कश्मीर में आतंक के लिए ISI ने IS-खुरासान प्लान तैयार किया है ? भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया हाई अलर्ट

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अफ़ग़ानिस्तान के पाकिस्तान परस्त आतंकियों का एक असाइनमेंट पूरा हो गया है, लिहाजा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI अब अपने ओरिजनल प्लान पर जोरदार वापसी की तैयारी कर रही है। भारत के ख़ुफ़िया एजेंसियों को मिले अलर्ट के मुताबिक कश्मीर में आतंक के लिए ISI ने IS-खुरासान प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत पिछले महीने अफगानिस्तान की जेल से छूटे IS-खुरासान के आतंकी पीओके के आतंकी लॉन्च पैड तक पहुंचाए जा सकते हैं।

तालिबान की काबुल तक दखल हुई भी नहीं थी, 11 अगस्त को कांधार सेंट्रल जेल पर तालिबान ने धावा बोलकर सैकड़ों कैदियों को छोड़ दिया था।छोड़े गए कैदियों में IS खुरासान के आतंकी भी थे। भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों का मानना है कि अफगानी जेल से छूटे IS खुरासान के आतंकियों का इस्तेमाल अब पाकिस्तान की ISI अपने कश्मीर प्लान में करेगी।

ख़ुफ़िया एजेंसियों ने इस बात की आशंका जताई है कि रिहा हुए ISKP के आतंकियों को ISI, अमेरिकी हथियारों के जखीरे को मुहैया करवा सकती है।

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ऐसा मना जा रहा ISI इन आतंकियों को पाक अधिकृत कश्मीर भेज सकती है और उन्हें भारत के खिलाफ आतंक का मोहरा बना सकती है।

जिन आतंकियों के बूते भारत में गड़बड़ी फैलाने का दांव चला जा सकता है उनमें केरल के वो 25 युवा शामिल हैं, जो अफगानिस्तान जाकर ISKP के आतंकी बन गए थे।

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आतंक के IS-खुरासान मॉडल को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने का पाकिस्तानी प्लान सोच-समझकर है।ये वही IS-KP है जिसने पिछले महीने काबुल एयरपोर्ट पर बम धमाका किया था और 13 अमेरिकी सैनिकों समेत डेढ़ सौ से अधिक आम अफगानियों की जान ले ली थी। IS खुरासान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए लंबे समय से तैयार किया जा रहा है।

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भारतीय एजेंसी NIA को मिली रिपोर्ट के मुताबिक ISKP के कमांडर मुंसिब के पास भारतीय युवाओं को आतंकी बनाने का खास जिम्मा है। वो सोशल मीडिया पर सक्रिय है। मुंसिब अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर के किसी इलाके से ऑपरेट करता है।

तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान टेकओवर के फौरन बाद पीओके में तालिबान की रैली हुई थी। इसके बाद से ही भारतीय एजेंसियां अलर्ट पर हैं।भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि पीओके में स्थित कुछ आतंकी कैंपों में पश्तून भाषा बोलने वाले आतंकियों की मौजूदगी है।

भारतीय एजेंसियों की चिंता ISI के खुरासान टेरर प्लान को लेकर ही नहीं है। पाकिस्तान से ऑपरेट करने वाले जैश और लश्कर के 8000 आतंकी अफगानिस्तान में तालिबान की मदद के लिए गए थे। इनमें से तमाम आतंकी हथियाए गए अमेरिकी हथियारों के साथ वापस पाकिस्तान की ओर आते देखे गए हैं। ये आतंकी भारत के लिए फिक्र का सबब बन सकते हैं।

अफ़ग़ानिस्तान में बनी तालिबान सरकार में ISI का प्रभाव साफ दिखता है। ISI चीफ फैज हामिद अफगानिस्तान में मोस्ट वांटेड सरकार बनाने के पहले मिशन में कामयाब रहा और अब कश्मीर में आतंक का उसका डर्टी गेम जल्द शुरू हो सकता है।

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