कानपुर पुलिस के उस अफसर ने पोस्टमॉर्टम हाउस का बाहर ही पहचान लिया था क़ातिल को
Shams Ki zubani: क्राइम के आज के क़िस्से में कहानी उस अरबपति खानदान की बहू के क़त्ल की जिसके क़ातिल को पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस के बाहर पहचान लिया था क्योंकि उसने टीशर्ट बदल रखी थी।
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Shams Ki zubani: क्राइम की कहानी के इस सिलसिले में आज बात होगी उस हाई प्रोफाइल मर्डर की जिसने संतरी से लेकर मंत्री तक को हैरान और परेशान कर दिया। असल में अक्सर यही देखने को मिलता है कि पुलिस के लिए गुनाह के कुछ किस्से उनकी परेशानी का सबब बन जाते हैं । क्योंकि उस मामले में नीचे से लेकर ऊपर तक सभी की नज़रें और दिलचस्पी होती है। और जब भी ऐसे मामले सामने आते हैं तो जाहिर है कि मीडिया भी उस पर ज्यादा तवज्जो देने लगती है। बस ऐसा ही एक क़िस्सा सामने आया था आज से क़रीब आठ साल पहले। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहर और किसी ज़माने में इंडियन मैनचेस्टर के नाम से मशहूर कानपुर में एक क़त्ल की कहानी निकलकर सामने आई और सुर्खियों में छा गई।
वो वारदात थी एक अरबपति कारोबारी बहू के क़त्ल की। जिसकी बिखरी हुई कड़ियों को जब पुलिस ने समेटकर क़िस्से को सुलझाया तो खुद पुलिसवाले हैरान हुए बिना नहीं रह सके।
Shams Ki zubani: 27 जुलाई 2014 को कानपुर शहर के एक नामी और बड़े बिस्किट कारोबारी ओमप्रकाश दसानी के छोटे बेटे पियूष दसानी ने पुलिस को इत्तेला दी, तो पूरा पुलिस महकमा हरकत में आ गया। पियूष दासानी ने जो बताया था उसके मुताबिक रविवार की सुबह उनकी पत्नी ज्योति ने उनसे बाहर चलकर आउटिंग करने की फरमाइश रखी थी...। और उसी सिलसिले में दोनों मियां बीवी यानी पियूष दासानी और ज्योति घर से निकलकर घूमते हुए कार्निवाल रेस्त्रां में लंच करने पहुँचते हैं।
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लंच करने के बाद दोनों पति पत्नी अपनी हॉन्डा एकॉर्ड कार से निकलकर आगे निकल पड़ते हैं तभी एक सूनसान सड़क पर दो मोटरसाइकिल पर सवार बदमाश उन्हें घेर लेते हैं। कार के रुकते ही बदमाश पियूष को कार से बाहर निकालकर उसकी पिटाई करनी शुरू कर देते हैं, साथ ही बदमाश उसकी बीवी पर भी हमला करते हैं... और फिर दो बदमाश पियूष की कार को छीनकर बीवी समेत कार को अगवा करके ले जाते हैं।
उसके बाद बाकी बचे दोनों बदमाश पियूष को वहीं बदहवास हालत में छोड़कर भाग निकलते हैं। पियूष मदद के लिए लोगों को पुकारता है, और फिर अपने पिता को फोन करके सारी घटना के बारे में बताता है। इसके बाद एक मोटरसाइकिल वाले की मदद से पास के पुलिस स्टेशन तक पहुँचता है। और वहां पुलिसवालों को अपना परिचय देकर पूरी वारदात के बारे में बताता है। पुलिसवाले उस वक़्त बुरी तरह चौंक जाते हैं जब उन्हें पता चलता है कि शहर के नामी गिरामी कारोबारी की बहू को दिनदहाड़े शहर के बीचो बीच से अगवा कर लिया गया।
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Shams Ki zubani: पुलिस फौरन हरकत में आती है और पुलिस के तमाम आला अफसर भी चौकन्ने हो जाते हैं। पुलिस के आला अफसर पूरी घटना की तहकीकात में जुट जाते हैं। पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद पियूष घर लौटता है। बहू के दिनदहाड़े अगवा होने की खबर से घर के साथ साथ आस पड़ोस में भी कोहराम सा मच जाता है। हर कोई सोच में पड़ जाता है...
