जुर्म के जोंक जेल में, मगर काट रहे हैं गुनाहों के मच्छर..

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जुर्म के जोंक जेल में, मगर काट रहे हैं गुनाहों के मच्छर..
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नोएडा विधानसभा से मनीषा झा, सुप्रतिम बनर्जी, विनोद शिकारपुरी के साथ प्रिवेश पांडे की रिपोर्ट

UP Election 2022 : नोएडा की अलग-अलग विधानसभा सीटों पर चुनाव और क्राइम का फैक्टर जानने के लिए क्राइम तक की टीम तीनों विधानसभा क्षेत्रों के सफ़र पर निकली. भले ही सुंदर भाटी और अनिल दुजाना योगी जी के आशीर्वाद से जेल में हो लेकिन छुटभइये गुंडे-बदमाशों ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.

नोएडा में एक वक़्त पर जुर्म की बादशाहात कायम करने वाले दुजाना और भाटी गैंग का दबदबा अब ख़त्म हो गया हो गया हो और चुनाव पर किसी बदमाश या गैंगस्टर्स का कोई असर होता ना दिख रहा हो। लेकिन इन दिनों नोएडा की जनता के लिए जो सबसे ज़्यादा परेशानी का सबब बन चुके हैं वो है छुटभैये गुंडे।

सरेराह छिनैती और लूटपाट की घटनाओं से नोएडा की जनता त्रस्त है। भले ही चुनाव में ये बहुत बड़ा फ़ैक्टर नहीं है लेकिन आम लोगों की ज़िंदगी को बहुत प्रभावित कर रहा है। यही वजह है कि जब क्राइम तक की टीम ने लोगों से बात कर ये जानने की कोशिश की कि आख़िर इस बार चुनावी हवा किस दिशा में बह रही है और उनका क्षेत्र कितना सुरक्षित है तो निचोड़ यही निकला की बड़े क्राइम जैसे मर्डर और उगाही अब पहले की तरह नहीं है और ज़िंदगी में चैन-सुकून है।

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लेकिन रास्ते पर आते-जाते भाई साहब डर लगता है। फोन और मोबाइल स्नैंचिंग से नोएडा के लोग बदहाल दिखे और कहा कि जब योगी जी ने इतना कर ही दिया तो ज़रा इन अपराधों पर नकेल कसने के लिए भी पुलिस को टाइट करे।

नोएडा में महिलाओं को अब भी लगता है डर!

Noida Election News : नोएडा में बस का इंतज़ार करती महिलाओं से भी क्राइम तक की टीम ने बात की। हां पहले के मुकाबले हर कोई इस बात को तो स्वीकार रहा है कि योगीराज में महिलाएं पहले से सुरक्षित हैं लेकिन तब भी सुरक्षा की दरकार है।

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यूपी में विकास की गति को वाहवाही सब कर रहे हैं लेकिन महिलाओं की सुरक्षा आज भी एक चुनौती दे रहा है। जब बात सुरक्षा की हो ही रही थी तो लगे हाथों नौकरी पेशा पर निकली महिलाओं ने योगी जी से परिवहन व्यवस्था में सुधार और थोड़ी सुविधाएं देने की भी मांग कर ली।

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क्या कहते हैं आंकड़े?

हालांकि सरकार का दावा है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार हमेशा से प्रयासरत है और इस पर लगातार काम भी किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अन्य कमिश्नरेट के मुकाबले नोएडा महिला सुरक्षा के लिहाज़ से बेहतर स्थिति में रहा।

साल 2020 में नोएडा कमिश्नरेट बनाया गया था। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के मुकाबले में 2020 में अपराध के कम मामले सामने आए हैं और नोएडा में भी महिला अपराध के साथ-साथ अन्य अपराधों में कमी आई है।

भले ही सरकार दावे करे या रिपोर्ट में मामले कम आए हों। लेकिन ज़मीनी स्तर पर लोग अपनी परेशानी क्राइम तक की टीम से खुल कर कह रहे हैं और उसके मुताबिक अभी भी नोएडा में और होमवर्क करने की ज़रूरत है।

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