राम रहीम : शुरुआती दो साल में पूरे 2 दिन भी जेल से बाहर नहीं आ सका, नया कानून बनते ही हर साल 91 दिन रहता है जेल से बाहर
Ram Rahim Story : राम रहीम की जेल से बाहर आने की गारंटी योजना. जिसमें वो 365 दिन में किसी भी कीमत पर 91 दिन बाहर रहेगा. जानिए पूरी पड़ताल.
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Ram Rahim : गुरमीत राम रहीम. नए साल की शुरुआत में फिर से 50 दिनों की परोल पर जेल से बाहर आया है. इससे पहले 2017 में जेल जाने के बाद वही राम रहीम 2022 से पहले सिर्फ दो बार जेल से बाहर आया था. 24 अक्टूबर 2020 में सिर्फ 1 दिन के लिए यानी 24 घंटे के लिए. वो भी गुरुग्राम के अस्पताल में अपनी बीमार मां को देखने के लिए. इसके करीब एक साल बाद 21 मई 2021 को सिर्फ 12 घंटे के लिए परोल मिली थी. वो भी सूर्य उगने के साथ और अस्त होने तक ही. यानी राम रहीम चाहकर भी अपनी मर्जी से परोल नहीं ले पाता था. कानून की मजबूत जंजीर में वो बंधा हुआ था. लेकिन उसके एक साल बाद ही 2022 में ऐसा कानून बदला कि फिर राम रहीम उस जंजीर को अपनी मर्जी से खोलता है, बांधता है या फिर फेंक देता है. ये जंजीर अब उसके इशारे पर घूमती है. यानी अब गुरमीत रहीम की ये गारंटी योजना है. वो गारंटी ये है कि राम रहीम हर साल 365 दिन में निश्चित तौर पर 91 दिन जेल से बाहर रहेगा. जानिए पूरी पड़ताल.
अब आगे 20 दिन की परोल और 21 दिन के फरलो पर बाहर आएगा राम रहीम
Ram Rahim Parole : अब इसे समझना है तो आपको बता दें कि जनवरी 2024 में राम रहीम फिर से 50 दिन की परोल पर बाहर आया है. अब आगे कब और कितने दिनों के राम रहीम जेल से बाहर आएगा. ये जानना चाहते हैं तो हम आपको अभी बता सकते हैं. आगे वो 20 दिन की परोल और फिर 21 दिन की फरलो पर बाहर आएगा. अब ये 20 दिन की परोल किस तारीख को राम रहीम लेगा ये वही तय करेगा. और 21 दिन की फरलो की तारीख भी वही तय करेगा. लेकिन ये तय है कि पूरे 365 दिन यानी 1 साल में कुल 91 दिन वो जेल से बाहर रहेगा ही. जो 100 प्रतिशत फिक्स है.
अब आप सोच रहे होंगे कि ये कैसे तय हो गया. तो आपको बता दें कि कि ये बाकायदा हरियाणा सरकार के कानून में है. लेकिन ये कोई पुरान कानून नहीं है. बल्कि दो साल पहले 11 अप्रैल 2022 को इस नए कानून का नोटिफिकेशन जारी हुआ था. उसके बाद से साल 2022 में ही राम रहीम पूरे 91 दिन जेल से बाहर आया. फिर उसके बाद साल 2023 में उसी तरह 3 बार में पूरे 91 दिन के लिए जेल से बाहर आया. और अब नए साल यानी 2024 की शुरुआत में ही 50 दिन के लिए परोल पर बाहर आया है. और आगे बचे हुए 41 दिन में उसके पास 21 दिन का फरलो और 20 दिन का परोल बाकी है.
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राम रहीम को गिरफ्तारी के बाद अब तक 9 बार परोल-फरलो
2017 में गिरफ्तारी के बाद से राम रहीम को अब तक 9 बार परोल व फरलो मिल चुकी है.
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पहली बार परोल- सिर्फ 1 दिन के लिए
राम रहीम को पहली बार 24 अक्टूबर 2020 को एक दिन की परोल मिली थी. उस समय राम रहीम की मां बीमार थीं. इसलिए बड़ी मुश्किल से ये परोल मिली थी.