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पियूष और ज्योति की शादी को दो ही साल हुए थे। पियूष अगर कानपुर के जाने माने कारोबारी का छोटा बेटा था तो ज्योति भी मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक रईस खानदान की लाड़ली बेटी थी। लेकिन दिनदहाड़े कानपुर से अगवा होने की इत्तेला मिलते ही जबलपुर में भी हंगामा मच जाता है। इधर पुलिस की तफ्तीश और तेज होने लगती है। पुलिस के अफसरों की एक टीम पियूष के घर पहुँचती है और पियूष को लेकर उस जगह का मुआयना करती है, जहां वारदात हुई।
Shams Ki zubani: पियूष पुलिस अफसरों के साथ रेस्त्रां से लेकर उस जगह तक लेकर जाता हैं जहां उसे बदमाशों ने घेरा और उसकी पिटाई के बाद उसकी हॉन्डा एकॉर्ड गाड़ी और बीवी को छीनकर अगवा हो गए थे। पुलिस अफसरों ने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर को फ्लैश करवा दिया ताकि उसे कहीं पर भी पहचान कर कब्जे में लिया जा सके। नंबर फ्लैश होने के कुछ ही देर बाद दोपहर क़रीब डेढ़ से दो बजे के बीच पुलिस कंट्रोल रूम से इत्तेला आई कि जिस कार की तलाश की जा रही थी वो शहर के एक वीराने में खड़ी है।
गाड़ी मिलने की इत्तेला मिलते ही पुलिस अफसरों की टीम उस जगह पर पहुँची जहां उन्हें गाड़ी के होने की सूचना मिली थी। पुलिस की टीम ने गाड़ी के पास पहुँचकर जैसे ही हॉन्डा अकॉर्ड का दरवाजा खोला तो भीतर का मंजर देखकर वहां मौजूद हरेक के मुंह से चीख निकल पड़ी। गाड़ी के भीतर खून ही खून बिखरा हुआ था। और कार की सीट पर पियूष का पत्नी ज्योति की खून से लथपथ लाश पड़ी हुई थी।
कार के भीतर की हालत से पुलिस ने अंदाज़ा लगाया कि हत्या की ये वारदात को हुए ज़्यादा देर नहीं हुई है। क्योंकि खून अभी जमना शुरू नहीं हुआ है। कार में खून से लथपथ लाश को देखकर पुलिसवालों के भी हाथ पांव फूल गए। क्योंकि अभी तक जो मामला अगवा का था वो अब क़त्ल के केस में बदल चुका था।
Shams Ki zubani: कार में ज्योति की लाश मिलने की खबर जैसे ही पियूष के घर पहुँची तो वहां मातम पसर गया। रोते पीटते घर में हर तरफ मातम छा गया।
ज्योति की लाश को अस्पताल पहुँचा दिया गया। घरवाले भी पोस्टमॉर्टम हाउस के पास पहुँच गए और अब एक ही सवाल हर किसी की जुबान पर तैर रहा था कि इतवार के रोज सुबह सवेरे उन दोनों के घर से निकलने के भीतर महज 2 से ढाई घंटे के भीतर ही ये सब कुछ हो गया ...तो फिर आखिर ये किया किसने और क्यों?
सवाल यही था कि अगर ज्योति की किडनैपिंग फिरौती के लिए की गई तो फिर फिरौती की रकम मांगने से पहले ही उसका क़त्ल क्यों कर दिया गया। पुलिस इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए घरवालों से कुछ पूछताछ करना चाहती थी लेकिन घर में हरेक का रोरोकर बुरा हाल था। पियूष अलग रो रहा था। मगर पुलिस के लिए जरूरी था कि किसी भी सूरत में उसे अपने सवालों के जवाब हासिल कर सके। लिहाजा उसने घर के तमाम लोगों से जरूरी सवाल पूछने शुरू किए।
इसी बीच ज्योति का पोस्टमॉर्टम होना था लिहाजा घर के तमाम लोग वहीं अस्पताल में जमा हो गए। तमाम पुलिस अफसर भी वहां इकट्ठा हो गए। इसी बीच एक पुलिस अफसर ने पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर खड़े पियूष को देखा, तो उसे बड़ी हैरानी हुई। क्योंकि वो कुछ देर पहले घर पर भी पियूष से मिल चुका था। और बयान दर्ज करते वक़्त पर पियूष की हालत को देख चुका था लिहाजा उसे पोस्टमार्टम हाउस के बाहर खड़े पियूष को देखकर थोड़ा हैरानी हुई।
Shams Ki zubani: क्योंकि उस वक़्त पियूष के कपड़े बदले हुए थे। जो टीशर्ट पहनकर वो अपनी बीवी के साथ लंच के लिए निकला था, पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर वही पियूष किसी दूसरी कमीज़ में दिखाई दे रहा था। असल में पुलिस अफसर इस बात से हैरान था कि जिस पियूष के साथ इतना बड़ा हादसा हो गया। जिसकी बीवी को अगवा करके कत्ल कर दिया गया। वो शख्स पोस्टमॉर्टम हाउस जाने के लिए आखिर कपड़े क्यों बदलेगा? बस यही बात उस पुलिस अफसर को खाये जा रही थी।
इस खटकती हुई बात को उस पुलिस अफसर ने अपने ही एक सीनियर पुलिस अफसर के साथ वहीं उसी मौके पर बहुत खामोशी के साथ साझा की। अपने मातहत की बात सुनकर वो पुलिस अफसर भी चौंका...और गौर किया कि वाकई ऐसा है तो क्यों?
