Ukraine Russia War: ज़ेलेंस्की के ज़ज़्बे के सामने ऐसे गच्चा खा गई पुतिन की पलटन
पुतिन की अखरने लगा खुद उसका ही सपना, ज़ेलेंस्की के हौसले ने तोड़ा दिया पुतिन का दम, पुतिन की सेना को मिला करारा जवाब, यूक्रेन की सेना ने दिखाया दम, Russia Nuclear Weapons, ukraine war, latest war news
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पुतिन की पुतली में चुभने लगा खुद उसका ही सपना
Ukraine Russia War: सवाल ये है कि आख़िर यूक्रेन ने रूस को कीव पर क़ब्ज़ा करने में कैसे नाको चने चबवा दिए? और आख़िर कैसे दुनिया भर की दूसरी सबसे मज़बूत फ़ौज अपने से बेहद कमज़ोर यूक्रेन से गच्चा खा गई?
तो इसका जवाब है रूस के 'मिशन कीव' के बीच दीवार बन कर खड़ा वो शख़्स, जिसका किरदार अब हर गुज़रते दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है। और जिसने रूस के ख़ौफ़नाक हमलों के बीच पीठ दिखाने की जगह अपने मादर-ए-वतन की हिफ़ाज़त करने का विकल्प चुना है। वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की, जी हां, यही नाम है उसका।
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44 साल के यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने जिस तरह रूसी हमलों के बीच तमाम नाटो मुल्कों के पीछे हट जाने के बावजूद घुटने टेकने या फिर देश छोड़ कर भाग जाने की जगह ख़ुद अपने दम पर रूस का मुक़ाबला करने का फ़ैसला किया, बाज़ी वहीं से पलट गई।
Ukraine Russia War: ज़ेलेंस्की ने दिखा दिया कि असल में जंग गोला-बारूद और अस्लहों से नहीं बल्कि हौसलों से लड़ी जाती है। ज़ेलेंस्की के रचे गए चक्रव्यूह में घिर कर अब रूस छटपटाने लगा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अब अपना ख्वाब टूटता दिखाई दे रहा है।
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ज़ेलेंस्की का चक्रव्यूह- घेरा नंबर -1 - मोर्चे पर डट कर जीता दिल
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रूस की फ़ौजी ताकत के सामने यूक्रेन कहीं नहीं टिकता... फिर चाहे वो सैनिकों की बात हो, गोला-बारूद की, फाइटर जेट्स या फिर परमाणु ताक़त की, दोनों मुल्कों का कोई मुक़ाबला ही नहीं है। मगर फिर भी जिस तरह से ज़ेलेंस्की की अगुवाई में यूक्रेनी फ़ौज रूसी सैनिकों का मुक़ाबला कर रही है, उससे दुनिया उनकी कायल हो गई है।
याद होगा इस जंग के दूसरे ही दिन जब एक बारगी ये लगने लगा था कि रूस किसी भी वक़्त यूक्रेन की राजधानी कीव पर क़ब्ज़ा कर लेगा और ज़ेलेंस्की को जान के लाले पड़ जाएंगे, अमेरिका ने ज़ेलेंस्की को यूक्रेन से निकालने की पेशकश की थी, मगर ज़ेलेंस्की ने तब ना सिर्फ़ वो पेशकश ठुकरा दी, बल्कि ये कह कर अपने किरदार को और मज़बूत कर लिया कि वो देश छोड़ कर भागनेवाले ग़द्दारों में नहीं हैं।
उनके देश को अभी गोला-बारूद और अस्लहों की दरकार है, ना कि किसी राइड की... यकीनन ज़ेलेंस्की का ये इनकार यूक्रेनी नागरिकों की रगों में जोश बन कर दौड़ने लगा...
