जर्मनी ने रूस को दिया ज़ोर का झटका बहुत ज़ोर से, ऐसे निकाल दी व्लादिमीर पुतिन की सारी हवा

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जर्मनी ने रूस को दिया ज़ोर का झटका बहुत ज़ोर से, ऐसे निकाल दी व्लादिमीर पुतिन की सारी हवा
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रूस को लगा है तगड़ा झटका

Russia Ukraine crisis:अपनी ताक़तवर सेना के दम पर पूरी दुनिया को धमकाने की ज़िद पर अड़े रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अब ज़ोर का झटका बहुत ज़ोरों से लगा है। और इतनी ज़ोर से कि आने वाले वक़्त में बहुत मुमकिन है कि रूसी सेना यूक्रेन बॉर्डर से कई सौ किलोमीटर दूर पहुँच जाए।

सुनने में ये बात जितनी हैरतअंगेज़ है ज़मीनी हक़ीक़त तो इससे भी ज़्यादा चौंकानें वाली। और इस नए और ताज़ा घटनाक्रम से इस बात की संभावना अब तेज़ हो सकती है कि यूरोप पर छाये जंग के बादल शायद अब टल जाएं।

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रूस को ये ज़ोर का झटका दिया है जर्मनी ने। क्योंकि रूस की सपनों से भी सुंदर परियोजना को जर्मनी ने फिलहाल ना कहकर पुतिन के अरमानों पर पानी डाल दिया है।

नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन परियोजना को जर्मनी की ना

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WORLD WAR NEWS: हुआ ये कि जर्मनी ने रूस की नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन परियोजना को फिलहाल रोक देने का इरादा किया है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने मॉस्को के सामने जाहिर कर दिया कि अपने देश की सबसे बड़ी ज़रूरत की ख़ातिर वो ऐसा कोई फैसला नहीं करेंगे जिससे लाखों लोगों की जान के लिए ख़तरा पैदा हो जाए।

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हमारे ज़रा से फायदे के लिए हम पूरे यूरोप के लोगों के लिए मुश्किलें नहीं खड़ी करना चाहता। इस यूक्रेन विवाद की वजह से रूस लगातार हमलावर है और रूस की इसी ज़िद ने हालात को इस क़दर बेकाबू कर दिया है जिसकी सज़ा इस वक़्त पूरा यूरोप भुगतने की कग़ार पर जा पहुँचा है।

जर्मनी अब रूस को सबक सिखाने पर आमादा

Russia crisis: शोल्ज़ ने कहा कि उनकी सरकार ने ये फैसला उसी रोशनी में लिया है जिसके तहत रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के दो इलाक़ों को स्वायत्ता दी है। सच कहा जाए तो पुतिन ने एक तरह से संसार का नियम तोड़ा है। शोल्ज़ ने कहा है कि अब ये अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तय करना है कि वो इस मामले में किस तरह और किस पाले में रहना चाहते हैं।

बर्लिन में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते वक़्त शोल्ज ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति ने ये इकतरफ़ा और नाइंसाफी भरा फैसला करके अपनी मंशा ज़ाहिर कर दी है। शोल्ज़ ने कहा है कि मॉस्को को ये साफ़ पैग़ाम दे दिया गया है कि ये फैसला बिना किसी गंभीर नतीजे के ख़त्म नहीं हो सकता।

जर्मनी के फैसले से अमेरिका खुश हुआ!

WORLD CRIME NEWS: जर्मनी की सरकार का ये फैसला बहुत कुछ कहता है। असल में रूस की अकड़ कम करने के लिए अमेरिका बहुत पहले से इस बात पर ज़ोर दे रहा था कि किसी भी सूरत में जर्मनी की सरकार इस परियोजना से हाथ खींच ले। असल में रूस और यूक्रेन के बीच विवाद की ये एक अहम वजह भी मानी जा रही है।

अब सवाल ये है कि आखिर अमेरिका को ऐसा क्यों लगता है कि रूस यूक्रेन पर हमला करने जा रहा है। जबकि करीब डेढ़ से दो लाख रूसी सैनिक पिछले एक हफ्ते से यूक्रेन की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। अमेरिकी मिलिट्री एक्सपर्ट की मानें तो रूस सर्द मौसम को देखते हुए यूक्रेन के इर्द गिर्द बर्फ पिघलने का इंतजार कर रहा है। इस फैसले के बाद मुमकिन है कि जर्मनी को थोड़ा घाटा भी हो, लेकिन इस परियोजना से जर्मनी के हाथ खींचने के बाद रूस का बहुत नुकसान हो जाएगा ये बात तय है।

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