दूसरी बार परोल-सिर्फ 12 घंटे के लिए
दूसरी बार 21 मई 2021 को राम रहीम को परोल मिली थी. लेकिन इस परोल की सीमा पहले से भी कम थी. इस बार सिर्फ 12 घंटे की परोल मिली थी. वो भी फिर से बीमार मां से मिलने के लिए.
तीसरी बार परोल कैंसल, फिर 21 दिन की फरलो मिली
तीसरी बार परोल की मांग के लिए जनवरी 2022 में राम रहीम ने सरकार से गुहार लगाई थी. लेकिन नियमों की कड़ाई की वजह से वो परोल जेल ऑफिस तक पहुंचते-पहुंचते खत्म हो गई. क्योंकि उसमें तमाम अड़चने आई थीं. इसके बाद तुरंत राम रहीम ने 21 दिन की फरलो की मांग की. चूंकि फरलो के लिए ज्यादा नियम कायदे नहीं थे. इसलिए 7 फरवरी 2022 को उसे 21 दिनों की फरलो मिली. अब जब इस बार जेल से राम रहीम बाहर आया तो उसने ये ठान लिया कि अब आगे वो इसी तरह अपनी मर्जी से लंबे-लंबे समय के लिए जेल से बाहर आएगा. अब इसके बाहर आते ही ऐसा क्या हुआ कि हरियाणा सरकार ने नया कानून ही ला दिया. अब ये नया कानून 11 अप्रैल 2022 को लागू भी हो गया.
अब इस नए कानून में क्या हुआ, उसे जान लेते हैं
11 अप्रैल 2022 को परोल समेत कई नियमों के लिए हरियाणा सरकार ने नया संशोधित कानून लागू किया. इसके तहत पुराने 1988 वाले कानून को काफी हद तक बदल दिया गया. नए कानून.... हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर (टेंपररी रिलीज) एक्ट-2022 (Haryana Good Conduct Prisoner (Temporary Release) Amendment Act-2022) को 11 अप्रैल 2022 को लागू कर दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अश्विनी दुबे ने क्राइम तक को बताया कि अब नए कानून में तीन तरह के परोल मिल रहे हैं. इसके लिए सिर्फ जिला अधिकारी की रिपोर्ट पर जेल अधिकारी या फिर सरकार दोनों परोल दे सकती हैं. लेकिन शर्त ये है कि उस कैदी से शांति को खतरा नहीं होना चाहिए और ना ही पब्लिक को किसी तरह का नुकसान हो.
पैरोल के अब नए तीन प्रकार हैं. पहला, कस्टडी पैरोल (Custody Parole). दूसरा इमरजेंसी पैरोल (Emergency Parole) और तीसरा रेगुलर पैरोल (Regular Parole). अभी राम रहीम को रेगुलर परोल मिली है. यहां कस्टडी पैरोल का मतलब सजायाफ्ता कैदी को जरूरी हथियारों से लैस पुलिस सुरक्षा में एक खास समय के लिए खास वजह से दी सकती है.
वहीं, इमरजेंसी पैरोल (Emergency Parole) जेल के सुपरिंटेंडेंट यानी एसपी दे सकते हैं. जो कैदी के संबंधित थाने से आई रिपोर्ट के आधार पर दी जाती है. ये पैरोल सजायाफ्ता कैदी को तब मिलती है जब उसके परिवार में किसी की मौत हो जाए या फिर किसी को गंभीर बीमारी हो या फिर खुद कैदी की हालत गंभीर हो. जबकि तीसरा पैरोल रेगुलर पैरोल (Regular Parole) है. ये बेहद ही आसान और बिना शर्तों का है. इसलिए रेगुलर परोल राम रहीम कभी भी बिना किसी शर्त के ले लेता है.
2 बार में 70 दिनों की परोल और 21 दिन के फरलो की गारंटी
बिना शर्त 2 बार में 70 दिनों की पैरोल : एडवोकेट अश्विनी दुबे बताते हैं कि इस रेगुलर पैरोल पर राम रहीम बाहर आए हैं. इसके तहत कैदी पूरे एक साल में कुल 10 हफ्ते यानी 70 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आ सकता है. इस पैरोल को साल में 2 बार लिया जा सकता है. अब ये चाहे पहला 50 दिन का लिया तो दूसरा 20 दिन का पैरोल लेगा. या फिर अगर पहला परोल 30 दिन का लिया तो दूसरा 40 दिन का. इस तरह अपनी मर्जी से 70 दिनों की परोल कभी भी कैसे भी ले सकता है.
