क़त्ल से पहले किया क़त्ल का Rehearsal, बहू की बहन निकली Mastermind, इस खतरनाक तरीके से मिटाए सबूत

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क़त्ल से पहले किया क़त्ल का Rehearsal, बहू की बहन निकली Mastermind, इस खतरनाक तरीके से मिटाए सबूत
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Ramgarh, Jharkhand: हत्या की कोई भी वारदात हो, हरदम चौंकाती है, और सोचने को मजबूर कर देती है, कि आखिर ये हुआ तो क्यों हुआ। लेकिन झारखंड के रामगढ़ से कत्ल की खबर सामने आ रही है उसे सुनकर और पढ़कर यकीनन दिमाग सुन्न पड़ जाएगा, और तब वाकई ये ख्याल दिलो दिमाग पर छा जाएगा कि आखिर ये हुआ तो क्यों?

कत्ल का Rehearsal किया

यहां खुलासा यही है कि लूट के इरादे से हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। लेकिन पुलिस ने जब हत्या की गुत्थी को सुलझाया तो जो सच सामने आया वो बेहद चौंकाने वाला निकला, क्योंकि यहां कत्ल से पहले कत्ल का रिहर्सल (Rehearsed) किया गया था। जी हां आपने एकदम दुरुस्त पढ़ा, कत्ल का रिहर्सल। यानी हत्या की इस वारदात में एक नहीं कई लोग शामिल हुए और सबके काम बटे हुए थे। इतना ही नहीं। कौन कौन कब कब क्या क्या करेगा, इसका बाकायदा पहले रिहर्सल (Rehearsed) करके पक्का कर लिया गया था कि हत्या को किस तरह अंजाम देना है। 

Filmy Style Murder

सच कहा जाए तो रामगढ़ में हत्या की ये वारदात बिल्कुल फिल्मी स्टाइल ( Filmy Style) में की गई। हत्या के बाद आरोपियों ने घर में आग लगा दी और सारा जेवर और नकदी लेकर वहां से फरार हो गए। पुलिस की शुरूआती तफ्तीश कहती है कि इस हत्या में कम से कम पांच लोग शामिल थे और इस पूरे मर्डर प्लान का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि नई नवेली बहू की छोटी बहन थी। 

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आरोपी CCTV तक उठा ले गए

ये बात 30 मई 2024 की है। पुलिस को खबर मिली कि विद्यानगर में रिटायर्ड रेलवे अफसर अशरफी प्रसाद की 60 साल की पत्नी सुशीला देवी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। घर से सारा जेवर और नकदी गायब था जबकि कमरे में आग लगी हुई थी। सबसे हैरानी की बात ये है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने घर में लगे सीसीटीवी और उसके डीवीआर को भी नहीं छोड़ा वो भी साथ ले गए। हत्या की ये वारदात उस वक्त अंजाम दी गई जब सुशीला देवी घर पर अकेली थीं। उस समय उनके पति यानी अशरफी प्रसाद किसी काम से घर से बाहर निकले हुए थे। 

Jharkhand Murder
मेज में प्लेट पर रखे बिस्कुट ने दिया सुराग

Plate में रखे Biscuit ने खोला राज

पुलिस के जो पता चला कि आमतौर पर सुशीला देवी किसी भी अनजान के लिए दरवाजा नहीं खोलती थीं। जब भी कोई आता था तो वो बालकॉनी से ही बात कर लिया करती थीं। लेकिन ये वारदात घर के किसी जानकार ने की इसका सबूत पुलिस को तब नज़र आया जब छानबीन के दौरान पुलिस को घर की मेज पर प्लेट में रखे बिस्किट दिखाई पड़े। जिससे पुलिस को ये तो पता चल गया कि घर में कोई ऐसा आया जिसके लिए सुशीला देवी को दरवाजा खोलने में कोई हिचक नहीं थी। पुलिस का शुरुआती अंदाजा यही है कि जब सुशीला देवी किचन में चाय बनाने के लिए पहुँची, बस तभी उन पर हमला कर दिया गया और चाकू से गोदकर उनकी हत्या कर दी गई। 

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सबूत मिटाने के लिए लगाई थी आग