जेलेंस्की का चक्रव्यूह- घेरा नंबर -2 -यूक्रेनी लोगों का गुरिल्ला वार
Ukraine Russia War: ज़ेलेंस्की अकेले ही मैदान में नहीं डटे, बल्कि उन्होंने अपने देश के नागरिकों से भी देश की हिफ़ाज़त के लिए हथियार उठा लेने की अपील की। यहां तक कि उन्होंने अपने सांसदों तक को हथियार मुहैया करवाए।
इसके बाद कई सांसदों से लेकर ब्यूटी क्वीन रह चुकी महिलाओं तक ने हथियार उठा लिए। यूक्रेन से बाहर रह रहे बहुत से लोग सिर्फ़ अपने देश की हिफ़ाज़त के इरादे से मुल्क वापस लौट आए और इसी के साथ रूसी फ़ौज के ख़िलाफ़ यूक्रेनी नागरिकों का गुरिल्ला वार शुरू हो गया... अब अलग-अलग शहरों में नागरिकों की ओर से रूसी फ़ौज के सामने चुनौतियां पेश की जाने लगीं। यूक्रेनी फ़ौज के साथ-साथ वहां के शहरियों ने भी रूसी टुकड़ियों पर घात लगा कर हमला करना शुरू कर दिया।
जेलेंस्की का चक्रव्यूह- घेरा नंबर -3- कीव और खारकीव में मज़बूत मोर्चाबंदी
Ukraine Russia War: ज़ेलेंस्की को पता था कि रूस यूक्रेन के बड़े शहरों को टार्गेट करने के साथ-साथ वहां तख़्ता पलट करने की कोशिश करेगा। ऐसे में एक तरफ़ तो जेलेंस्की दुनिया भर से मदद की गुहार लगा कर ख़ुद को कमज़ोर दिखाते रहे, वहीं उन्होंने रातों-रात कीव और खारकीव की इतनी मज़बूत घेरेबंदी कर दी कि जिसे तोड़ना रूस के लिए मुश्किल होने लगा।
इसके अलावा वो ना सिर्फ़ यूक्रेनी फ़ौज के साथ फ़ौजी लिबास में उठते-बैठते नज़र आए, बल्कि उन्होंने एक के बाद एक सोशल मीडिया पर अपने कई वीडियोज़ डाल कर ये मैसेज देने की कोशिश की कि वो देश को फ्रंट से लीड कर रहे हैं। और इसी का नतीजा है कि कीव और खारकीव में रूसी फ़ौज को यूक्रेन से कड़ी टक्कर मिली। यूक्रेन का एयर डिफेंस सिस्टम रूसी मिसाइलों से लेकर उसके फ़ाइटर ज़ेट्स तक को मार गिराने में कामयाब रहा
ज़ेलेंस्की का चक्रव्यूह-घेरा नंबर -4- धीरे-धीरे बनाया माहौल
Ukraine Russia War: वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने अपने पत्ते धीरे-धीरे खोले... उन्होंने रूसी हमले के फ़ौरन बाद डट कर खड़े होने की कोशिश नहीं की। पहले वो नेटो मुल्कों से फ़ौजी मदद मांगते रहे। मदद नहीं मिलने पर उन्होंने नेटो मुल्कों को कोसा भी और साथ ही रूस से अकेले टकराने की बात कह कर दुनिया भर की सहानुभूति भी बटोरी।
इसी बीच उन्होंने भारत समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बात की और सोशल मीडिया पर अपने वीडियोज़ जारी कर काफ़ी हद तक दुनिया को अपने पक्ष में लाने में कामयाब रही। रही-सही कसर यूक्रेन से सामने आ रही हमले और पलायन की तस्वीरों ने पूरी कर दी।
जेलेंस्की का चक्रव्यूह- घेरा नंबर -5- बातचीत को 'हां', मगर सरेंडर को 'ना'
Ukraine Russia War: वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ना सिर्फ़ हर बार रूस के साथ बातचीत पर हामी भरी, बल्कि ज़ेलेंस्की ने ही पहली बार ख़ुद अपनी तरफ़ से बातचीत की पेशकश भी की।लेकिन उन्होंने रूस के सरेंडर करने की शर्त को हर बार सिरे से खारिज कर दिया।
ज़ेलेंस्की कहते रहे कि उनके देश ने किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि उनके देश पर रूस ने धावा बोला है। ऐसे में उन्हें अपने बचाव का पूरा अधिकार है। और इन हालात में सरेंडर करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
कुछ यही वजह रही कि कई बार की हां-ना के बाद जंग के पांचवें दिन जब दोनों देशों के प्रतिनिधि बेलारूस के बॉर्डर पर बातचीत के लिए पहुंचे, उससे ऐन पहले ज़ेलेंस्की ने एक बार फिर हथियार डालने की शर्त से इनकार कर दिया। और यहां तक कह डाला कि उन्हें बातचीत से ज़्यादा उम्मीद नहीं है।
पुतिन की झुझलाहट है परमाणु हथियारों की बात
