Russia-Ukraine war: यूक्रेन के दावे हवा हवाई, रूस ने तबाही की तस्वीरें भी दिखाई
यूक्रेन के दावे हवा हवाई ज़्यादा, रूस ने दिखाई ज़मीनी तबाही की तस्वीरें, यूक्रेन के आठ शहरों में हो रही ही भारी जंग, रूस के कई सैनिक मारने का दावा, यूक्रेन का दावा रूस का दावा, बख़्तरबंद गाड़ियां
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तबाही की बड़ी पिक्चर
Russia-Ukraine war: 211 टैंक, 30 लड़ाकू जहाज़, सेना के 31 हेलिकॉप्टर, 25 मिसाइल फायर सिस्टम, 900 के क़रीब बख़्तरबंद गाड़ियां, 80 तोप सिस्टम, 350 सैनिक गाड़ियां, और 10 एयर डिफेंस सिस्टम।
ये वो फेहरिस्त है, जो यूक्रेन की तरफ से जारी की गई है रूसी हमले के आठवें रोज़, इस दावे के साथ कि यूक्रेन की फौज ने रूस को इतनी तगड़ी चोट दे दी है। इसके अलावा यूक्रेन का दावा है कि उसके सैनिकों ने रूस के क़रीब 6000 से ज़्यादा फौजियों को या तो मार गिराया या फिर कुछ को बंदी भी बना लिया।
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दावों की लम्बी चौड़ी लिस्ट
Russia-Ukraine war: नुकसान की इतनी बड़ी लिस्ट को देखकर ये तो सवाल उठता ही है कि क्या वाकई यूक्रेन जो दावा कर रहा है वो सही है। यानी यूक्रेन सवा लाख से एक लड़ाऊं वाली कहावत के मुताबिक लड़ाई लड़ रहा है। उस हिसाब से तो यूक्रेन ने रूस को बड़ी तगड़ी चोट पहुँचाई है।
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हालांकि दावों की इस लंबी चौड़ी लिस्ट को दिखाते समय यूक्रेन ने ऐसी कोई भी तस्वीर किसी को नहीं दिखाई जो उसके इस दावे पर सच्चाई की मुहर लगा सके। मगर उसका दावा अभी तक तो बस मुंह जुबानी है। लेकिन ये दावा करने की हिम्मत भी यूक्रेन अगर दिखा रहा है तो भी बड़ी बात मानी जा रही है।
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यूक्रेन का दावा ड्रोन से मचाया क़हर
Russia-Ukraine war: अपने दावे को सही साबित करने के लिए यूक्रेन ने बताया कि कि रूसी सेना को गहरी चोट पहुँचाने में उसने अपने सबसे कारगर हथियार Baykar TB2 ड्रोन का इस्तेमाल किया है। यानी यूक्रेन की ज़मीन पर तबाही की अलग अलग इबारत लिखने पहुँची रूसी सेना को हवा में उड़ते ड्रोन की मदद से यूक्रेन की फौज ने इतनी तगड़ी चोट पहुँचाई है।
जो दावा यूक्रेन करना चाह रहा है उसके मुताबिक इतनी बर्बादी देखने के बाद तो रूसी सेना में खलबली मच जानी चाहिए। क्योंकि अगर रूस एक गहरी चोट यूक्रेन को लगाता है तब तक यूक्रेन के उड़ते हुए ड्रोन रूस की सेना का एक छोटा से हिस्से का ही सफाया कर देते हैं। लिहाजा यूक्रेन के दावे के मुताबिक रूस इस लड़ाई में काफी गहरी चोट खा चुका है।
लड़ाई में तबाही तस्वीरों की गवाही
Russia-Ukraine war: यूक्रेन के इन तमाम दावों के उलट लड़ाई की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो यूक्रेन की बर्बादी की अलग ही कहानी सुना रही हैं। यूक्रेन के कम से कम आठ शहरों में ज़बरदस्त लड़ाई चल रही है। कीव, खारकीव, लीव, चेरनीहीव, ओडेसा, मारियोपूल, खेरसन और इवांकीव, ये वो शहर हैं जहां रूसी सेना के टैंक और मिसाइलें तबाही बरसा रही हैं।
इनमें से खेरसन शहर के ज़्यादातर हिस्सों पर रूसी सैनिकों का ही क़ब्जा हो चुका है। तीन लाख लोगों की आबादी वाले शहर में इस समय रूस के कमांडरों का हुक्म तामील किया जा रहा है।
उधर रूस के दावे की अपनी फेहरिस्त है जिसमें उसने यूक्रेन को कितना नुकसान पहुँचाया, उसका ब्योरा लिखा हुआ है। रूसी दावे के मुताबिक रूसी सेना अब तक यूक्रेन के 300 टैंक के साथ साथ बख़्तरबंद गाड़ियों का एक पूरा बेड़ा।
रूस के हमलों में कबाड़ हुआ यूक्रेन का सिस्टम
Russia-Ukraine war: क़रीब दो स्कॉर्डर्न एयरक्राफ्ट, 50 आर्टिलरी सिस्टम के अलावा सौ से ज़्यादा आर्टिलरी गन को कबाड़ किया जा चुका है। रूस ने अपने दावों के साथ साथ उन तस्वीरों को भी ज़माने के सामने रखा है। जो रूसी सेना के दावे को सही ठहराती मालूम पड़ती है।
यूक्रेन के ख़िलाफ रूस के मिसाइल अटैक की अनगिनत तस्वीरें दुनिया के सामने आ चुकी हैं। खुद यूक्रेन ने एक बयान जारी करके कहा है कि अब तक रूसी हमले में उसके 2000 से ज़्यादा सैनिक और नागरिक मारे जा चुके हैं। अगर यूक्रेन के दावे को सही मानें तो हर घंटे यूक्रेन के सैकड़ों महिलाएं, बच्चे और सैनिक रूस के हमले का शिकार हो रहे हैं।
ये भी दावा क़रीब क़रीब सही मालूम पड़ता है कि रूसी सेना की तरफ से लगातार किंडरगार्डन, अस्पताल, घरों और सैन्य ठिकानों के अलावा यूक्रेन की परिवहन सेवाओं को निशाना बनाया जा रहा है। इस दावे की तस्वीरें भी सामने आ चुकी हैं।
बारूद के ढेर पर इंसानों का ठौर
Russia-Ukraine war: हालांकि ये बात भी सही है कि जंग के दौरान अफवाहों का बाज़ार बहुत गर्म होता है और प्रॉपगैंडा मशीन तेजी से काम करती है। यानी दोनों तरफ से बढ़ा चढ़ाकर दावे किए जाते हैं। मगर बढ़ा चढ़ाकर दावा करने के लिए कुछ तो होना ही चाहिए। बिना आग के धुआं तो हो नहीं सकता। लिहाजा तस्वीरों की गवाही को अगर सच माना जा सकता है तो रूस का दावा ज़्यादा मज़बूत और पुख्ता जान पड़ता है।
बेशक दोनों तरफ के दावे हक़ीक़त से जुदा हो सकते हैं...मगर ये भी सच है कि यूक्रेन में चारो तरफ तबाही का आलम है। शहर के शहर वीरान हो रहे हैं। अपनी मेहनत और पसीने की पाई पाई जोड़कर जो लोगों ने अपने आशियाने बनाएं अब उन्हीं पर आंसू बहाने वाले तक नहीं दिखाई पड़ रहे। आखिर ये कैसी तरक्की का दौर है, जहां बारूद के ढेर पर इंसानों का ठौर है।
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