आत्मा की हत्या करने जैसा है रेप; ये कहकर जज ने बच्ची से दुष्कर्म और मर्डर के दोषी को सुनाई मौत की सजा
Rape is like killing a soul, raping a girl and sentenced to death for murder
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जब किसी बच्ची के साथ रेप होता है तो उसकी आत्मा की हत्या कर दी जाती है. अब वो सिर्फ शरीर से जिंदा रहती है लेकिन आत्मा नहीं होती. और जब उसे शारीरिक रूप से मार दिया जाता है, तो उसका शरीर भी मर जाता है.
ये टिप्पणी पॉक्सो कोर्ट के एक जज की है. उन्होंने ये बात साढ़े 3 साल की एक बच्ची की रेप के बाद हत्या करने के मामले में फैसला देते हुए कही. पॉक्सो कोर्ट के जज ने दोषी को मौत की सजा सुनाई है.
1 साल के भीतर ही आया बड़ा फैसला
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ये घटना छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की है. इसमें एक शख्स ने साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ रेप के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी. इस घटना के आरोपी को अगस्त 2020 में पॉक्सो एक्ट और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. केस के एक साल के भीतर ही 13 सितंबर 2021 को पॉक्सो कोर्ट के जज शैलेश शर्मा ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई.
120 पन्नों के फैसले में जज शैलेश शर्मा ने कहा कि जब एक बच्ची के साथ रेप होता है तो उसकी आत्मा की हत्या कर दी जाती है. बताया गया है कि राजनांदगांव की पॉक्सो कोर्ट में पहली बार किसी दोषी को फांसी की सजा दी गई है.
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सरकारी अभियोजक परवेज अख्तर ने कहा कि इस घटना के आरोपी शेखर कोरम की घटना में शामिल होने की पुष्टि डीएनए से की गई थी. घटनास्थल से मिले साक्ष्यों और आरोपी के डीएनए सैंपल को मैच कराया गया तब उसकी पुष्टि हो गई थी.
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ऐसे हुई थी घटना
23 अगस्त 2020 को घटना वाले दिन घर के बाहर खेलते वक्त साढ़े तीन साल की बच्ची लापता हुई थी. लापता होने के कुछ देर बाद ही परिवार वाले तलाश करने लगे. लेकिन वो नहीं मिली. इसके बाद आसपास के लोगों की मदद से तलाश शुरू की गई. उस समय कुछ दूरी पर रहने वाला आरोपी भी भीड़ में शामिल होकर बच्ची की तलाश करने लगा था.
इसके बाद पुलिस जब मौके पर पहुंची तो हर घर में तलाशी शुरू की गई. इस दौरान आरोपी एक दोस्त के घर में छुपा मिला. इसे देख पुलिस को शक हो गया. उससे पूछताछ और उसके घर की तलाशी हुई तब वहां बेड के नीचे बच्ची लहूलुहान हालत में बिना कपड़ों के मृत मिली थी. इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
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