और ये बात पुलिस अफसर को बुरी तरह चुभने लगी। उन्हें लगने लगा कि आखिर इस आलम में कपड़ों को बदलने की ज़रूरत क्या है।...इस एक सवाल ने पुलिस को दूसरी दिशा में सोचने को मजबूर कर दिया और अब तमाम पुलिस अफसरों की एक नज़र पियूष और उसकी हरकतों पर गौर करने लगी।
एक टीशर्ट की वजह से पियूष पर शक करने की बात भी पुलिस वालों को थोड़ा अखर भी रही थी लेकिन अब पुलिस उसे एक सस्पेक्ट यानी संदिग्ध मानकर देखने लगी थी।
Shams Ki zubani: इसी बीच पोस्टमार्टम हुआ तो रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि ज्योति के जिस्म पर तेज धारदार हथियार के एक दो नहीं बल्कि 17 निशान थे। यानी ये बात साफ हो गई थी कि कातिलों ने इस तरह से ज्योति की हत्या की थी कि किसी भी सूरत में कोई गुंजाइश न बच जाए उसके ज़िंदा रहने की।
पुलिस को ये बात भी अखर रही थी कि अगर लुटेरे थे और फिरौती चाहते थे साथ ही वो ज्योति का मर्डर भी करना चाहते थे तो एक दो चाकू से मारकर भी बात खत्म कर सकते थे लेकिन इतने वार का मतलब है कि वो इस बात के लिए पक्का हो जाना चाहते थे कि किसी भी सूरत में ज्योति बचने ना पाए...मतलब ये बात पक्की है कि उन्हें किसी ने ज्योति को मारने की सुपारी दी थी।
पुलिस के लिए ये सवाल पेंचीदा था। क्योंकि मर्डर में ऐसे हालात तभी हो सकते हैं जब किसी की किसी के साथ जातीय दुश्मनी हो...और वो पूरी तरह से बदला लेने के लिए ऐसी वारदात को अंजाम दे। ...इसके अलावा ज्योति की शादी को दो ही साल हुए थे। यानी दो साल से ही वो कानपुर से वाकिफ थी..ऐसे में कानपुर में उसके जानने वाले ज़्यादा हों और उनके साथ कोई गहरी अदावत भी हो...ये मुमकिन नहीं था।
Shams Ki zubani: अब दो संदिग्ध बातों को साथ में लेकर पुलिस ने अपनी तफ्तीश का सिलसिला शुरू किया। पहली पियूष का वो बयान जिसमें उसने बताया था कि वो संडे की सुबह क़रीब 11.30 बजे कार्निवाल रेस्ट्रॉन्ट गया था अपनी बीवी ज्योति के साथ। लिहाजा पुलिस ने सबसे पहले कार्निवाल रेस्ट्रॉन्ट का रुख किया।
रेस्ट्रॉन्ट से पियूष के बयान की तस्दीक भी हो गई कि वो लोग वहां गए थे। उसके बाद पुलिस उस वक़्त का सीसीटीवी चेक किया। सीसीटीवी से भी पियूष के बयान की पुष्टि हो जाती है। वो लोग रेस्ट्रॉन्ट में दाखिल होते हैं...और जो टेबल पहले से बुक किया हुआ था वो लोग उस पर जाकर बैठ जाते हैं। इसके बाद की तस्वीर ने पुलिस को फिर बुरी तरह से चौंका दिया। क्योंकि सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक टेबल पर बैठने के बाद से खाना खाने तक दोनों पति पत्नी एक दूसरे से एक भी शब्द बात नहीं करते हैं।
ये बात पुलिस को इसलिए अटपटी लगी क्योंकि संडे की सुबह अगर पति पत्नी हवाखोरी के लिए घर से बाहर निकलते हैं तो कुछ तो बात कर ही सकते हैं। यूं खामोश कौन मस्ती करता है।
Shams Ki zubani: दूसरी बात ये ये भी गौर करने वाली थी कि खाना खाते समय पियूष लगातार किसी के साथ मोबाइल पर बात ज़रूर कर रहा था। इस बात ने पुलिस को ज़रूर चौंकाया।