हार्ड कोर क्रिमिनल हुआ तो भी मिलेगा पैरोल
इसके साथ ही नए कानून में एक और बड़ा बदलाव किया गया है. वो है हार्डकोर सजायफ्ता कैदी (Hardcore Convicted Prisoner) को शर्तों के साथ पैरोल देने की. इस नए कानून से पहले किसी भी तरह से हार्ड कोर क्रिमिनल को पैरोल नहीं मिल सकती थी. लेकिन नए कानून में है कि परिवार में किसी की मौत होने या फिर बच्चे की शादी के लिए हार्डकोर सजायफ्ता कैदी को कस्टडी पैरोल (Custody Parole)मिल सकती है. लेकिन शर्त ये रहेगी कि उसे 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक के बॉन्ड भरने के साथ 2 स्योरिटी (Sureties) देने होंगे. जिस पर संबंधित अथॉरिटी का अप्रूवल भी हो. यानी अगर आने वाले समय में राम रहीम को हार्ड कोर क्रिमिनल भी घोषित कर दिया गया तो भी उसे कुछ शर्तों के साथ पैरोल मिल सकती है.
कानून के जानकर कहते हैं कि 2022 में हुए ये नया बदलाव राम रहीम के लिए बेहद खास है. क्योंकि अगर उसे हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं माना जाएगा तो वो आसानी से साल में कम से कम दो बार कुल 70 दिनों के लिए पैरोल ले सकता है. इसके अलावा एक बार 21 दिनों के लिए फरलो भी ले सकता है. अगर किसी तरह से आने वाले समय में उसे हार्डकोर क्रिमिनल भी घोषित कर दिया गया तो भी उस कुछ शर्तों के साथ इमरजेंसी पैरोल या रेगुलर पैरोल भी मिल सकता है जब उसकी सजा 7 साल पूरी हो चुकी होगी.
पहले परोल के लिए बेहद कठिन थी हरियाणा में शर्तें
हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर (टेंपररी रिलीज) एक्ट-2022 से पहले हरियाणा में पैरोल का नियम हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर (टेंपररी रिलीज) एक्ट-1988 (The Haryana Good Conduct Prisoner (Temporary Release) Act, 1988) के तहत हरियाणा में जेल में बंद अच्छे आचरण वाले कैदी को पैरोल मिलती थी.
इस एक्ट के सेक्शन-3 में नियम था कि डीएम यानी जिला मैजिस्ट्रेट की रिपोर्ट पर राज्य सरकार किसी कैदी को पैरोल दे सकती है. पहले तीन तरह की स्थिति में पैरोल मिलती थी. पहली शर्त होती थी कि सजायाफ्ता कैदी के परिवार में किसी की मौत हो जाए या फिर कोई गंभीर रूप से बीमार हो. ऐसा होने पर 3 हफ्ते यानी 21 दिन की परोल मिलती थी.
अगर किसी कैदी की शादी या परिवार में किसी करीबी की शादी हो तो भी पैरोल मिल सकती है. या फिर पत्नी की डिलीवरी होने वाली हो तो भी पैरोल मिल सकती थी. ये पैरोल 4 हफ्ते के लिए मिलती थी. तीसरी पैरोल की शर्त होती थी अगर सजायाफ्ता कैदी को खेती कार्य के लिए जुताई, बुआई का काम हो या फिर पैतृक संपत्ति के बंटवारे का मामला हो. ऐसे में कैदी को 6 हफ्ते के लिए पैरोल मिल सकती थी. पहले पैरोल पाने की प्रक्रिया भी काफी लंबी होती थी. इसी वजह से जनवरी 2022 में जब राम रहीम ने पैरोल के लिए आवेदन किया था आखिर में उसे पैरोल नहीं मिल पाई थी. किसी कारणवश वो पेंडिंग में पड़ गई थी. जिसके बाद उसने फरलो ले ली थी. लेकिन अब 2022 के नए कानून से पैरोल लेने में बड़ा बदलाव आया है.
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