Honeytrap Case: MP में फिर निकला हनीट्रैप का जिन्न, कमलनाथ के बयान से मचा सियासी बवाल

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Honeytrap Case: MP में फिर निकला हनीट्रैप का जिन्न, कमलनाथ के बयान से मचा सियासी बवाल
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Honeytrap Scandal: सियासत (Politics) में हनीट्रैप (Honeytrap) या हनीट्रैप की सियासत। इसे कोई भी नाम दिया जा सकता है लेकिन एक बार फिर देश के सर्द मौसम में इस हनीट्रैप की खबर ने सियासी गर्मी पैदा कर दी है। इस बार मध्य प्रदेश की सियासत में हनीट्रैप का अलाव जला है जिसको लेकर जबरदस्त सियासी बवाल पैदा हो गया।

असल में प्रदेश के हनीट्रैप कांड से जुड़े सबूत और सीडी पैनड्राइव को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से हासिल करने की जिम्मेदारी प्रदेश की SIT पर है क्योंकि 14 जनवरी को अदालत में उस पैन ड्राइव और CD के बारे में अदालत में जवाब भी देना है।

इसी बीच मध्य प्रदेश में कांग्रेस के बड़े नेता कमलनाथ का नाम इस हनीट्रैप के केस में सबसे प्रमुखता से उछलता और चौतरफा घिरता देखा जा रहा है। असल में मध्य प्रदेश में हनीट्रैप के साथ साथ सीडी और पेनड्राइव को लेकर दिए गए कमलनाथ के एक बयान को लेकर सियासी बवाल शुरू हो गया है।

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विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से जब इस बारे में एक सवाल पूछा गया तो उन्होंने ये कहकर मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश की कि उनके पास CD और पेन ड्राइव नहीं है। हां कमलनाथ ने ये कहकर इस बात को और हवा जरूर दे दी कि उन्होंने एक डेढ़ मिनट की क्लिप देखी है, जो उन्हें उस वक़्त पुलिस अधिकारियों ने लेपटॉप पर दिखाई थी जब वो मुख्यमंत्री थे।

MP Honeytrap: असल में 2019 में मध्य प्रदेश की सियासत में उस वक़्त भूचाल पैदा हो गया था जब हनीट्रैप वाला मामला सामने आया था। असल में ये बात साल 2018 की है। तब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे। 17 सितंबर 2019 को इंदौर नगर निगम से सनसनीखेज खबर निकलकर सामने आई थी, क्योंकि उस वक़्त के इंजीनियर हरभजन सिंह पलासिया अचानक पुलिस थाने में पहुँचे।

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उन्होंने ही पुलिस को जो जानकारी दी थी उसने प्रदेश में चल रहे हनीट्रैप की परतों को खोलना शुरू कर दिया था। इंजीनियर हरभजन के मुताबिक कुछ महिलाओं ने उन्हें अश्लील वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल किया है और तीन करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है।

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इंजीनियर की शिकायत पर पुलिस ने फौरन एक्शन लिया तो उसके शिकंजे में भोपाल की एक महिला आ गई। छानबीन हुई तो पता चला कि वो महिला तो महज एक मोहरा भर है। जबकि उस तालाब का असली मगरमच्छ पुलिस की पकड़ से दूर ही बना रहा। बात ये भी खुली कि पकड़ी गई महिला का पति और इंजीनियर हरभजन सिंह आपस में अच्छे दोस्त भी हैं।

इस मामले में जब और छानबीन हुई तो जो राज़ सामने आया वो तो और भी ज़्यादा चौंकानें वाला था। हुआ यूं कि जिस महिला को पुलिस ने पकड़ा था उसने ही नौकरी दिलाने के बहाने एक 18 साल की छात्रा के साथ इंजीनियर की दोस्ती करवा दी थी...

और फिर उसी छात्रा ने एक होटल में अपने मोबाइल से इंजीनियर का महिला के साथ उनके निजी पलों का वीडियो तैयार कर लिया था। फिर उस छात्रा ने उस वीडियो के सहारे महिला और इंजीनियर को ब्लैकमेल करना शूरू कर दिया। तब पुलिस ने इंजीनियर के जरिए महिला को गिरफ्तार करने का जाल बुना और 17 अक्टूबर 2019 को महिला और छात्रा को गिरफ्तार कर लिया गया।

Honeytrap News: उसके बाद जब पुलिस ने इस मामले में पूछताछ की तो दोनों ने पुलिस के सामने न सिर्फ अपने ठिकाने उजागर कर दिए बल्कि कई और भी महिलाओँ के नाम पुलिस को बता दिए। तब पुलिस ने तीन और महिलाओँ को गिरफ्तार किया था।

लेकिन इसके बाद बवाल तब ज़्यादा बढ़ गया था जब इस मामले में कई IAS और IPS अधिकारियों के नाम सामने आने लगे। खुलासा हुआ कि इसी हनीट्रैप के जरिए कई अधिकारी, नेता और कारोबारियों के साथ साथ प्रदेश के कई रसूखदारों को भी फंसाया गया है और उनसे मोटी रकम उगाही गई है।

हनी ट्रैप के मामले में बड़ा बयान देते हुए कमलनाथ ने कहा कि उनके पास इस मामले से जुड़ी न तो कोई CD है और न ही कोई पेनड्राइव। इस सवाल के बाद मध्य प्रदेश में सियासी बवाल तेज हो गया क्योंकि 21 मई 2021 को कमलनाथ की एक प्रेस कांफ्रेंस के हवाले से दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप कांड की एक CD और एक पेन ड्राइव उनके पास मौजूद है।

इसी बीच मंगलवार को कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक कार्यक्रम में शिरकत करने जब पहुँचे तो उनसे ये सवाल पूछा गया था। तब कमलनाथ ने दावा किया कि उनके मुख्यमंत्री काल के दौरान कुछ पुलिस अधिकारी लेपटॉप में एक डेढ़ मिनट की क्लिप लेकर उन्हें दिखाने पहुँचे थे।

उन्होंने सिर्फ 30 सेकंड की क्लिप देखी और उसके बाद पुलिस अधिकारियों से कहा था कि मुझे ये सब मत दिखाओ...मुझे नहीं देखना...आप लोग ये पता लगाओ कि ये सब कुछ कितना सही और कितना गलत है। कमलनाथ ने दावा किया कि उन्होंने तत्कालीन पुलिस अफसरों को ये निर्देश दिया था कि इस मामले की अच्छी तरह से जांच की जाए और सच को सामने लाया जाए।

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