Loni Election : अली और बजरंगबली के सहारे लोनी में उतरे हैं ये चुनावी 'बाहुबली'

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Loni Election : अली और बजरंगबली के सहारे लोनी में उतरे हैं ये चुनावी 'बाहुबली'
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लोनी में 'बाहुबली' मुकाबला

गाज़ियाबाद के लोनी विधानसभा में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाली है। मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा है। इस पूरे मुकाबले को समझने के लिए इस त्रिकोण के हर एक कोण को अलग-अलग समझना होगा।सबसे पहले शुरुआत गाज़ियाबाद के सबसे बड़े रंगबाज़ और मौजूदा विधायक नंद किशोर गुर्जर से करते हैं। नंद किशोर गुर्जर वही हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले अली, बाहुबली और बजरंगबली के समीकरण का उदाहरण दिया था। विधायक जी का ये बयान खूब चर्चा में रहा और इसका जवाब देते हुए सपा-आरएलडी गठबंधन के मदन भैया ने भी कहा था कि याद रखना 'मेरा नाम भी मदन भैया है'।

नंद किशोर गुर्जर ने उठाई 'तलवार'

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क्राइम तक की टीम नंद किशोर गुर्जर की एक चुनावी सभा में भी पहुंची थी जहां उन्होंने हाथ में एक तलवार उठाया था। इस मामले पर सवाल पूछा गया तो कहते हैं कि विरोधियों और अन्याय के खिलाफ़ उन्होंने ये तलवार उठाई है। विवादित बयान तो वो अक्सर देते ही रहते हैं और इसका तर्क उन्होंने दिया कि हिंदुओं की रक्षा के लिए अगर ऐसा करना पड़ेगा तो फिर करेंगे और बार-बार करेंगे। हालाकि बजरंगबली वाले बयान पर एक कोर वोटबैंक को साधने का काम तो विधायक जी ने किया ही है और उसका भी तर्क ये दिया कि 'हिंदु हो या मुसलमान, सब बजरंगबली के ही वंशज है'।

दो तरफ़ बंटेगा 'गुर्जर समाज' का वोट

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तीन मज़बूत दावेदार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं। विधायक नंद किशोर गुर्जर, दूसरी तरफ बाहुबली मदन भैया और तीसरे दावेदार बसपा से हाजी आकिल। तीनों का अपना एक अलग ही वोटबैंक है। लोनी विधानसभा में कुल 5,10,666 वोटर हैं। करीब 3 फीसदी मुस्लिम वोटर्स, 40 हज़ार गुर्जर, 30 हज़ार ब्राह्मण वोट हैं। हालाकि दो गुर्जर प्रत्याशी मैदान में है इसीलिए गुर्जर वोट दो तरफ बंटते हुए नज़र आ रहे हैं।

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'लोगों का काम है कहना'

ये तो बात रही एक गुर्जर प्रत्याशी की, अब बात दूसरे मज़बूत दावेदार हैं मदन भैया। मदन भैया गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से सपा-रालोद गठबंधन से प्रत्याशी हैं. लेकिन विरोधी दल के नेता इन्हें दबंग और बाहुबली छवि वाला कहते हैं. क्राइम तक ने जब उनसे ये सवाल पूछा गया तो मदन भैया तपाक से कहते हैं, कुछ लोगों का काम है कहना। लेकिन वो लोग एक सीमा में रहकर ही बयान दें. क्योंकि जो लोग आरोप लगा रहे हैं वो पब्लिक से किए वादे को तो पूरा नहीं किए. मुंह छुपाकर चलते हैं. खुद पर भी कई मामले दर्ज हैं. लेकिन अपने गिरेबां में नहीं देखते हैं. वो भूल जाते हैं कि मेरा नाम भी मदन भैया है.

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