बेवफा बीवी : जिसके नाम का सिंदूर लगाया, आशिक़ से मिल उसी का किया क़त्ल, 10 साल बाद ऐसे खुला राज़

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बेवफा बीवी : जिसके नाम का सिंदूर लगाया, आशिक़ से मिल उसी का किया क़त्ल, 10 साल बाद ऐसे खुला राज़
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ये कहानी है एक ऐसी बीवी की, जिसने खुद अपने हाथों से अपनी मांग का सिंदूर मिटा लिया। इसके बाद वो बीवी पूरे दस सालों तक पुलिस की आंखों में धूल झोंकती रही। इस ख़ौफ़नाक बीवी के गुर्गे तो धर लिए गए, लेकिन पति के क़त्ल की मास्टरमाइंड होने के बावजूद पुलिस पूरे दस सालों तक पता ही नहीं लगा सकी। वक़्त के साथ शायद इस क़ातिल बीवी ने भी खुद को क़ानून से महफ़ूज मान लिया था...

"क़ातिल ने किस सफ़ाई से धोई है आस्तीन

उस को ख़बर नहीं कि लहू बोलता भी है"

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शायर इकबाल अज़ीम का ये शेर इस क़ातिल बीवी के किरदार पर बिल्कुल फिट बैठ गया और लंबी लुकाछिपी के बाद आख़िरकार पूरे दस साल बाद पुलिस ने इस बीवी को गिरफ्तार कर लिया।

कहां से हुई इस ख़ूनी कहानी शुरुआत?

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दिल्ली की रहनेवाली शकुंतला शादी 2011 में रवि के साथ हुई थी। शादी बेशक रवि के साथ हुई, मगर शकुंतला कमल नाम के एक दूसरे नौजवान से पहले ही प्यार करती थी। दरअसल, दोनों एक ही गांव के थे और ये पुराना प्यार था।

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वैसे तो किसी और से शादी के बाद इस प्यार को भूल जाना ही ठीक होता, लेकिन वो कहते हैं ना कि प्यार अंधा होता है, तो शकुंतला ने अपने इस प्यार की ख़ातिर पूरी दुनिया से रुसवाई मोल ली। और तो और अब उसे खुद अपना ही पति बेगाना लगने लगा।

अब पति तो पति ठहरा। जैसे ही उसे इन बातों की भनक लगी, उसने अपनी बीवी और उसके आशिक़ कमल के मेल-जोल पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी। और तब पहले ही शर्मो-हया की भेंट चढ़ा चुकी इस जोड़ी ने एक बेक़सूर पति को रास्ते से हटाने के लिए उसे दुनिया से ही रुखसत कर देने का ख़ौफ़नाक प्लान तैयार कर लिया।

कैसे रची ख़ूनी साज़िश?

अब शकुंतला ने अपने आशिक़ कमल के साथ मिलकर 22 मार्च 2011 को अपने पति के क़त्ल की साज़िश रची। इस साज़िश के मुताबिक उसने अपने पति रवि से उसे कुछ दिनों के लिए अपनी बहन के घर हरियाणा के समालखा छोड़ देने की रिक्वेस्ट की।

अपने आनेवाले वक़्त से बेख़बर रवि उसे छोड़ने जाने के लिए तैयार हो गया। शकुंतला ने अपने आशिक़ कमल और उसके एक साथी गणेश के साथ रवि को समालखा चलने के लिए कहा। साथ ही ये भी कहा कि कमल उससे कुछ बात भी करना चाहता है।

रवि को शकुंतला के इस प्रस्ताव पर झिझक तो हुई, लेकिन उसे लगा कि शायद कमल उससे शकुंतला के साथ अपने रिश्तों को लेकर खुल कर कोई बात करना चाहता हो, शायद इस मुसीबत का कोई हल निकालना चाहता हो।

कैसे दिया क़त्ल को अंजाम?

शकुंतला का आशिक़ कमल और उसका साथी गणेश पहले से ही एक सैंट्रो कार में उनका इंतजार कर रहे थे। चारों दिल्ली के कापसहेड़ा से शकुंतला की बहन के घर समालखा के लिए निकले। शकुंतला को समालखा छोड़ा और फिर कमल ने रवि को यह कहते हुए अपने साथ आगे चलने पर राज़ी कर लिया कि उसे उससे अकेले में कुछ बात करनी है।

रवि को आनेवाली अनहोनी का ज़रा भी गुमान नहीं था। लेकिन जैसे ही कार समालखा से निकल कर सुनसान जगह पर पहुंची, कमल और गणेश ने रवि का रस्सी से गला घोंट क़त्ल कर दिया। अब लाश निपटना एक बड़ी चुनौती थी।

.. तो कमल ने इसका भी हल निकाला और लाश को लेकर समालखा से सीधे राजस्थान के अलवर पहुंचा, जहां उसे टपुकड़ा गांव के एक अधबने मकान के पास दफ्ना दिया। दरअसल, इस जगह का चुनाव क़ातिलों ने ये ध्यान में रख कर किया था कि यहां खुदाई करने पर किसी को लाश निपटाए जाने का कोई शक भी नहीं होगा। और हुआ भी वही। लाश निपटा दी गई और दोनों आराम से वहां से निकल गए।

कैसे खुला इस ख़ौफ़नाक क़त्ल का राज़?

रवि की रहस्यमयी गुमशुदगी के बाद उसके घरवालों ने रिपोर्ट लिखवाई। पहला शक तो बीवी और उसके आशिक पर ही होना था। लेकिन बीवी ने ये कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया कि वो तो बहन के घर रुक गई थी।

जबकि बीवी के आशिक ने कहा कि रवि रास्ते में लौटते वक्त कहीं पर जाने की बात कह कर उतर गया था। लेकिन शक के दायरे से खुद को बचाना इतना आसान भी नहीं था। मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब इन दोनों की ब्रेन मैपिंग करवाने का फ़ैसला किया। और ये तकनीक काम कर गई। ब्रेन मैपिंग में दोनों ने ना सिर्फ रिश्तों बल्कि क़त्ल के सारे राज़ उगल दिए। लेकिन इससे पहले कि पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर पाती, तो फरार हो गए।

इस तरह पकड़ में आया क़ातिल आशिक़

इस मामले में क्राइम ब्रांच को तब पहली कामयाबी मिली, जब 9 साल बाद 27 सिंतबर, 2019 को एक मुखबिर की इत्तिला पर पुलिस ने कमल को अलवर के ही शालीमार कॉलोनी ने दबोच लिया। कुछ रोज़ बाद उसका साथी गणेश बिहार के समस्तीपुर से पकड़ा गया।

पांच अक्टूबर को कमल सिंगला और गणेश ने दिल्ली से सैकड़ों मील दूर अलवर के कब्र में पूरे नौ साल से दफन रवि कुमार की लाश बरामद करवा दी। ये लाश क्या थी, हड्डियां थी। लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद क़त्ल की असली मास्टरमाइंड यानी क़ातिल बीवी शकुंतला का कोई पता नहीं था। उसकी तलाश चलती रही।

साल गुज़रते रहे। उधर, पति के क़त्ल के शकुंतला कमल के साथ रहने लगी थी। दोनों ने 2017 में शादी भी कर ली। लेकिन आशिक से पति ने कमल की गिरफ्तारी के बाद भी बीवी फ़रार रही। लेकिन अब 10 साल बाद आखिरकार मुखबिर की इत्तिला पर ही पुलिस ने 50 हज़ार की इनामी बीवी शकुंतला को अलवर से ही गिरफ्तार कर लिया।

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