सिरफिरे आशिक को रास नहीं आई दिलरुबा की सगाई, चाकू से छलनी किया दिलरूबा का शरीर फिर पछतावे में खुद भी की आत्महत्या

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"तू मेरी नहीं कोई बात नहीं एक तरफ़ा ही सही, तेरी याद में ही हम आबाद रहेंगे"

एक तरफ़ा आशिक की बातों में छुपी गहराई का अंदाज़ा आपको इस वारदात से रूबरू होने पर लग जाएगा.

वारदात राजस्थान के जोधपुर ज़िले से है. जहां एक सिरफिरा आशिक अपने प्यार को पाने के लिए ऐसा फ़ैसला ले लेता है. जिसे सोचने भर से रूह कांप उठती है.

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दरअसल, सिरफिरे आशिक का नाम हेमंत है जो पेशे से एक कपड़ा व्यापारी है. हेमंत और लक्षिता नाम की उसकी प्रेमिका क़रीब पांच सालों से एक दुसरे के साथ प्रेम का रिश्ता निभा रहे थे. जोधपुर से लॉ की पढ़ाई कर रही लक्षिता एक होनहार छात्रा थी. बेटी के 25 साल के होने पर घरवाले लक्षिता की सगाई अपनी बिरादरी में तय कर देते हैं.

लक्षिता को यह बात अपने प्रेमी हेमंत को बताना एक कठिन कार्य के समान लगता है. जिस वजह से वो हेमंत से एक शांत जगह पर मिलने की बात कहती है. और दोनों जोधपुर के एक होटल में जाने का फ़ैसला लेते हैं.

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होटल पहुंचकर लक्षिता प्रेमी से सगाई की बात करती है. जैसे ही हेमंत यह बात सुनता है वो ख़ुद पर आपा खो देता है. सनक से भरा हेमंत प्रेमिका के शरीर पर चाकू से इस कदर वार करता है जैसे वो उससे प्रेम नहीं बल्कि सालों पुरानी दुश्मनी का बदला ले रहा हो. एक के बाद एक हेमंत लक्षिता के शरीर पर चाकू से तब तक वार करता है जब तक लक्षिता के शरीर पर तब तक उसे मौत के घाट ना उतार दे.

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कुछ समय बाद तब हेमंत का ग़ुस्सा शांत होता है तो उसे अंदाज़ा होता है कि उसने क्या कर दिया है. खुद की करतूतों पर हेमंत को इस कदर पछतावा होता है कि वो ख़ुद भी जान देने का तय कर लेता है. और जोधपुर के मंडोर रेलवे स्टेशन पर वो आत्महत्या कर लेता है.

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