खून से भरी तीन बाल्टी और कुकर में उबले हुए लाश के टुकड़े मिले, मनोज के घर में डरावनी फिल्मों जैसा मंजर
Mumbai Murder Case Latest News: मुंबई पुलिस ने मीरा रोड के गीता आकाशदीप सोसाइटी के फ्लैट नंबर 704 की जब तलाशी ली तो वहां से उसे तीन बाल्टी खून और उबले हुए मांस के टुकड़े बरामद हुए जिन्हें वो धीरे धीरे मीरा रोड के कुत्तों का निवाला बना रहा था।
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Mumbai Murder Case Latest News: मुंबई के मीरा रोड में गीता आकाशदीप सोसाइटी में हुए श्रद्धा वालकर जैसे हत्याकांड के बाद सनसनी फैली हुई है। खासतौर पर जब से इस बात का खुलासा हुआ कि इस हत्याकांड के आरोपी मनोज साने ने 24 साल छोटी अपनी गर्लफ्रेंड सरस्वती का न सिर्फ मर्डर किया बल्कि उसकी लाश के साथ जो बेरहमी दिखाई, ऐसी दरिंदगी तो कोई भी नहीं दिखाता।
फ्लैट से निकला डरावनी फिल्मों जैसा सच
पुलिस ने जब मीरा रोड के आकाशदीप अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 704 में तलाशी ली तो उसके सामने जो कुछ आया वो किसी डरावनी फिल्म जैसा सीन था। पुलिस को वो पेड़ों को काटने वाला कटर मिला जिससे मनोज साने ने सरस्वती वैद्य की लाश के टुकड़े टुकड़े किए। इसके साथ साथ पुलिस को वो प्रेशर कुकर मिला जिसमें डालकर मनोज ने सरस्वती की लाश के टुकड़ों को उबाला था।
खून से भरी तीन बाल्टी मिली
इसके अलावा पुलिस को उस घर से खून से भरी तीन बाल्टी मिली। और उस बाल्टी में लाश के टुकड़े भी भरे हुए थे। पुलिस ने सरस्वती की लाश के उबाले गए छोटे छोटे टुकड़े भी बरामद किए। पुलिस का मानना है कि मनोज ने लाश के टुकड़े करने के बाद उन्हें ग्राइंडर में पहले पीसा और फिर उन्हें कुकर में डालकर इसलिए उबाल दिया ताकि वो बदबू न कर सकें।
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मीरा रोड के तमाम कुत्तों का निवाला बनी गर्लफ्रेंड
बकौल पुलिस मनोज का इरादा ये था कि अगले कई दिनों तक वो इन टुकड़ों को मीरा रोड के तमाम कुत्तों का निवाला बना देगा। वो अपनी गर्लफ्रेंड सरस्वती को छोटे छोटे टुकड़ों में तब्दील करने के बाद उन्हें किश्तों में ठिकाने लगा रहा था और ऐसा अगले कई दिनों तक करने का उसका इरादा था। लेकिन घर से निकली लाश के टुकड़ों की सड़ांध ने उसकी पोल खोल दी।
बदबू मिटाने का किया उपाय
पुलिस को ये भी पता चला है कि उसने लाश की बदबू को दूर करने के लिए रूम फ्रेशनर और अगरबत्ती के अलावा डियोड्रेंट और लोबान सब कुछ छिड़का था। मगर कोई भी चीज लाश की बदबू को घर से रोकने में नाकाम रही। और उसी बदबू की वजह से मनोज को उसके पड़ोसी ने बुधवार की दोपहर को सड़क में रोक कर टोका भी था। मगर वो गटर से निकलने वाली बदबू की बात का बहाना बनाकर वहां से खिसक गया था और शाम को जब वो सात बजे लौट कर आया तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस के मुताबिक छानबीन के दौरान फ्लैट नंबर 704 से महिला के पैरों का ही कुछ हिस्सा मिला बाकी लाश के छोटे छोटे टुकड़े मिले, जो घर के अलग अलग हिस्सों में बिखरे हुए थे।
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तीन दिन तक किए लाश के टुकड़े
मनोज साने के कबूलनामे के मुताबिक उसने सरस्वती की हत्या करने के बाद पेड़ काटने वाला कटर खरीदा और फिर उस कटर से उसने तीन दिनों तक घर में ही लाश के टुकड़े करता रहा। मनोज के मुताबिक उसने लाश के करीब 100 टुकड़े किए। गर्मी की वजह से लाश के टुकड़े खराब होकर बदबू करने लगे थे तब मनोज ने एक तरीका अपनाया और लाश के टुकड़ों को पहले मिक्सर में डालकर उन्हें ग्राइंड कर दिया और फिर उन्हें कूकर में डालकर उबाल दिया। मनोज को ये गुमान था कि अगर वो लाश के टुकड़ों को उबाल देगा तो उनसे सड़ांध नहीं आएगी। इसके साथ ही मनोज को आस पड़ोस के लोगों ने रात के वक़्त कुत्तों को कुछ खिलाते हुए देखा था। जिसकी तस्दीक खुद मनोज ने की है। उसने पुलिस को बताया है कि उसने लाश के कई टुकड़ों को कुत्तों को भी खिलाया।
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कहां से आया आइडिया
अब सवाल उठता है कि मनोज साने ने ये किया तो क्यों? और इससे भी बड़ी बात कि क्या मनोज ने इस वारदात को अंजाम देने के बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए आइडिया कहां से लिया। क्योंकि हत्या के बाद जिस तरह से उसने लाश के टुकड़े किए और फिर उन्हें छोटे छोटे बारीक टुकड़े में तब्दील करने के बाद कुकर में पकाया और पकाने के बाद उन्हें कुत्तों का निवाला बनाया, ये आखिर उसे कैसे सूझा?
तीन दिन तक किए लाश के टुकड़े
मनोज साने के कबूलनामे के मुताबिक उसने सरस्वती की हत्या करने के बाद पेड़ काटने वाला कटर खरीदा और फिर उस कटर से उसने तीन दिनों तक घर में ही लाश के टुकड़े करता रहा। मनोज के मुताबिक उसने लाश के करीब 100 टुकड़े किए। गर्मी की वजह से लाश के टुकड़े खराब होकर बदबू करने लगे थे तब मनोज ने एक तरीका अपनाया और लाश के टुकड़ों को पहले मिक्सर में डालकर उन्हें ग्राइंड कर दिया और फिर उन्हें कूकर में डालकर उबाल दिया। मनोज को ये गुमान था कि अगर वो लाश के टुकड़ों को उबाल देगा तो उनसे सड़ांध नहीं आएगी। इसके साथ ही मनोज को आस पड़ोस के लोगों ने रात के वक़्त कुत्तों को कुछ खिलाते हुए देखा था। जिसकी तस्दीक खुद मनोज ने की है। उसने पुलिस को बताया है कि उसने लाश के कई टुकड़ों को कुत्तों को भी खिलाया।
कहां से आया आइडिया
अब सवाल उठता है कि मनोज साने ने ये किया तो क्यों? और इससे भी बड़ी बात कि क्या मनोज ने इस वारदात को अंजाम देने के बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए आइडिया कहां से लिया। क्योंकि हत्या के बाद जिस तरह से उसने लाश के टुकड़े किए और फिर उन्हें छोटे छोटे बारीक टुकड़े में तब्दील करने के बाद कुकर में पकाया और पकाने के बाद उन्हें कुत्तों का निवाला बनाया, ये आखिर उसे कैसे सूझा?
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