काबुल से लौटते हुए अमेरिकी सेना पर फिर हो सकता है हमला?

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काबुल से लौटते हुए अमेरिकी सेना पर फिर हो सकता है हमला?
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शनिवार यानी कि 28 अगस्त को अलर्ट करते हुए कहा कि एक और आतंकवादी हमला होने की पूरी संभावना है। इससे पहले 26 अगस्त को ISIS के आतंकवादी ने आत्मघाती हमला कर काबुल एयरपोर्ट को दहला दिया श जिसके बाद 13 अमेरिकी सेनिकों के साथ 170 लोगों की जान चली गई थी। ङमला होने के बाद वहां पर सैन्य ऑपरेशन बंद कर दिया गया था।

लेकिन थोड़े टाइम के बाद अमेरिकी सैनिकों ने वाशिंगटन और उसके सहयोगियों के जरिए वहां के नागरिकों और मुसिबत में फंसे अफगानों को निकालने की हर संभव कोशीशों में लगे गए हैं।

अफगानिस्तान से अमेरिकी लोगों की वापसी के अभियान की निगरानी कर रहे जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि इन हमलों के बाद भी अमेरिका अपने नागरिकों एवं अन्य को अफगानिस्तान से निकालना जारी रखेगा।

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हवाईअड्डे पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं और अफगानिस्तान से बाहर जो भी जाना चाहता है उन लोगों को लाने के लिए ऑपशनल गेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। आपको बता दें कि करीब 5,000 लोग एयरपोर्ट पर उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि सैन्य कमांडरों ने उन्हें बताया था कि अगले 24 से 36 घंटों में हमले की संभावना है। गुरुवार के विस्फोट के बाद जमीनी स्तर पर स्थिति 'बेहद खतरनाक' बनी हुई है।अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना पर ये हमला एक दशक के बाद हुआ है , बाइडेन ने अपराधियों का शिकार करने की कसम खाई।

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उन्होंने कहा, "हम उस जघन्य हमले में शामिल व्यक्ति की तलाश जारी रखेंगे और उन्हें इसका भुगतान करना पड़ेगा।"जिसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान की सीमा से लगे पूर्वी इलाके नंगरहार प्रांत में ड्रोन हमला कर उस आतंकवादी को मौत के घाट उतार दिया ।

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अमेरिका के इस तरह के रात में किए गए हमले पर तालिबान ने अमेरिकी ड्रोन हमले की निंदा की है। इससे साफ पता चल रहा है कि तालिबान इस हमले के बाद बौखलाया हुआ है।

तालिबान के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया, "हवाई हमले से पहले अमेरिकियों को हमें सूचित करना चाहिए था,साफ था कि ये हमला अफगान क्षेत्र पर था।" हमले में दो महिलाएं और एक बच्चा घायल हो गया।तालिबान ने कहा है कि उन्होंने हवाईअड्डा विस्फोट में शामिल कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ये भी कहा कि अमेरिकी सेना के वापस जाने के बाद तालिबान काबुल हवाईअड्डे पर कब्जा कर लेगा । उसके बाद तालिबान आने वाले दिनों में एक पूर्ण कैबिनेट की घोषणा करेगी।

बता दें कि 15 अगस्त को कट्टर इस्लामी चरमपंथियों के राजधानी में एन्ट्री करते ही अफगान सेना ने उनके सामने घुटने टेक दिए जिससे एक प्रशासनिक शून्य पैदा हो गया, जिसने वित्तीय पतन और व्यापक भूख की आशंकाओं को बल दिया है।

मुजाहिद ने रॉयटर्स को बताया कि समूह ने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से एक को छोड़कर सभी में राज्यपालों और पुलिस प्रमुखों को नियुक्त किया है और देश की आर्थिक समस्याओं को हल करने के लिए आगे काम करेगा।

