Kabul Blast : काबुल एयरपोर्ट के बाहर 2 धमाकों में 4 अमेरिकी सैनिकों समेत 40 की मौत, 120 से ज्यादा घायल, ISIS खुरासन पर शक़

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Kabul Blast : काबुल एयरपोर्ट के बाहर 2 धमाकों में 4 अमेरिकी सैनिकों समेत 40 की मौत, 120 से ज्यादा घ...
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अफ़ग़ानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के बाहर 26 अगस्त की शाम हुए सीरियल ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. रात साढ़े 10 बजे की रिपोर्ट के अनुसार, 40 लोगों की मौत हो चुकी थी और 120 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना थी. मरने वालों में 4 अमेरिकी मरीन कमांडों भी शामिल हैं. घायलों को काबुल के इमरजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कई ही हालत गंभीर बनी हुई है. ऐसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.

पेंटागन की तरफ से जारी रिपोर्ट में कई अमेरिकी सैनिक घायल होने की जानकारी दी गई है. इन दोनों हमले में आत्मघाती होने की आशंका जताई गई है. इसके बाद फिलहाल काबुल एयरपोर्ट से उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. इस घटना में पेंटागन ने आतंकी संगठन ISIS खुरासन (ISIS-K) पर हमला करने की आशंका जताई है.

तालिबान ने हमले की निंदा

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दो बम ब्लास्ट की तालिबान ने निंदा की है. तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि वे इस घटना की निंदा करते हैं. लेकिन ये भी बताना चाहते हैं कि जिस जगह ये घटना हुई वो अमेरिकी सैनिकों के नियंत्रण में है. यानी एक तरह से तालिबान अफ़ग़ानिस्तान में सरकार तो चलाना चाहता है लेकिन कोई घटना होने पर नागरिकों की सुरक्षा जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता.

एयरपोर्ट के अब्बे गेट और दूसरा होटल के पास धमाका

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अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर पहला धमाका हुआ था. ये धमाका शाम करीब 7:27 बजे हुए था. इसके करीब आधे घंटे बाद दूसरा धमाका एयरपोर्ट के पास के ही बैरन होटल के पास हुआ. इस होटल में ब्रिटेन के सैनिक के ठहरे होने की खबर आई है. हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.

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अमेरिका समेत 3 देशों ने पहले दी थी चेतावनी

काबुल में धमाके से 13 घंटे से भी पहले अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने अलर्ट जारी कर दिया था. इसके बाद भी काबुल एयरपोर्ट पर उसी तरह से बम धमाका होना कई सवाल खड़े करता है. तालिबान ने भी ये दावा किया है कि उसने खुद ही उसने भी अलर्ट किया था. ऐसे में सवाल उठता है कि हमले की चेतावनी थी तो तालिबान जो खुद सरकार बनाने का दावा कर चुका है, उसने सुरक्षा की जिम्मेदारी क्यों नहीं ली?

काबुल में कब क्या हुआ, जानें

वक्त - शाम के 7:27 बजे

अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के गेट पर अचानक एक बड़ा धमाका हो गया है, आसपास के इलाकों में धुए का गुबार फैल गया। लोग सकते में आए गए। हमले की आशंका तो अमेरिका और ब्रिटेन सुबह ही जता चुके थे लेकिन धमाका इतना बड़ा होगा इसका अंदाज़ा नहीं था।

वक्त- शाम के 7:36 बजे

धमाके के ठीक 9 मिनट बाद यानी शाम 7 बजकर 36 मिनट पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने काबुल एयरपोर्ट के गेट के बाहर हुए ब्लास्ट की पुष्टि की, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट के गेट पर बड़ा धमाका हुआ है। हालांकि तब तक मरने वालों की पुष्टि नहीं हो सकी और कहा गया कि जानकारी मिलते ही मुहैय्या कराया जाएगा।

वक्त- शाम के 8:04 बजे

पहले धमाके के ठीक 37 मिनट बाद अफगानिस्तान के काबुल में ही सीरियल ब्लास्ट हुए, एयरपोर्ट के पास हुए पहले ब्लास्ट के कुछ देर बाद फिर से एक और धमाका हुआ है, अल जजीरा के मुताबिक तब तक ब्लास्ट में 11 लोगों की जान जाने की बात कही गई।

हालांकि बाद में खबर आई कि इन दो धमाकों में कम से कम 13 लोगों के मरने की खबर है, वहीं कई दूसरे लोग भी घायल हो गए। पहला धमाका एयरपोर्ट के पास बने बरून होटल के नजदीक हुआ, जहां पर ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए थे।

दूसरा धमाका भी एयरपोर्ट के नजदीक ही हुआ है, पहले ब्लास्ट के बाद फ्रांस ने दूसरे धमाके को लेकर अलर्ट जारी किया था, जिसके कुछ देर बाद फिर से धमाका हुआ। काबुल एयरपोर्ट और उसके आस-पास के इलाकों में धमाके की वजह से अफरा-तफरी का माहौल है।

ISIS खुरासन पर ही है शक

अभी तक की तमाम इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, इस आतंकी हमले में आईएसआईएस खुरासन (ISIS-K) की भूमिका हो सकती है। अभी भी हालात सुधरे नहीं है, खबर है कि खूंखार आतंकवादी व्हीकल बम के जरिए काबुल एयरपोर्ट के नजदीक जमा भीड़ पर और हमले कर सकते हैं।

इससे पहले खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी व्हाइट हाउस में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि हम जिस जमीन पर है वहां किसी भी दिन आईएसआईएस खुरासान एयरपोर्ट को निशाना बना सकते हैं। वो हमारे सैनिकों को गठबंधन के सैनिकों और दूसरे निर्दोष नागरिकों को टारगेट बना सकते हैं।

तालिबान की नहीं हुई है जीत : ISIS

खुद को 'इस्लामिक स्टेट' कहने वाले चरमपंथी संगठन ISIS ने अफ़ग़ानिस्तान के हालिया घटनाक्रम पर कहा था कि तालिबान को वहां कोई जीत हासिल नहीं हुई है बल्कि अमेरिका ने इस मुल्क की कमान उन्हें सौंप दी है.

'इस्लामिक स्टेट' ने अपने साप्ताहिक अख़बार अल-नबा के 19 अगस्त के संपादकीय में कहा है, "ये अमन के लिए जीत है, इस्लाम के लिए नहीं. ये सौदेबाज़ी की जीत है न कि जिहाद की."

आईएस ने 'नए तालिबान' को 'इस्लाम का नक़ाब पहने' एक ऐसा 'बहुरूपिया' करार दिया था जिसका इस्तेमाल अमेरिका मुसलमानों को बरगलाने और क्षेत्र से इस्लामिक स्टेट की उपस्थिति ख़त्म करने के लिए कर रहा है।

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