किन्नौर लैंडस्लाइड: बस ड्राइवर ने बताई आंखों देखी घटना, कैसे पहाड़ टूटकर हाइवे पर गिरे
Himachal Kinnaur Landsliding news Update At least 10 have died and around 30 are missing after a landslide in Himachal Pradesh's Kinnaur
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Himachal Kinnaur Landslide News Update : हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाक़े के सन्नाटे में एक बार फिर चीखें गूंजी. इस बार किन्नौर में अचानक हुई लैंडस्लाइडिंग जानलेवा साबित हुई. वहां से गुजर रही गाड़ियां चट्टानों के मलबे के नीचे आकर बुरी तरह से दब गईं.
वहीं, बड़े पत्थर की टक्कर से एक बस धीरे-धीरे लुढकते हुए खाई में गिर गई. इस हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी थी. मरने वालों में 2 साल की एक बच्ची भी है. इस बच्ची का नाम वंशिका है. इसके पिता का नाम विपिन. ये बच्ची किन्नौर के ही एक गांव की रहने वाली थी. वो अपने परिवार के साथ बस में थी. हादसे में उसकी मौत हो गई. अभी मौके पर राहत-बचाव कार्य जारी है. हालांकि, घटनास्थल के आसपास लगातार पत्थर गिरने की वजह से काफी देर तक रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना भी पड़ा था.
शिमला किन्नौर राजमार्ग पर हुआ हादसा
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ये हादसा 11 अगस्त की दोपहर में शिमला-किन्नौर (Kinnaur Landslide) नेशनल हाईवे-5 पर ज्यूरी रोड के निगोसारी और चौरा के बीच हुआ. एक साथ कई चट्टानें अचानक नीचे गिरने लगे थे. चट्टानों सहित मलबा एक बस और 6 से ज्यादा गाड़ियों पर गिरे. इस हादसे में 60 से ज्यादा लोग दबे थे.
इसकी जानकारी मिलने के बाद एनडीआरएफ और फिर आईटीबीपी के जवान राहत बचाव कार्य के लिए पहुंचे. बुधवार देर शाम तक कुल 10 शव निकाले गए थे. वहीं, 23 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया. इनके अलावा, कई घायलों का इलाज अभी चल रहा है.
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कुल 6 गाड़ियां मलबे में फंसी
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मौके से आई रिपोर्ट के अनुसार, मलबे में हिमाचल रोडवेज की बस भी फंस गई थी. ये बस मूरंग से हरिद्वार जा रही थी. इसके अलावा एक और बस, एक ट्रक, बोलेरो और 3 कारें भी फंस गईं.
इस हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम बड़े नेता और हिमाचल के मुख्यमंत्री ने तत्काल राहत-बचाव कार्य के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए.
बस ड्राइवर और कंडक्टर ऐसे बच गए
किन्नौर हादसे में एक बस का कंडक्टर महेंद्र पाल और ड्राइवर गुलाब सिंह दोनों सुरक्षित बच गए. दरअसल, ये दोनों सड़क पर पहले से गिरे पत्थर को देखकर समझ गए थे कि बड़ा हादसा हो सकता है. उस पत्थर को देखने के लिए बस से बाहर निकले तभी उसी समय पहाड़ से मलबा गिरा. जिससे बस तो दब गई लेकिन दोनों बच गए थे. इन्होंने बताया कि बस में 25 सवारियां थीं।
चट्टानों को गिरते देख कांपने लगे थे
बस कंडक्टर महेंद्र पाल ने मीडिया ने हादसे की कहानी बताई. उसने बताया कि बस में करीब 25 यात्री सवार थे. जैसे ही बस निगुलसेरी पहुंची थी तभी सामने से देखा कि पहाड़ी से चट्टानें गिर रहीं हैं. ये देखते ही बस को करीब 100 मीटर पहले ही रोक लिया.
इसके बाद कार और ट्रक समेत दूसरी गाड़ियां भी रुक गईं. फिर हम और ड्राइवर दोनों बाहर आकर रास्ता देखने लगे तभी अचानक चट्टानें सभी गाड़ियों पर गिर गईं. आंखों के सामने बस पूरी तरह से दब गई.
ये देखकर हमलोग कांपने लगे. मन बुरी तरह घबराने लगा. लेकिन हम दोनों बच गए. और हिम्मत जुटाकर तुरंत पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद राहत बचाव कार्य शुरू हुआ.
15 घायलों की हालत गंभीर
इस हादसे को देखते हुए पहले एनडीआरएफ और फिर 300 से ज्यादा आईटीबीपी के जवान मौके पर पहुंचे. इन लोगों ने युद्ध स्तर पर राहत-बचाव कार्य शुरू किया. मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया. लेकिन कई घंटे बाद तक एक बस का पता नहीं चल पाया था. देर शाम को पता चला कि बस नीचे खाई में गिरी हुई है.
जिसे बाहर निकालने का काम जारी था. वहीं, राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई टीम ने 25 लोगों को मौके से अस्पताल पहुंचाया. इनमें से 10 लोगों को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि 15 लोगों का इलाज किया जा रहा है. अभी भी ये ख़बर लगातार अपडेट की जा रही है.
मरने वालों की हुई पहचान
1: विजय कुमार (32) पुत्र जगदीश चंद्र, निवासी झोल, जिला हमीरपुर
2 : वंशिका (2) पुत्री विपिन गांव सपनी किन्नौर
3 : मीरा देवी (41) पत्नी चंद्रप्रकाश निवासी, निचार
4 : नितिशा पुत्री प्रीतम सिंह गांव सुंगरा जिला किन्नौर
5 : प्रेम कुमारी (42) पत्नी सनम भाटो गांव लेबरांग जिला किन्नौर
6 : ज्ञान दासी, पत्नी भागचंद गांव सपनी, जिला किन्नौर
7 : राधिका उम्र (22) साल पुत्री हरमन सिंह गांव काफनो जिला किन्नौर
8 : रोहित (24) पुत्र स्वर्गीय सेंज राम गांव केयाओ तहसील रामपुर जिला शिमला
9 : कमलेश कुमार (34) पुत्र शिवराम गांव पिपुधार, सोलन
10 : देवी चंद (53) पुत्र धर्मसुख, गांव पलंगी, तहसील नीचार जिला किन्नौर
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