क्या है केरल का IS KHORASAN से कनेक्शन क्यों चिंता में हैं भारत की सुरक्षा एजेंसियां?

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क्या है केरल का IS KHORASAN से कनेक्शनक्यों चिंता में हैं भारत की सुरक्षा एजेंसियां?
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खबर है कि रिहा किए गए इन्हीं कैदियों में से 14 कैदी केरल के रहने वाले हैं । ये सब केरल से अफगानिस्तान IS खोरासान के साथ काम करने के लिए गए थे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का डर सता रहा है कि IS के आतंकी इन लड़कों का इस्तेमाल आतंकी हमलों में ना करे जिसकी वजह से पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हो सकती है।

IS खोरासान के आतंकियों का सबसे बड़ा गढ़ अफगानिस्तान का नंगरहार माना जाता है जिस पर इस संगठन के लोगों ने कई महीनों तक राज भी किया था। नंगरहार में ही अमेरिका ने अपने सबसे बड़े बम का इस्तेमाल IS के आतंकियों के खात्मे के लिए किया था। अफगानिस्तान में IS में शामिल आतंकी दुनिया के कई देशों से आए हैं लेकिन इनमें खासतौर पर पाकिस्तान के लोग शामिल हैं।

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केरल के आतंक कनेक्शन का आजतक ने किया था खुलासा

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2014 में ISIS ने जब मोसुल पर कब्जा किया, तो केरल के मल्लापुरम, कासरगोड और कन्नूर जिले से भागकर कई लड़के इस आतंकी संगठन में शामिल हो गए। कुछ साल पहले आजतक ने भी खुलासा किया था कि कैसे अफगानिस्तान में बैठे IS के हैंडलर केरल में भोलेभाले लड़कों का ब्रेनवॉश कर उन्हें अफगानिस्तान में लड़ने के लिए बुला रहे हैं।

इराक और सीरिया में सल्तनत खत्म होने से परेशान.. आईएसआईएस ने अब अपना सारा ध्यान और अपनी सारी ताकत अफ़गानिस्तान पर लगा दी है.. उंची उंची पहाडियों में अब उसे अपना नया ठिकाना नज़र आ रहा है.. और यही उसका खुरासान है.. यूं तो खुरासान के नाम पर वो आधे से ज़्यादा साउथ ईस्ट एशिया को कब्ज़ाने की मंशा लिए बैठा है

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मगर फिलहाल अफगानिस्तान में उसकी नज़र हिंदुस्तान पर है.. आजतक ने आतंकियों की जिस खुफिया बातचीत को डिकोड किया है.. उसके मुताबिक सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए आतंकी हिंदुस्तान और खासकर केरल के नौजवानों को बरगलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं..

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अब्दुल राशिद अब्दुल्ला आईएसआईएस का इंडियन हैंडलर बनकर केरल के नौजवानों को बरगलाने के लिए अपना सब कुछ झोंके हुए है.. उसका ताल्लकु भी दरअसल केरल से ही है.. कसरगोड डिस्ट्रिक्ट से निकलकर अब्दुल्ला अफगानिस्तान की पहाड़ियों में छुपा बैठा है.. और अब तक मिली जानकारी के मुताबिक वो करीब 21 नौजवानों को जिहाद के नाम पर केरल से अफगानिस्तान बुला चुका है..

बेहद शातिराना औऱ महफूज़ तरीके से अब्दुल्ला अफगानिस्तान में बैठकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के ज़रिए नौजवानों से राब्ता करता है.. जिसमें जिहाद के नाम पर युवाओं को बरगलाने की कोशिश हो रही है.. अब्दुल रशीद अब्दुल्ला का ये पैगाम सिर्फ इतना भर नहीं है.. बल्कि केरल के नौजवानों को भटकाने के लिए वो ऑडियो मैसेज के ज़रिए तमाम तरफ ऑफर भी दे रहा है.. अब्दुल्ला ने अपने एक वॉयस मैसेज में कहा था कि

"यहां घर हैं.. दूसरे घरों की तरह उनमें बिजली पानी भी आता है.. हालांकि ज़्यादातर घर सरकारी हैं मगर उसके अलावा लोगों के पास यहां निजी घर भी हैं.. यहां बाज़ार भी हैं.. और उसमें हर वो चीज़ मिलती है.. जो हमारे देश के बाज़ारों में मिलती हैं.. मसलन चॉकलेट.. बिस्कुट.. गोश्त और सब्ज़ियां.. यहां भी ज़िंदगी सामान्य है.. जैसी वहां है.. हम यहां पहाड़ों पर नहीं रहते हैं"

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अब्दुल्ला पहले नौजवानों को खूबसूरत ज़िंदगी का ख्वाब दिखाता है औऱ फिर इस्लाम और शरिया के नाम पर उन्हें बरगलाने की कोशिश करता है..वो कहता है

"शरिया के हिसाब से जो कुछ जायज़ है, वो यहां होता है.. और जो जायज़ नहीं है, वो यहां नहीं होता है.. इस्लामिक स्टेट की हुकूमत के तहत यहां किसी देश की सरकारों की तरह अलग अलग डिपार्टमेंट हैं.. जैसे शिक्षा.. कृषि.. पुलिस.. वित्त.. और जिहाद डिपार्टमेंट"

आतंक के ऑडियों में युवाओं को जिहाद के लिए उकसाने के लिए आतंकी अब्दुल्ला ने न सिर्फ कुरआन और हदीस की मिसालों को तोड़मरोड़ के पेश किया बल्कि ये भी तय कर लिया कि जिहाद करते हुए मारे जाने पर उन्हें जन्नत मिलेगी..

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