जिससे बीहड़ कांपता था उस खूंखार डकैत की नाक के नीचे उसकी बीवी को ले उड़ा एक 'लड़का'
nirbhay gurjar the dreaded dacoit whose wife was eloped with his stepson जिससे बीहड़ कांपता था उस खूंखार डकैत की बीवी को भगा ले गया 'लड़का'
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किडनैपिंग और मर्डर के एक दो नहीं करीब 200 से ज़्यादा मामले जिस पर हों, दशकों तक जो चम्बल में आतंक का दूसरा नाम रहा, जिसे एक लंबे अरसे तक पुलिस छू भी नहीं पाई। जो खुद दूसरों की लड़कियां उठाया करता था उसकी खुद की बीवी को एक लड़का उड़ा ले गया। डाकुओं के इतिहास में किसी डाकू की इस कदर बेइज़्ज़ती कभी नहीं हुई जैसी कुख्यात डाकू निर्भय गुर्जर की हुई।
निर्भय गुर्जर के ऊपर यूपी-एमपी कई ज़िलों में लूट, अपहरण, हत्या, डकैती के दो सौ से ज़्यादा मुकदमे दर्ज थे। निर्भय के गिरोह को चंबल के बड़े गिरोहों में से एक माना जाता था क्योंकि उसके गिरोह में ना सिर्फ 60 से ज़्यादा डाकू थे बल्कि हाईटेक हथियार भी थे। निर्भय जब अपने पूरे शबाब पर था तो उसने सरला और नीलम नाम की दो लड़कियों की किडनैपिंग की थी। अपहरण किए जाने के दौरान दोनों लड़कियां नाबालिग थीं।
कई साल गैंग में रहने के बाद दोनों बीहड़ के जीवन में रम गईं, निर्भय, लड़की और शराब का काफी शौकीन था। उसके साथ उसकी दो प्रेमिकाएं सरला और नीलम हमेशा रहती थीं, उसे खुश करने के लिए वो हमेशा जींस और टी-शर्ट पहनती थीं। क्योंकि निर्भय को जींस टी-शर्ट पहनने वाली लड़कियां पसंद थीं। निर्भय इन दोनों से ही प्यार करता था, नीलम को वो अपनी पत्नी मानता था, लेकिन कुछ दिनों बाद उसे गहरा धक्का पहुंचने वाला था।
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हुआ दरअसल ये कि निर्भय गुर्जर ने 14 साल की उम्र में एक लड़के का अपहरण कर लिया, मां-बाप फिरौती देने की हालत में नहीं थे, तो करते क्या उसे उसके हाल में छोड़ दिया। 8 साल तक ये लड़का डाकुओं के गैंग में रहा उन्हीं के बीच रह कर जवान हुआ। निर्भय ने श्याम जाटव नाम के इस लड़के को अपना दत्तक पुत्र बना लिया। इस बीच निर्भय गुर्जर ने अपनी से आधी उम्र की नीलम गुप्ता से शादी कर ली और अपने दत्तक पुत्र दस्यु श्याम जाटव के साथ सरला जाटव की धूमधाम से बीहड़ में सात फेरे करवा दिए थे लेकिन नीलम अपने हमउम्र श्याम जाटव के साथ निर्भय का साथ छोड़कर चली गई थी।
निर्भय गुर्जर इस बात को बर्दाश्त नहीं कर सका कि जिसको उसने पिता जैसा प्यार दिया, उसी ने उसको धोखा दिया। हालांकि इससे ज़्यादा गुस्सा उसे नीलम गुप्ता पर आया। लेकिन उसके साथियों का कहना था कि जवानी और अल्लहड़पन मे खोई दस्यु सुन्दरी नीलम को बाबाओं की तरह दाढ़ी रखे निर्भय पसन्द नही आए और उसने निर्भय के दत्तक पुत्र से ही आखे दो चार करना शुरु कर दिया।
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नीलम और श्याम जाटव का प्यार ऐसा परवान चढा कि दोनों ने निर्भय के खौफ के बावजूद शादी कर ली। बाद में निर्भय ने दोनों की हत्या की काफी कोशिश भी की। मगर निर्भय से बचने के लिए आखिरकार दोनों ने यूपी पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। हालांकि निर्भय के पुलिस एनकाउंटर के बाद ये खौफ भी जाता रहा।
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