इस वारदात के खुलासे के बाद पूरे शहर में ही सनसनी फैल गई। पुलिस के लिए भी ये बड़ा चैलेंज था कि कातिलों का पता लगाया जाए क्योंकि और कोई ऐसा सुराग भी नहीं था जिससे कातिलों की टोली का अंदाजा मिल सके। इसी बीच पुलिस के पास सुशीला देवी की बेटी अलका कुमारी पहुँची। उन्होंने जब पुलिस को कुछ बताया तो पुलिस को तफ्तीश का एक सिरा मिल गया। अलका कुमारी ने बताया कि उनके पास फोन पहुँचा था कि उनकी मां के घर से धुआं निकल रहा है। इस बीच कॉलोनी के लोगों ने ही फायर ब्रिगेड को बुलवा लिया था। लेकिन जैसे ही आग बुझाने के लिए लोग अंदर पहुँचे तो वहां सुशीला देवी की खून से लथपथ लाश नज़र आई। तब बात पुलिस तक पहुँची। 

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72 घंटे के भीतर पुलिस ने गुत्थी सुलझाई

इसके बाद पुलिस ने घर के तमाम लोगों को एक एक करके खंगालना शुरू किया और महज 72 घंटे के भीतर ही पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने इस सिलसिले में चार लोगों को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन पांचवां फरार है। जिन चार लोगों को पकड़ा उनमें से एक सुशीला देवी की बहू की बहन स्नेहा और उसका पति आरिफ नैयर शामिल है। जबकि आरिफ का दोस्त अशरफ अली भी पकड़ा जा चुका है और चौथा आरोपी कासिफ मून अमीन को पुलिस ने फरार होने से पहले ही दबोच लिया।

बहू की बहन ने बनाया Plan

पुलिस ने खुलासा किया कि सुशीला देवी की बहू की बहन स्नेहा उर्फ रिंकी को ये अच्छी तरह से पता था कि उसकी बहन के सास ससुर बहुत अमीर हैं और घर में अकेले रहते थें। जबकि रिंकी और उसका पति आरिफ पैसों की तंगी से गुजर रहे थे। बैंक का कर्ज भी उन पर बहुत हो गया था। लिहाजा रिंकी ने ही इस हत्या की साजिश रची और उसमें अपने पति समेत उसके दोस्त अशरफ और कासिफ को भी मिला लिया। इतना ही नहीं रामगढ़ आने से पहले इन लोगों ने रांची में बाकायदा हत्या की इस पूरी प्लानिंग का रिहर्सल भी किया था। और उसी वक्त तय किया था कि कौन और कैसे सुशीला देवी को पकड़ेगा और उन्हें चाकू मारेगा। 

मिलने के बहाने से घर पहुँचे

30 मई को तय प्लान के मुताबिक रिंकी और उसका पति आरिफ अशरफ को साथ लेकर मिलने के बहाने से सुशीला देवी के पास पहुँचे। रिंकी को सुशीला देवी अच्छी तरह से जानती थीं लिहाजा बिना किसी हिचक के दरवाजा खोल दिया। घर के भीतर पहुँचने के बाद रिंकी ने तो उन्हें बातों में उलझा लिया जबकि अशरफ ने कासिफ और अंकित को भीतर बुला लिया जो उस वक्त बाहर गाड़ी में ही बैठे थे। सभी लोग जब भीतर पहुँच गए तो अशरफ और आसिफ ने सुशीला देवी को पकड़ा और कासिफ ने उन पर चाकुओं से ताबड़तोड़ वार कर दिए। इसी बीच अंकित ने घर से सारा नकदी और जेवर समेट लिए। लेकिन जब वहां से जाने लगे तो रिंकी को सीसीटीवी नज़र आया। तब उन लोगों ने सीसीटीवी और उसका डीवीआर उठाया। इसके बाद घर के कमरे के पर्दे में आग लगा दी। इससे पहले आग भड़कती सभी आरोपी वहां से फरार हो गए।  पुलिस के सामने रिंकी और उसके पति आरिफ ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस अब अंकित की तलाश कर रही है। साथ ही पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल चाकू और लूटे गए जेवर बरामद कर लिए।

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