यूक्रेन के Zaporizhzhia Nuclear Plant में लगी आग तो पूरी दुनिया में इसलिए दौड़ने लगी दहशत
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बड़ी तबाही के तीरे यूक्रेन और यूरोप
Russia-Ukraine War : रूस की सेना यूक्रेन की ज़मीन को बारूद से बर्बाद करने पर तुली है। लेकिन अब इस बारूद में लगी आग का असर और उसकी तपिश समूचे यूरोप को डराने भी लगी है। क्योंकि जैसे जैसे वक़्त गुज़रता जा रहा है और रूसी सेना को यूक्रेन के भीतर ज़बरदस्त लोहा लेना पड़ रहा है, उसके बाद इस बात की आशंका अब और भी ज़्यादा बढ़ गई है कि कहीं यूरोप को इसकी भारी क़ीमत न चुकानी पड़ जाए।
असल में यूरोप गुरुवार की शाम से ही डर सा गया है। और उसके डरने की वजह है ज़ापोरिज्झिया न्यूक्लियर प्लांट (Zaporizhzhia Plant)। क्योंकि Zaporizhzhia Nuclear Power Plant पर गुरुवार को रूसी सेना ने हमला किया। और इस प्लांट के पास हुई गोलाबारी की वजह से प्लांट में आग लग गई।
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Zaporizhzhia Plant पर क़ब्ज़े की ख़बर से मचा हड़कंप
Russia-Ukraine War : कहते हैं कि बारूद में जब आग लगती है उसका ताप अकेले उसी जगह तक सीमित नहीं होता, बल्कि जहां तक बारूद बिखरा होता है आग उससे भी काफी दूर तक की चीज़ों को अपनी तपिश से झुलसा देती है। ऐसा ही कुछ अब यूक्रेन की बदौलत यूरोप में दिखने की आशंका बढ़ गई है।
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जैसे ही यूक्रेन के ज़ापोरिज़्झिया न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी सेना के क़ब्ज़े की ख़बर और उसमें आग लगने की भनक यूरोप को मिली, सारे यूरोप समेत दुनिया के कई देश में सनसनी दौड़ गई। क्योंकि हर किसी को एक ही झटके में 1986 के चेर्नोबिल न्यूक्लियर पॉवर प्लांट में हुआ हादसा याद आ गया। अमेरिका से लेकर यूरोप तक के तमाम देशों में हलचल अचानक तेज़ हो गई। तमाम राजनेताओं से लेकर डिप्लोमेट तक के फोन घनघनाने लगे क्योंकि न्यूक्लियर प्लांट के रेडिएशन फैलने की आशंका से पहले दुनिया उसकी घबराहट की चपेट में आ चुकी थी।
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घबराहट में बुलाई UNSC की बैठक
Russia-Ukraine War : अब बातचीत का मुद्दा यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी खतरनाक होती जंग की बजाए यूक्रेन में मौजूद न्यूक्लियर प्लांट को बचाने का हो गया था। लिहाजा ब्रिटेन ने आनन फानन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की इमरजेंसी बैठक तक बुला ली।
अब अमेरिका समेत दुनिया के ज़्यादातर देश इस बात को लेकर माथापच्ची करने लगे कि Zaporizhzhia Plant में आखिर कितना नुकसान हुआ? वहां बारूद की वजह से आग प्लांट के किस हिस्से में लगी और उससे रेडिएशन का कितना ख़तरा हो सकता है?
प्लांट की रिपोर्ट ने दी राहत
Russia-Ukraine War : यूक्रेनियन स्टेट इमरजेंसी सर्विस की तरफ से मिली रिपोर्ट के मुताबिक रूसी सेना के हमले से प्लांट की यूनिट नंबर वन के रिएक्टर कंपार्टमेंट को नुकसान पहुँचा. असल में आग पॉवर प्लांट की बिल्डिंग के बाहिरी हिस्से में लगी थी जबकि गोली बारी से यूनिट नंबर वन के रिएक्टर कंपार्टमेंट को भी थोड़ा नुकसान हुआ। मगर बिल्डिंग में लगी आग और वहां का रेडिएशन का स्तर दोनों ही तय हद के भीतर ही बने हुए हैं। इस रिपोर्ट को सुनकर यूरोप समेत अमेरिका की भी जान में जान आ गई।
हालांकि इस हमले से बहुत पहले ही यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने एक ट्वीट के जरिए दुनिया को आगाह कर दिया था कि रूसी सेना Zaporizhzhia Plant के बेहद नज़दीक पहुँच गई है और न्यूक्लियर पलांट के पास से धुआं उठता भी देखा जा रहा है।
विदेश मंत्री के ट्वीट में भरी चेतावनी
Russia-Ukraine War : विदेश मंत्री ने अपने ट्वीट में ये भी बता दिया था कि अगर इस हमले के बाद Zaporizhzhia Plant में धमाका होता है तो इसकी तबाही की ज़द में यूरोप भी आ जाएगा। अपने ट्वीट में विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने साफ साफ कहा कि अगर यहां धमाका हुआ तो तबाही चेर्नोबिल के मुकाबले दस गुना ज़्यादा होगी।
अमेरिका और यूरोपीय देशों को अपने पैग़ाम देने के बाद यूक्रेनियन विदेश मंत्री ने रूसी सेना से भी अपील की है कि वो जल्द से जल्द इस जंग को ख़त्म कर दें, जिससे तबाही को हम बेवजह न्योता न दें।
Zaporizhzhia Plant में लगी इस आग के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से बात करके इस बात का भरोसा भी दिलाया है कि इस समस्या का समाधान जल्दी ही निकाला जाएगा।
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