वर्दी पर फिर लगा ख़ून का धब्बा: मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले में CBI ने चार्जशीट दाख़िल की
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मनीष गुप्ता मामले में CBI की चार्जशीट
CRIME STORY IN HINDI: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इनवेस्टिगेशन के मुताबिक कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की रहस्यमयी हालात में हुई मौत के मामले में छह पुलिसवाले ही कुसूरवार हैं।
CBI ने शुक्रवार यानी 7 जनवरी को दाखिल की अपनी चार्जशीट में पुलिसवालों को दोषी करार देते हुए ज़िक्र किया कि कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के एक होटल में हुई मौत कोई संयोग नहीं, बल्कि पुलिसवालों की ज़्यादती का नतीजा है।
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इन पुलिसवालों के ख़िलाफ़ है चार्जशीट
MANISH GUPTA MURDER CASE: CBI की चार्जशीट के मुताबिक उत्तर प्रदेश की सरकार ने 2 नवंबर 2021 को ये केस CBI के पास दर्ज करवाया था। गोरखपुर के रामगढ़ ताल पुलिस स्टेशन में 28 सितंबर 2021 को मनीष गुप्ता की पत्नी ने हत्या का केस दर्ज कराया था।
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मनीष गुप्ता की पत्नी की तरफ से दी गई शिकायत के बाद पुलिस ने IPC की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया था। CBI की चार्जशीट के मुताबिक रामगढ़ ताल थाना के उस वक़्त के SHO इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह समेत छह पुलिसवालों के ख़िलाफ़ हत्या के अलावा मारपीट और सबूत मिटाने की तमाम धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
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IPC की इन धाराओं में केस दर्ज
MURDER CASE NEWS: थाने में दर्ज FIR के मुताबिक मनीष गुप्ता की मौत के मामले में हत्या (दफ़ा 302) के अलावा घातक चोट पहुँचाना यानी धारा 323, जानबूझकर गहरी चोट पहुँचाना यानी धारा 325, धमकी देना यानी धारा 506, वर्दी का ग़लत इस्तेमाल करते हुए ग़लत रिकॉर्ड तैयार करना यानी धारा 218, आपराधिक नीयत से हमला करना यानी धारा 201 के साथ साथ आपराधिक षडयंत्र यानी धारा 120 B और मिलकर अपराध करना या मिलकर क़ानून तोड़ना यानी धारा 149 के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था।
SHO जगत नारायण के अलावा जिन पुलिसवालों के नाम इस चार्जशीट में दर्ज हैं उनके नाम हैं सब इंस्पेक्टर अक्षय कुमार मिश्रा, विजय यादव और राहुल दुबे के साथ साथ हेडकॉन्टेबल कमलेश सिंह यादव और कांस्टेबल प्रशांत कुमार।
पूरा मामला क्या था?
MANISH GUPTA MURDER: मनीष गुप्ता की पत्नी की तरफ से दायर की गई शिकायत के मुताबिक 27 सितंबर 2021 को कारोबारी मनीष गुप्ता ने गोरखपुर के एक होटेल में कमरा बुक कराया था। वो अपने कारोबार के सिलसिले में गोरखपुर गए थे। ये होटेल रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र में आता है।
27 और 28 सितंबर की दरम्यानी रात करीब 12 बजे थाने के SHO जगत नारायण सिंह अपने साथ दो दरोगा और तीन पुलिसवालों के साथ होटेल में मनीष गुप्ता के कमरे में पहुँचे, और तलाशी के बहाने उनके साथ ज़ोर ज़बरदस्ती करने लगे।
शिकायत के मुताबिक मनीष गुप्ता ने जब पुलिसवालों की इस कार्रवाई का विरोध करना चाहा तो पुलिसवालों ने SHO के इशारे पर ही मारपीट शुरू कर दी। पुलिसवालों ने उनकी इस कदर पिटाई की कि मौके पर ही मनीष गुप्ता की मौत हो गई।
पत्नी ने दर्ज कराई हत्या की FIR
LATEST CRIME NEWS: इस मामले में जब मनीष गुप्ता की पत्नी अगले रोज़ यानी 28 सितंबर को गोरखपुर पहुँची तो उन्हें शिकायत दर्ज करने से भी रोका गया। बाद में बहुत ज़ोर ज़बरदस्ती और भारी दबाव के बीच पुलिस को केस दर्ज करना पड़ा।
FIR दर्ज होने के बाद जब इस मामले में बहुत हंगामा हुआ तो उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की तह तक जाने के लिए एक SIT का गठन कर दिया था। मगर मामला तब तक तूल पकड़ चुका था और सुर्खियों में छा गया था।
लिहाजा यूपी सरकार ने इस मामले में सच का पता लगाने के लिए केस CBI को सौंपने का फ़ैसला किया।
CBI की तफ़्तीश
CRIME STORY IN HINDI: मनीष गुप्ता हत्याकांड के सिलसिले में पुलिस ने मौजूदा SHO समेत इस वारदात में शामिल सभी पुलिसवालों को गिरफ्तार भी कर लिया था। CBI ने केस की तफ़्तीश का सिलसिला 2 नवंबर के बाद शुरू किया। तफ़्तीश के दौरान मौके पर मौजूद गवाहों से पूछताछ के अलावा फॉरेंसिक टीम से भी मौका-ए-वारदात की जांच करवाकर सबूत इकट्ठा किए।
गवाहों से मिली जानकारी और मौके से मिले सबूतों के आधार पर ही CBI ने क़रीब दो महीने के बाद 7 जनवरी को अपनी चार्जशीट ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने दाखिल की जिसमें इस हत्याकांड में शामिल पुलिसवालों को ही दोषी बताया गया है।
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