इसके अलावा पुलिस को मौका-ए-वारदात का मंजर भी चौंकाता है। क्योंकि वहां बेशक सूनसान था लेकिन ट्रैफिक लगातार आ जा रहा था। ऐसे में अगर उस रास्ते पर दो मोटरसाइकिल पर सवार चार बदमाश एक गाड़ी को रोककर उसे अगवा कर लेते हैं इसके बावजूद कोई भी चश्मदीद उनके सामने नहीं आया। जबकि पियूष ने बाकायदा बयान में लिखवाया था कि बदमाशों ने उसकी पिटाई के साथ साथ उसे धक्का देकर कार से नीचे धकेल दिया और कार लेकर फरार हो गए।
लेकिन जब पुलिस ने पियूष के शरीर की जांच की तो वहां उन्हें चोट का एक भी निशान नहीं मिला। अब पुलिस को ये बात अखरी कि ये कैसे बदमाश थे कि जिस पति को वो पीट पीटकर कार छीन कर भाग रहे हैं उसे इतने हल्के हाथों से कैसे मारा कि एक भी निशान उसके शरीर पर नहीं पड़ा।
ज़ाहिर है पुलिस के लिए ये बातें शक करने के लिए काफी थी। तब पुलिस ने इस मामले में सबूत की तरफ रुख किया और पियूष की कॉल डिटेल खंगालने का इरादा किया। पियूष की कॉल डिटेल में यूं तो पुलिस को कुछ खास चीज नहीं मिली बस एक नंबर ज़रूर मिला, जिस पर पियूष सबसे ज़्यादा और सबसे देर तक बात करता पाया गया। यानी उसके फोन में मौजूद तमाम 500 से ज़्यादा नंबरों पर उसी एक नंबर पर उसकी सबसे ज़्यादा बातचीत होती थी।
Shams Ki zubani: और हैरानी इस बात की कि उस नंबर पर वो बीते तीन सालों से ऐसे ही बात करता आ रहा था। लिहाजा पुलिस की दिलचस्पी उस नंबर पर आ कर टिक गई। लिहाजा उस नंबर को ट्रैक किया गया तो वो कानपुर की ही एक लड़की का नंबर मिला। उसका नाम था मनीषा। मनीषा कानपुर में पान मसाला बनाने वाले एक कारोबारी की बेटी थी। यानी वो भी एक करोड़पति बाप की बेटी थी। तब पुलिस को लगा कि ये मनीषा उनके इस केस को सुलझाने की कुंजी हो सकती है। लिहाजा पुलिस ने मनीषा से पूछताछ का इरादा किया।
लिहाजा पुलिस ने पहले अपना होमवर्क पूरा करने के लिए मनीषा के कॉल डिटेल को ढंग से खंगाला...और उसका सारा डिटेल लेकर अपने पास इकट्ठा कर लिया। पुलिस अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ाती है क्योंकि ये मामला तीन बड़े अमीर घरानों का था लिहाजा पुलिस फूंक फूंक कर कदम रख रही थी।
पुलिस की अपनी तफ्तीश में जो सबूत और सुराग हाथ लगे वो पियूष को ही कातिल होने की गवाही दे रहे थे। लेकिन पुलिस इस बात को लेकर उहापोह की हालत में थी कि पुख्ता सबूत के बिना कैसे वो पियूष पर हाथ डाल दें और वो भी इतने संगीन इल्ज़ाम के साथ।
Shams Ki zubani: तब पुलिस ने एक दूसरा पैंतरां बदला और पियूष को ही पूछताछ के लिए थाने में बुला लिया। पुलिस ने ये कहकर पियूष को बुलाया कि वो ही इस पूरी वारदात का इकलौता चश्मदीद है लिहाजा उससे पूछताछ करनी जरूरी है।
यानी कत्ल के चार रोज बाद पुलिस ने जब पियूष को पूछताछ के लिए बुलाया तो वहां सवालों की फेहरिस्त से पियूष को ये अंदाज़ा हो गया कि इस बार पुलिस का रुख बदला हुआ है और उसे यहां कातिल के तौर पर ही बुलाया गया है न कि विटनेस यानी गवाह के तौर पर।
पुलिस पियूष के सामने अपने सुरागों को एक एक कर रखती है, रेस्ट्रॉन्ट का सीसीटीवी फुटेज, मौका-ए-वारदात के हालात, कॉल डिटेल, मनीषा की कॉल डिटेल वगैराह वगैराह...
