उन्नाव में रंगबाज़ी का हुआ 'दी एंड', नई सुबह के लिए होगी वोटिंग

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उन्नाव में रंगबाज़ी का हुआ 'दी एंड', नई सुबह के लिए होगी वोटिंग
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उन्नाव में विशाल सिंह के साथ सुप्रतिम बनर्जी की रिपोर्ट

साहित्य और स्वतंत्रता आंदोलन की धरती रही उन्नाव पिछले कई सालों से ग़लत वजह से सुर्खियों में है. उन्नाव में एक दलित लड़की के साथ बलात्कार के मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के गिरफ़्तार होने और फिर सज़ा पाने के वाकये ने उन्नाव की साख पर जितना बट्टा लगाया है, इससे पहले शायद ही किसी और वारदात ने लगाई होगी. अब यूपी विधान सभा चुनाव के चौथे चरण में इसी उन्नाव ज़िले में वोट डाले जाएंगे.

लेकिन ना तो इस चुनाव में रेप की ये वारदात कोई बड़ा चुनावी मुद्दा है और ना ही यहां फिलहाल किसी की दबंगई या रंगबाज़ी का ज़ोर है. एक वक़्त था, जब उन्नाव के अजीत सिंह की गिनती इलाक़े के बड़े बाहुबलियों में होती थी. अजीत सिंह समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता होने के साथ-साथ एमएलसी भी रहे. लेकिन 2005 में अजीत सिंह का क़त्ल कर दिया गया और अब इतने सालों बाद भी क़त्ल का वो मामला नहीं सुलझ पाया है.

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उन्नाव में चलता था कभी कुलदीप सिंह सेंगर का सिक्का

अजीत सिंह के अलावा उन्नाव में अगर किसी नेता की चलती थी, तो वो कुलदीप सिंह सेंगर ही था. कुलदीप ने कांग्रेस, बीएसपी, एसपी होते हुए बीजेपी का दामन थामा था. लेकिन 2018 में उस पर एक दलित लड़की ने रेप का इल्ज़ाम लगाया और इसी के साथ उसकी क़िस्मत ऐसी पलटी कि सारी सियासत हवा हो ही गई, जेल भी जाना पड़ा.

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सपना ही साबित हुआ स्वर्ण भंडार का सपना!

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उन्नाव इससे पहले एक और अजीब सी वजह को लेकर चर्चे में ज़रूर आया था. हुआ यूं था कि साल 2013 में कानपुर के एक संत शोभन महाराज ने अचानक ये दावा किया कि उन्नाव के गांव डौंडियाखेड़ा में ज़मीन के नीचे सोने का भंडार दबा है और ये भंडार उन्हें सपने में दिखा है. बस फिर क्या था? शोभन महाराज के अनुयायियों से लेकर अफवाह पसंद लोगों ने इसे ध्रुव सत्य मान लिया. फिर तो गांव वालों के साथ-साथ खुद आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया तक यहां 1 हज़ार टन सोने के भंडार की तलाश में जुट गई. लेकिन ये कोशिश सिर्फ़ एक पसीना बहाने वाली कवायद बन कर रह गई.

छह विधान सभा सीटों पर हुए चुनाव

उन्नाव की छह विधान सभा सीटों पर वोटिंग होगी. ये सीटें हैं सदर, बांगरमऊ, पुरवा, भगवंतनगर, सफ़ीपुर और मोहान. बाहुबल और रंगबाज़ी के एपिसोड का तो दि-एंड हो गया, लेकिन अब कांग्रेस ने यहां रेप पीड़िता लड़की की मां को चुनाव मैदान में उतार कर रेप कांड में बीजेपी के ख़िलाफ़ पैदा हुए सेंटीमेंट को हवा देने की कोशिश ज़रूर की है.

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