ज्योतिष के चश्मे से देखी जंग, मंगल ने भड़काई युद्ध की चिंगारी, शनि बरसाएगा आसमान से आग
कुंडली में छुपा है युद्ध का सच, कुंडली में इन ग्रहों की दिशा दिखाएगी दुनिया को दुर्दशा, शनि के प्रभाव से अब तड़पेगी दुनिया, मंगल और शनि का प्रकोप Russia Ukraine War, LATEST WORLD WAR NEWS CRIME TAK
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ये युद्ध किस पर कितना असर डालेगा?
Russia Ukraine War: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अचानक कई सवालों ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ़्त में ले लिया है। अब आगे क्या होने वाला है? ये युद्ध कितना आगे बढ़ेगा? और सबसे अहम बात कि ये युद्ध दुनिया पर कितना असर डालेगा? जंग के इन हालात में अब यूक्रेन क्या करेगा और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कौन सा रुख अख़्तियार करेंगे, ये तो वही तय करेंगे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के दुनिया के अलग अलग देशों के साथ अपने राजनीतिक और कूटनीतिक सम्बन्धों की कैमिस्ट्री और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अलग अलग देशों के साथ अपने रिश्तों को बनाए रखने का संकल्प इस युद्ध की गंभीरता तय करेगा, जिसका अंदाज़ा दुनिया में शायद ही कोई लगा सके। क्योंकि ये सारी चीज़ें देश काल परिस्थिति के हिसाब से बदलती भी रहती हैं।
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जंग तो लम्बी खिंच सकती है!
Russia Ukraine War: लेकिन इस युद्ध के छिड़ने के बाद ज्योतिषि का भी अपना एक नज़रिया और अपनी एक गणना हो सकती है जो इस बात का इशारा दे सकती है कि इस मोड़ पर शुरू हुआ ये युद्ध आखिर कहां तक जाएगा? इसका दुनिया पर क्या और कितना प्रभाव पड़ेगा।
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तारों और सितारों की गणना यही गवाही देती है कि रूस और यूक्रेन का ये युद्ध किसी भी सूरत में टाला नहीं जा सकता था, बल्कि इसके और गहराने की आशंका काफी बढ़ सी गई है।
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काग़ज़ की लकीरों में छुपी तारों और सितारों की गति और उनकी स्थितियों को पढ़ने में माहिर ज्योतिषाचार्य प्रवीण मिश्र के मुताबिक़ ये युद्ध न सिर्फ अभी लंबा चलेगा बल्कि इसके और भी ज़्यादा भयावह होने की संभावना है।
इन कारणों से भयावह हो सकती है जंग
Russia Ukraine War: ज्योतिष के झरोखे से देखने पर पता चलता है 24 फरवरी 2022 को जिस वक़्त रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरू किया, उस समय शनि मकर राशि में बैठे हुए थे। जबकि शनि का घोर विरोधी मंगल गृह 26 फरवरी 2022 को शाम लगभग 4 बजे मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा। इस मकर राशि में बुध पहले से ही मौजूद है। लेकिन 27 फरवरी ये मकर राशि पंचग्रही हो जाएगी, यानी उस रोज़ शुक्र और चंद्रमा भी मकर राशि में आ जाएंगे।
तारों की ये स्थिति कुछ इस तरह की मानी जाती है कि जिससे शांति भंग होती है और उथल पुथल की स्थिति बन जाती है। और ये उथल पुथल सामान्य नहीं होती बल्कि इस स्थिति में बड़ी तबाही का अंदेशा रहता है। लिहाजा तारों की गणना करके ज्योतिषाचार्य प्रवीण मिश्र बताते हैं कि इन ग्रहों की चाल से दुनिया में युद्ध और प्रलय जैसे हालात होते देखे जाते हैं।
ग्रहों की दिशा दिखा रही दुर्दशा!
प्रवीण मिश्र की बातों पर यक़ीन किया जाए तो तारों की मौजूदा स्थिति 1962 में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध वाली स्थिति दिखाई देती है। उस वक़्त भी गुरु यानी बृहस्पति कुंभ राशि में थे। जबकि फरवरी 2022 में भी बृहस्पति शनि की कुंभ राशि में ही बैठे हुए हैं।
इतना ही नहीं 1962 में जब भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था तब सूर्य तुला राशि में था और बेहद कमज़ोर स्थिति में दिखाई दे रहा था। इत्तेफ़ाक से फरवरी 2022 में भी सूर्य एक बार फिर शनि की कुंभ राशि में है और बेहद कमज़ोर स्थिति में नज़र आ रहा है।
1962 की ही तरह फरवरी 2022 में भी शनि की स्थिति एक जैसी नज़र आ रही है। और ज्योतिष में शनि को वायु का कारक माना जाता है, जबकि मंगल युद्ध का कारक कहलाता है। जिसका एक मतलब ये भी निकाला जाता है कि इस स्थिति में कहीं न कहीं युद्ध की आशंका बढ़ जाती है।
और वायु कारक होने की वजह से हवा में विस्फोट होने की प्रबल संभावना बनती है। लिहाजा ग्रहों की ये चाल इशारा कर देती है कि रूस और यूक्रेन के बीच इस जंग के दौरान हवाई हमले और मिसाइलों का इस्तेमाल बेताहाशा हो सकता है।
शनि बिगाड़ेगा तेल की धार!
ज्योतिष के नज़रिये से देखें तो ग्रहों की ये चाल धरती पर पाये जाने वाले तत्वों और धातुओं पर काफी प्रबाव भी डालती है। जैसे शनि तेल, लोहा, इस्पात, प्राकृतिक आपदा, अपमान, अकाल, ऊंचाई से गिरना, अपंगता, डकैती, राख, दासता, त्याग, भय, निर्धनता, रोग और रुकावट का कारक माना जाता है।
रूस यूक्रेन के बीच छिड़े इस युद्ध को अगर ग़ौर से देखें तो इन तमाम चीज़ों पर इस युद्ध का ज़बरदस्त असर देखने को मिल सकता है। इस अकेली एक जंग से दुनिया के सामने तेल यानी ईंधन का संकट खड़ा हो सकता है, लिहाजा बेतहाशा दाम बढ़ने की संभावना प्रबल हो जाती है। बाकी जंग में जिस तरह बारूद और हथियारों का इस्तेमाल होता है तो साफ है कि वो सारी स्थितियां शनि के बताए गए प्रभाव की पुष्टि करती हैं।
जंग में बहुत कुछ बिखर जाएगा
ज्योतिषी प्रवीण मिश्र ने दोनों वर्षों की कुंडली भी तैयार की जिसको देखकर समझा भी जा सकता है कि मकर राशि में शनि और मंगल की युति, सूर्य का कमज़ोर स्थिति में होना, बृहस्पति का शनि की कुंभ राशि में होना दुनिया भर में हिंसा और खून बहाने के सबसे बड़े कारण भी बन सकते हैं।
इसके अलावा ये पंचग्रही स्थिति दुनिया में खाने पीने की चीजों में कमी, अशांति, रोग, महंगाई, मानसिक तनाव और युद्ध के हालात बनाने की सबसे बड़ी वजह बनते हैं। जो साक्षात सामने होता दिखाई दे रहा है। यानी कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि मौजूदा समय में ग्रहों की स्थिति इस बात की गवाही देती दिखाई दे रही है कि रूस और यूक्रेन का युद्ध अभी और बढ़ेगा अभी और विकराल होगा और दुनिया को ये जंग बहुत बड़ी तबाही से रू ब रू करवा सकती है।
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