एक रिपोर्ट के मुताबिक काबुल हवाई अड्डे पर 4,000 से कम सैनिक बचे थे, जो वहां फंसे हुए लोगों को निकालने का काम कर रहे थे।

व्हाइट हाउस ने कहा कि अगले कुछ दिन लोगों को निकालने के मिशन को सबसे खतरनाक होने की संभावना है। पेंटागन ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और सहयोगियों ने पिछले दो हफ्तों में लगभग 111,900 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है।

इस्लामिक स्टेट के अफगान सहयोगी इस्लामिक स्टेट-खोरासन (ISIS-K) ने दावा किया कि गुरुवार यानी कि 26 अगस्त को किया गया आत्मघाती विस्फोट, हवाई अड्डे के गेट के बाहर रक्तपात का कारण बना - जहां तालिबान के अफ्गानिस्तान पर कब्जे के बाद हजारों अफगान खौफ की वजह से उड़ान भरने के लिए एकत्र हुए थे।

2001 के अंत में अमेरिका ने अफगानिस्तान से सत्ताधारी तालिबान को उखाड़ फेंका क्योंकि उसने 11 सितंबर के हमलों के पीछे अल कायदा के आतंकवादियों को अपने यहां पनाह दी थी। आपको तो पता ही होगा कि 11 सितंबर 2001 को अल कायदा के 19 आतंकियों ने विमान हाइजेक कर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टावरों और पेंटागन से टकरा दिया था।

इस हमलों ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। इस हमले में अमेरिका का वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पूरी तरह से तबाह हो गया था। इस हमले में करीब 3 हजार लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 6 हजार लोग जख्मी हुए थे।हालांकि ये इसके मास्टरमाइंड को मारकर अमेरिका ने अपना बदला ले लिया था।

अब अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अरबों डॉलर की सहायता के नुकसान का सामना कर रहे तालिबान ने संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से उनके वापस जाने के बाद राजनयिक संबंध बनाए रखने की अपील की है।इसको लेकर ब्रिटेन ने कहा कि ऐसा तभी होना चाहिए जब तालिबान उन लोगों के लिए सुरक्षित मार्ग की अनुमति दे जो वहां से निकलना चाहते हैं।

पेंटागन के नंगरहार में संदिग्धों आतंकवादी पर हमले को लेकर एक अमेरिकी अधिकारी ने शुक्रवार यानी कि 27 अगस्त को कहा कि मध्य पूर्व से उड़ाए गए एक एमक्यू-9 रीपर विमान ने इस्लामिक स्टेट के एक आतंकवादी को निशाना बनाया जो हमलों की हमले की प्बलानिंग कर रहा था। और अपने एक सहयोगी के साथ कार में था।

इस अटैक को लेकर प्रांतीय राजधानी जलालाबाद में रहनेवाले लोगों ने बताया कि उन्होंने आधी रात के आसपास कई विस्फोटों को सुना था और समुदाय के बड़े मलिक अदीब ने कहा कि एक हवाई हमले में तीन लोग मारे गए और चार घायल हो गए, यह कहते हुए कि तालिबान ने उन्हें घटना की जांच के लिए बुलाया था।

अदीब ने कहा, "पीड़ितों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, हालांकि उन्हें उनकी पहचान के बारे में जानकारी नहीं थी। हालांकि अमेरिकी सेना ने एक बयान में कहा कि उसे किसी नागरिक के हताहत होने की जानकारी नहीं है।

काबुल के हवाईअड्डे पर जहां अफरा-तफरी मची हुई है, वहीं शहर के बाकी हिस्सों में आमतौर पर शांति रही है। समूह के प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान ने उन्हेें एक सप्ताह के भीतर हथियारों और वाहनों सहित सरकारी उपकरण सौंपने को कहा है।

अब देखना ये है कि तालिबान 31 अगस्त को अमेरिकी सेना के अफ़ग़निस्तान से लौटने के बाद बहां पर किस तरिके सरकार को चलाती है कैसे अपने आप को लोगों से जोड़ती है ।

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