अब क्या होगा अफगानिस्तान में ? कुछ लोगों की जिंदगी खतरे में कुछ अमेरिकी अभी भी रह रहे है अफगानिस्तान में ?

ADVERTISEMENT

अब क्या होगा अफगानिस्तान में ?कुछ लोगों की जिंदगी खतरे में कुछ अमेरिकी अभी भी रह रहे है अफगानिस...
social share
google news

अफगानिस्तान में 2001 के बाद से यह पहला मौका है जब यहां अमेरिकी सैनिक नहीं हैं। अमेरिकी सैनिकों के निकल जाने के बाद से यहां के ज्यादातर नागरिक खतरे में हैं। पिछले दो हफ्तों में अमेरिका के प्रयास की वजह से 1,14,000 से ज्यादा लोग काबुल एयरपोर्ट से एयरलिफ्ट किए गए। अमेरिका ने 5500 अमेरिकी नागरिक को बाहर निकाला, जबकि 14 अमेरिकी नागरिकों ने वहीं अफगानिस्तान में अपने परिवार के साथ रहना स्वीकार किया। बाइडेन प्रशासन ने कहा, मुझे उम्मीद है तालिबान आगे भी अमेरिकी नागरिकों और अन्य नागरिकों की सुरक्षित निकासी जारी रहने देगा।

किस किस की जिंदगी है खतरे में ?

अफगानिस्तान में हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में है. जैसे- इन्टर्प्रटर यानी कि अनुवादक, जिसने अमेरिकी सैनिकों के साथ काम किया था। पत्रकार और वुमन राइट की वकालत करने वाले लोग। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उनका आगे क्या होगा? लेकिन अधिकारियों को इस बात की चिंता है कि तालिबान उनसे बदला ले सकता है।

ADVERTISEMENT

अफगानिस्तान के हालात पर प्रस्ताव पारित

युद्ध प्रभावित देश का इस्तेमाल किसी देश को डराने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाए

ADVERTISEMENT

रविवार को अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य दूसरे देशों ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि तालिबान से वादा लिया गया है कि वह सभी विदेशी नागरिकों और अफगानी नागरिकों को दूसरे देश जाने की अनुमति देगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने भारत की मौजूदा अध्यक्षता में सोमवार को अफगानिस्तान के हालात पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मांग की गई है कि युद्ध प्रभावित देश का इस्तेमाल किसी देश को डराने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाए। इस प्रस्ताव को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पेश किया। परिषद के 13 सदस्य देशों द्वारा प्रस्ताव के पक्ष में मत दिये जाने के बाद इसे पारित कर दिया गया, जबकि परिषद के स्थायी सदस्य रूस और चीन मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे।

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