हालांकि इसी बीच पुलिस ने पियूष और ज्योति के बीच के रिश्तों को खंगालना शुरू कर दिया था, लिहाजा पुलिस के हाथ ऐसा बहुत कुछ लग चुका था जिसके आधार पर बात की जा सकती थी। क्योंकि पुलिस को यही अंदाज़ा था कि इस दोनों पति पत्नी के बीच के रिश्तों में पति पत्नी और वो वाली कोई कहानी छुपी हुई है।
Shams Ki zubani: थाने में हुई पूछताछ के दौरान पियूष अपने पुराने बयान पर ही कायम रहा। और इसके आगे उसने बिलकुल भी मुंह नहीं खोला। तब पुलिस ने अपना पैंतरां बदला और मनीषा को भी पूछताछ के लिए बुलवा लिया। ये कहकर कि दोनों के बीच दोस्ती है तो एक दूसरे की कोई मदद हो जाएगी। पुलिस ने पहले तो अलग अलग और फिर एक साथ आमने सामने बिठाकर पूछताछ करनी शुरू की। साथ ही दोनों की कॉल डिटेल के साथ साथ उनकी तमाम चैट्स भी उनके सामने रखकर उन्हें ही उनका सच दिखा दिया।
पुलिस के सामने अपने निजी रिश्ते का राज आम होते ही दोनों के चेहरों के रंग बदलने लगे। और तब पियूष पुलिस के सामने टूट गया। और उसने क़त्ल का सारा राज़ पुलिस के सामने बयां कर दिया।
पियूष की शादी बेशक उसके परिवार के लोगों की मर्जी से जबलपुर की ज्योति से हुई। लेकिन पियूष असल में मनीषा से बेइंतेहा प्यार करता था। और दोनों शादी भी करना चाहते थे। लेकिन घरवालों की मर्जी के खिलाफ दोनों जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। तब पियूष की शादी घरवालों ने ज्योति से तय कर दी और पियूष ने ये रिश्ता मंज़ूर भी कर लिया था।
ज्योति से शादी के बावजूद पियूष कभी उसे अपनी बीवी के तौर पर नहीं रख सका। घरवालों के सामने वो दोनों पति पत्नी के तौर पर ही रहते थे लेकिन असल में दोनों पति पत्नी के तौर पर नहीं रहते थे। इसी बीच तलाशी के दौरान पुलिस को घर से ज्योति की एक डायरी मिली, जिसमें ज्योति ने ससुराल आने के बाद के हरेक दिन की कहानी लिखी हुई थी।
Shams Ki zubani: पियूष किसी भी सूरत में ज्योति को अपनी पत्नी मानने को राजी नहीं था और मनीषा से दूर रहना उसे अब गवारा नहीं था ऐसे में पियूष और मनीषा ने मिलकर ज्योति को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। गरज ये थी कि ज्योति को हटाते ही दोनों के बीच का कांटा हट जाएगा और फिर दोनों हमेशा हमेशा के लिए मिल सकते हैं।
तब पियूष ने इस पूरे मामले को किडनैपिंग का रंग देने के लिए अपने ड्राइवर और नौकर को साज़िश में शामिल किया। दोनों से किसी सुपारी किलर को तलाश करने की ज़िम्मेदारी दी। और तय तारीख को उसने सुबह से ही ज्योति को आउटिंग पर ले जाने के लिए कहना शुरू किया। अपने पति का मूड अच्छा देखकर ज्योति ने लॉन्ग ड्राइव पर चलने की ज़िद की।
थोड़ी न नुकुर के बाद पियूष उसे उस जगह पर ले गया जहां उसने साज़िश के लिए जगह पहले से तय कर रखी थी। वहीं रास्ते में उसे ड्राइवर नौकर और सुपारी किलर मिले। तब तीनों ने मिलकर पहले ज्योति का गला घोंटा और फिर चाकू से उस पर ताबड़तोड़ वार किए गए। और ये सब कुछ पियूष के सामने किया गया। उसके बाद पियूष कार से नीचे उतरा और उसके बाद पियूष ने सारा नाटक फैला दिया।
पियूष की एक ही गलती ने उसे पुलिस के सामने संदिग्ध बना लिया क्योंकि पियूष नो टी शर्ट बदलने की जो गलती की, उसने उसे सलाखों तक पहुँचा दिया असल में उसकी टी शर्ट में ज्योति के खून का एक छींटा पड़ गया था जिसे छुपाने की गरज से पियूष ने ये गलती की।
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