पुलिस का दावा, हमने इनामी डाकू पकड़ा, पब्लिक ने कहा, ये मैच भी 'फ़िक्स' है
Rajasthan police capture dacoit, jagan gurjar arrest, reward 50 thousand, राजस्थान पुलिस ने पकड़ा इनामी डाकू, चंबल का आखिरी डाकू, 121 मुकदमें वाला डाकू, read more crime news in crime tak in hindi
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चंबल का आखिरी डाकू जगन गुर्जर
LATEST CRIME NEWS: ठेठ देहाती और मामूली सी सूरत और चेहरे पर बड़ी बड़ी मूछों का रौब, आंखों पर चढ़ा काला चश्मा और माथे पर 121 संगीन मुकदमों के स्याह इल्ज़ाम। ये हुलिया उस तिलस्मी किरदार का है जिसके पीछे एक दो नहीं बल्कि कई राज्यों की पुलिस दरदरी मिट्टी के ऊबड़ खाबड़ टीलों और घनी कटीली झाड़ियों के बीच से बल खाती नदी के इर्द गिर्द बसे चंबल के बीहड़ में ढूंढ़ रही थी।
चंबल के इतिहास का शायद वो आखिरी डाकू है जिसके सिर पर कभी 11 लाख रुपये का इनाम था, मगर उसे पुलिस कभी क़ानून की हथकड़ियों में जकड़ नहीं सकी। वो शायद इकलौता डकैत भी होगा जिसने अपनी मर्जी से अपनी शर्तों के मुताबिक सरेंडर किया। उस डाकू का नाम है जगन गुर्जर।
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CRIME NEWS STORY: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरहदों के इर्द गिर्द बीहड़ के करीब 133 किलोमीटर के उस चंबल के इलाक़े में पुलिस ने अपना ऑपरेशन चलाया, जिसका सिर्फ नाम ही जुबान पर आते ही अच्छे अच्छों का पसीना छूट जाता है और ज़ेहन में ख़ूंखार डाकू और डाकुओं के ख़ौफनाक अड्डों की तस्वीरें छा जाती हैं।
उसी चंबल के ज़र्रे जर्रे को छानने के लिए क़रीब 500 पुलिस वालों का भारी भरकम लाव लश्कर ने पूरे 16 दिनों तक हाथ पांव मारे तब जाकर ये छलावा पुलिस के हत्थे चढ़ा। बीते सोमवार की शाम यानी 7 फरवरी की शाम मासलपुर के जंगलों से वो जगन गुर्जर पुलिस के हाथ लग गया जिसको सरकारी कंगन पहनाने के लिए पुलिस पिछले 28 सालों से घूम रही थी।
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पुलिस की कहानी पर किसी को यकीन नहीं
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Dacoit News: जगन गुर्जर को पुलिस ने पकड़ा, ये दावा किया राजस्थान में करौली पुलिस के SP शैलेंद्र सिंह इंदौलिया ने। और उनके ही मुताबिक मौजूदा वक़्त में 50 हज़ार रुपये के इनामी इस डाकू को पकड़ने के लिए पुलिस की 6 ऑपरेशन टीमें 16 दिन तक चंबल की खाक छानती रहीं।
पुलिस ने दावा किया कि डाकू जगन गुर्जर को उसने पकड़ा है। लेकिन जगन गुर्जर के 28 साल के इतिहास को देखते हुए पुलिस के दावे पर यकीन नहीं होता। बीते 28 सालों में जगन गुर्जर को कभी पुलिस पकड़ नहीं पाई। इसीलिए किसी को भी पुलिस की सुनाई कहानी पर यकीन नहीं हो रहा है। सब यही मानें बैठे है कि डाकू जगन गुर्जर ने फिर अपनी मर्ज़ी से ही अपनी शर्तों पर सरेंडर किया है।
तीन निहत्थे पुलिसवालों ने पकड़ा खतरनाक डाकू!
CRIME STORY IN HINDI: पुलिस कप्तान ने अपने जगन गुर्जर के पकड़े जाने की कामयाबी का सेहरा अपने महकमे के कांस्टेबल राजेश सिंह, कुंवर सिंह और भरतपुर के कांस्टेबल पुनीत कुमार के सिर बांधा। और पुलिस कप्तान की सुनाई गई कहानी के मुताबिक यही वो तीन जांबाज़ निहत्थे पुलिसवाले थे जिन्होंने चंबल में ख़ौफ़ का दूसरा नाम बन चुके जगन गुर्जर को दबोचकर पकड़ लिया।
इसी कहानी को सुनने के बाद ही लोग अब जुबानी जमाखर्च करते देखे जा रहे हैं कि इस शातिर डकैत ने एक बार फिर नूरा कुश्ती खेली है। एक बार फिर फिक्स मैच में पुलिस बैटिंग करती दिखाई दे रही है। बताया यही जा रहा है कि जगन गुर्जर को अब क़ानून की हथकड़ियों में जकड़ने के बाद पुलिस उसका मुंह खुलवाने की कोशिश कर रही है और उसके सीने में छुपे राज़ को बाहर निकालने के लिए पूछताछ कर रही है।
डाकू ने दी थी विधायक को धमकी
CRIME UPDATE NEWS: असल में राजस्थान की पुलिस जिस बात को लेकर जगन गुर्जर को क़ानून के शिकंजे में लाने को बेताब हो रही थी उसका ताल्लुक उस वीडियो से है जो वायरल हुआ था। उस वीडियो में जगन गुर्जर ने धौलपुर के बाड़ी के विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा को धमकी दी थी।
सवा सौ मुक़दमों को सिर पर लिए घूम रहा चंबल का ये आख़िरी डाकू जगन गुर्जर आख़िर है कौन? राजस्थान के धौलपुर इलाक़े से चंबल के बीहड़ तक ये पहुंचा कैसे? एक भरे पूरे गांव में पूरे दस साल तक एक अकेले इस डाकू जगन गुर्जर की वजह से कभी कोई डोली क्यों नहीं उठी या कोई बारात क्यों नहीं आई।
किसने लिखी नूरा कुश्ती की स्क्रिप्ट
CRIME UPDATE NEWS IN HINDI: डाकू जगन गुर्जर की पूरी कहानी को सुनने और समझने से पहले ये भी समझना ज़रूरी है कि बस कुछ वक़्त पहले तक इसके सर पर 80 मुक़दमे थे। पर हैरतअंगेज़ तौर पर इनमें से 79 मुक़दमों में वो बाक़ायदा बरी हो गया।
सिर्फ़ एक मुकदमे में उसे दस साल की सज़ा सुनाई गई। ये मुक़दमा पुलिसवालों के साथ मुठभेड़ का था। बस, इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जगन गुर्जर की दहशत का आलम क्या रहा होगा।
असल में जब जगन गुर्जर ने राजस्थान के कांग्रेसी विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा को वीडियो में जान से मारने की धमकी दी, तो पुलिस महकमा हिल गया। राजस्थान विधान सभा में बजट सत्र भी शुरू होने वाला था।
ऐसे में इस मामले के वहां भी ज़ोर शोर से उछलना लाजमी था। लिहाज़ा पुलिस पहले ही इस मसले को निपटा लेना चाहती थी। और इसी के बाद ही पुलिस कप्तान ने जगन गुर्जर की वो तस्वीर जमाने को दिखाई जिसमें वो थाने के भीतर बैठा मुस्कुरा रहा है।
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