MUMBAI ANTILIA CASE में NIA का दावा : मनसुख हिरेन की हत्या के लिए दी गई थी 45 लाख की सुपारी
NIA's claim in MUMBAI ANTILIA CASE: 45 lakh was given for the murder of Mansukh Hiren
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ANTILIA CASE : मुंबई एंटीलिया (ANTILIA) केस में मनसुख हिरेन ( HIREN) के मर्डर मामले में नया खुलासा हुआ है. हिरेन की हत्या के लिए 45 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये जानकारी दी है.
दरअसल, बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास विस्फोटक से भरी जो स्कॉर्पियो मिली थी वो मनसुख हिरेन की ही थी. कोर्ट में NIA ने इस केस में चार्जशीट पेश करने के लिए 30 दिन का समय और मांगा है.
इससे पहले मनसुख मामले में स्पेशल कोर्ट ने चार्जशीट पेश करने के लिए 2 महीने का समय दिया था. 9 जून को ही कोर्ट ने NIA को ये आदेश दिया था. लेकिन NIA ने अभी और समय मांगा है. अभी और वक़्त मांगने के बारे में NIA का कहना है कि अभी पता लगाना बाकी है कि ये फंडिंग किसने की थी? यानी एक तरह से ये पता लगाया जाएगा कि मनसुख हिरेन को मारने के लिए सुपारी किसने दी थी. जांच एजेंसी ने कोर्ट में बताया कि अब तक 150 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं.
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मार्च में ही तिहाड़ जेल से मिले थे 2 फोन
यहां बता दें कि इसी साल मार्च में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद इंडियन मुजाहिदीन के कथित प्रमुख तहसीन अख्तर से दो मोबाइल फोन मिले थे. NIA की पूछताछ के दौरान आरोपी ने स्वीकार किया था कि दोनों फोन उसी के हैं. अभी इन दोनों फोन की जांच हो रही है. NIA का दावा है कि अगर इन दोनों फोन की गहराई से जांच हुई तो कई अहम जानकारी मिल सकती है. लिहाजा, कोर्ट से इसलिए भी समय की मांग की गई है.
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क्या है एंटीलिया केस
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इसी साल 25 फरवरी को मुंबई में रहने वाले बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास एक संदिग्ध स्कॉर्पियो मिली थी. इस गाड़ी की जांच हुई तो उसमें विस्फोटक भरा मिला था. ये मामला काफी सुर्खियों में रहा था. इसकी बड़े स्तर पर जांच शुरू हुई थी. जांच के कुछ दिनों बाद ही टेलीग्राम पर दो मैसेज भेजकर जैश-उल-हिंद नाम के आतंकी संगठन ने विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली थी. हालांकि, इस मामले में पकड़े गए आरोपी तहसीन अख्तर ने मैसेज भेजने से इनकार किया था.
इस मामले में पुलिस ने जब स्कॉर्पियो की जांच की तब पता चला कि वो मनसुख हिरेन की है. हालांकि, पूछताछ के दौरान मनसुख हिरेन ने दावा किया था कि कार उनकी है, लेकिन घटना से एक हफ्ते पहले वो चोरी कर ली गई थी.
लेकिन इस केस में नया मोड़ तब आया जब 5 मार्च को ठाणे में एक नदी किनारे हिरेन का शव मिला. इस घटना के बाद हिरेन की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति ने पिछले साल नवंबर 2020 में ही मुंबई पुलिस के सचिन वझे को अपनी एसयूवी दी थी। उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में वो कार लौटाई थी. जिसके बाद केस में और नया मोड़ आया था.
पत्नी ने हिरेन की हत्या का शक सचिन वझे पर ही जताया था. इस केस में NIA अब तक मुंबई पुलिस के बर्खास्त API सचिन वझे, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा, रियाजुद्दीन काजी और सुनील माणे को गिरफ्तार कर चुकी है. लेकिन अभी तक ये पता नहीं चल सका है कि मनसुख हिरेन की साजिश का पूरा खुलासा नहीं हो पाया है.
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