Ukraine Russia War: बहरहाल, ठीक महाभारत के चक्रव्यूह की तरह ही ज़ेलेंस्की ने भी पुतिन के ख़िलाफ़ मैदान-ए-जंग में वो चक्रव्यूह रच दिया है, जिसमें अब पुतिन लगातार घिरते नज़र आ रहे हैं। जानकारों की मानें तो जंग के महज़ पांचवें ही दिन पुतिन का अपने न्यूक्लियर डेटरेंट फोर्स यानी परमाणु बलों को अलर्ट पर रहने की बात कहना, इस बात की निशानी है।
पुतिन ने अपने न्यूक्लियर ट्रायड को रेडी रहने को कहा है। न्यूक्लियर ट्रायड यानी सेना परमाणु हमले करने के किसी भी फ़ौज के तीन फ्रंट यानी जल-थल और नभ। जो देश तीनों जगहों से परमाणु हमले करने में सक्षम होता है, उसे न्यूक्लियर ट्रायड कंट्री कहते हैं। और रूस की ये तैयारी उसकी झुंझलाहट की निशानी है।
जेलेंस्की का चक्रव्यूह- घेरा नंबर -6- इंटरनेशनल कोर्ट में घेरेबंदी
Ukraine Russia War: यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की व्यूह रचना के आगे रूस और पुतिन लगातार घिरते नज़र आ रहे हैं। मैदान ए जंग में ज़ेलेंस्की का जो स्टैंड है, तो वो ख़ैर है ही। ज़ेलेंस्की ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस यानी आईसीजे (ICJ) में रूस के ख़िलाफ़ फ़रियाद कर अपना पक्ष क़ानूनी तौर पर भी मज़बूत करने की कोशिश की है।
ज़ेलेंस्की के यूक्रेन ने आईसीजे में रूस के ख़िलाफ़ दी गई अर्ज़ी में रूस को युद्ध अपराध के साथ-साथ नरसंहार का दोषी करार देने की मांग की है और रूस से जवाब तलब करने को कहा है। ये जेलेंस्की की घेरेबंदी का ही कमाल है कि नेटो देश बेशक यूक्रेन को रातों-रात नेटो का मेंबर बना लेने के मामले में ख़ामोश रह गए, लेकिन अमेरिका से लेकर यूरोपियन यूनियन ने हर तरीक़े से यूक्रेन की मदद करने की बात कही। अमेरिका ने तो खैर आनन-फ़ानन में 350 यूक्रेन को मिलियन डॉलर देने की भी बात कह दी।
ज़ेलेंस्की का चक्रव्यूह- घेरा नंबर -7-रूस पर यूक्रेन का 'साइबर अटैक'
Ukraine Russia War: मैदान ए जंग में यूक्रेन लगातार रूस से टकरा तो रहा ही है... उसने वर्चुअल वर्ल्ड में भी रूस के लिए मुश्किलें खड़ी करने की शुरुआत कर दी है। दोनों देशों के बीच जंग की शुरुआत होने के बाद जहां रूस ने यूक्रेन के कई वेबसाइट हैक किए हैं, वही यूक्रेन ने भी करारा जवाब दिया है।
यूक्रेन के हैकर्स ने रूस के सरकारी वेबसाइट्स के साथ-साथ वहां के टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम पर भी चोट करने की कोशिश की है। यहां तक कि हैकर्स एक बार तो रूस के नेशनल टेलीविज़न को हैक कर उस पर यूक्रेन का नेशनल एंथम यानी राष्ट्रगान भी चला चुके हैं। यूक्रेन के हैकर्स के निशाने पर रूस के साथ-साथ बेलारूस का डिफेंस सिस्टम भी है, क्योंकि बेलारूस भी इस जंग में रूस का साथ दे रहा है। ख़ास बात ये है कि दुनिया भर के बहुत से स्वतंत्र हैकर्स भी इस मामले में यूक्रेन के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं...
अपने लोगों से घिरे पुतिन
Ukraine Russia War: मतलब साफ़ है कि ज़ेलेंस्की अपने चक्रव्यूह में पुतिन को घेरने में कामयाब रहे हैं... दुनिया भर में ज़ेलेंस्की के लिए जो हमदर्दी की बयार बह निकली है, वो तो ख़ैर है ही। ख़ुद रूस में ही पुतिन के इस फ़ैसले का विरोध होने लगा है।
ख़बरों के मुताबिक रूस में प्रदर्शनकारी लगातार पुतिन और उनके युद्ध के फ़ैसले का विरोध कर रहे हैं। और इस सिलसिले में रूस में ही 2 हज़ार से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिए जाने की बात भी सामने आ चुकी है। इन हालात में पुतिन ने जंग के पांचवें दिन अपने परमाणु बल को अलर्ट पर रहने की बात कह कर बेशक यूक्रेन को डराने की बात की हो, लेकिन जानकार इसे पुतिन की झुंझलाहट के तौर पर देख रहे हैं
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