कोविड से बचने के लिए मुंबई से कच्छ आया, मक्खी के काटने से हुई मौत!

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घटना इसी 15 अक्टूबर की है जब कच्छ के बोग गांव के रहने वाले 34 साल के हिरेन मोता किसी काम से मांडवी जा रहे थे। हिरेन एक बस में सवार थे और इसी दौरान एक मक्खी ने उनके हाथ और पांव में काट लिया। हिरेन को मक्खी के काटने की वजह से बेचैनी हुई।

पहले तो हिरेन ने इसको लेकर ज्यादा तनाव नहीं लिया लेकिन फिर गुजरते वक्त के साथ ही हिरेन की तकलीफ में इजाफा होने लगा। बात यहां तक पहुंच गई कि हिरेन को इस कदर बेचैनी हुई कि उन्हें अपने रिश्तेदार को फोन करना पड़ा।उनके दिलोदिमाग पर बेचैनी छाने लगी थी।

रिश्तेदार ने इसकी सूचना हिरेन के भाई जितेन्द्र को दी जो आधे रास्ते ही हिरेन को लेने पहुंच चुके थे। उन्होंने हिरेन को बस से उतारा लेकिन तब तक हिरेश बेहोश हो चुके थे। उन्हें फौरन ही मांडवी के एक अस्पताल में ले जाया गया।

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मांडवी के इस अस्पताल के डॉक्टरों ने हिरेन के भाई जितेन्द्र को बताया कि हिरेन का सीटी स्कैन करना पड़ेगा जिसके बाद ही उनकी बेहोशी की वजह के बारे मे पता चल पाएगा लेकिन ये सुविधा मांडवी के किसी भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं।

परिवार आनन-फानन में हिरेन को लेकर कच्छ भागा और वहां के एक अस्पताल में हिरेन को भर्ती कराया गया। सीटी स्कैन के दौरान पता चला कि मक्खी के काटे जाने की वजह से हिरेन के दिमाग में जहर फैल चुका था। तुरंत ही डॉक्टरों ने उन्हें अहमदाबाद ले जाने की सलाह दी।

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डॉक्टरों की सलाह पर परिवार उन्हें 16 अक्टूबर को अहमदाबाद ले आया और वहां पर इलाज शुरु हुआ लेकिन हिरेन की हालत में सुधार नहीं हुआ। 18 अक्टूबर को अहदाबाद के अस्पताल में हिरेन की मौत हो गई।

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CRIME NEWS: कोरोना के डर की वजह से गांव में शिफ्ट हुए थे हिरेन

34 साल के हिरेन मुंबई के विक्रोली में किराना की दुकान चलाया करते थे। वो मुलुंद में रहते थे। पिछले साल जब कोरोना फैलने की शुरुआत हुई तो हिरेन अपना काम धंधा और मकान छोड़कर वापस अपने गुजरात के गांव लौट आए।

हिरेन को डर था वो या उनके परिवार का कोई सदस्य कोविड की चपेट में ना आ जाए और उसके साथ कोई अनहोनी हो जाए लिहाजा उन्होंने बड़ा फैसला किया और वापस गुजरात लौट गए।

गुजरात लौटने के बाद मांडवी में हिरेन ने एक छोटा बिजनेस भी शुरु कर दिया था। हिरेन सबकुछ सामान्य होने का इंतजार कर रहे थे जिसके बाद वो दोबारा से मुंबई लौटने का प्लान बना रहे थे। हालांकि उससे पहले ही मक्खी के काटने के बाद उन्हें ब्रेनहेमरेज हो गया जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। हिरेन की मौत से उसके परिवार वाले सदमें में हैं।

हर कोई यही चर्चा कर रहा है कि महज एक मक्खी के काटने की वजह से चंद दिनों के भीतर हिरेन की जान चली गई जबकि वो अपनी जान का ख्याल रखते हुए ही मुंबई से अपने गांव शिफ्ट हुए थे।

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