉर्जिया में मिली कामयाबी के बाद ही ऐसे शुरू किया था व्लादिमीर पुतिन ने 'ऑपरेशन क्रीमिया'
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यूक्रेन में हुआ था ORANGE REVOLUTION

Russian Ukraine War Live News : जॉर्जिया को तोड़ने के तुरंत बाद ही यूक्रेन के ख़िलाफ़ पुतिन की तैयारी शुरू हो गई। इत्तेफ़ाक से यूक्रेन में भी शुरूआत विद्रोह से ही हुई। साल 2004 में यूक्रेन में राष्ट्रपति के चुनाव हुए। रूस से हमदर्दी रखने वाले विक्टर यानुकोविच की जीत हुई और देश भर में बग़ावत हो गई। उस बग़ावत को ही ORANGE REVOLUTION का नाम दिया गया। हालांकि उस वक़्त रूस की मदद से उस बग़ावत को दबा दिया गया।

2010 में फिर चुनाव हुए और इस बार भी विक्टर यानुकोविच की जीत हुई। साल 2013 में विक्टर यानुकोविच ने यूरोपियन यूनियन के साथ एक समझौता किया। लेकिन उस पर हस्ताक्षर करने से पीछे हट गए।

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यूक्रेन के ऐसे शुरू हुए बुरे दिन

Russian Ukraine War :जिससे यूक्रेन को यूरोपियन यूनियन से मिलने वाला 15 अरब डॉलर का पैकेज रुक गया, जिससे पूरे देश में बवाल हो गया। और वो बवाल इतना बढ़ा कि यानुकोविच को जान बचाकर देश छोड़कर जाना पड़ गया। 22 फरवरी 2014 को यानुकोविच ने देश छोड़ा और 27 फरवरी को यूरोपियन यूनियन से हमदर्दी वाली सरकार सत्ता में आ गई।

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यूक्रेन में सत्ता पलट होते ही रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। आर्मी की वर्दी पहने बंदूकधारियों ने क्रीमिया की सरकारी इमारतों पर कब्ज़ा कर लिया। लेकिन रूस ने इन्हें रूसी सैनिक मानने से ही इनकार कर दिया।

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जनमत संग्रह की आड़ जंग

Russian Ukraine War News in Hindi:नतीजा ये हुआ कि 16 मार्च 2014 को जनमत संग्रह कराया गया। और दावा किया गया कि 97 फीसदी लोग देश को रूस में मिलाने के हक़ में हैं। बस उसी जनमत संग्रह की आड़ लेकर पुतिन ने सेना को आदेश देकर क्रीमिया को रूस में मिला लिया।

असल में क्रीमिया पहले भी रूस का ही हिस्सा था लेकिन 1954 में सोवियत संघ के नेता ख्रुश्चेव ने उसे यूक्रेन को तोहफे में दे दिया था। इस तरह 14 सालों में रूस का यूक्रेन के ख़िलाफ़ ये सैनिक अभियान तीसरा ऐसा मौका है जब रूसी सेना युद्ध लड़ रही है।

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