कैसी होगी काबुल की नई पुलिस फोर्स? अब क्यों तालिबानियों को सता रहा है इनका डर?

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कैसी होगी काबुल की नई पुलिस फोर्स? अब क्यों तालिबानियों को सता रहा है इनका डर?
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तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता बदल दी, हालात बदल दिए और अब स्कूलों से लेकर कॉलेज तक के सिलेबस भी बदले जा रहे हैं. स्कूल कॉलेजों में स्टूडेंट्स के पढ़ने का तरीका और साथ ही टीचर्स के पढ़ाने का तरीका भी बदला जा रहा है. शरिया क़ानून के लिहाज से बैठने की व्यवस्था से लेकर यूनीफॉर्म तक तालिबान ही तय कर रहा है.

अफ़ग़ानिस्तान में क़ानून व्यवस्था का हाल भी किसी से छिपा नहीं है लेकिन अब अफ़ग़ान पुलिस की वापसी की चर्चा जोरों पर है. ऐसा इसलिए क्योंकि तालिबानियों पर अफ़ग़ान जनता को भरोसा नहीं है. लिहाजा काबुल में अफगानी पुलिस की वापसी का प्लान लागू किया जा रहा है और तालिबानी फोर्स को दूर बॉर्डर इलाकों में सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दी जाएगी.

तालिबान ने नया प्लान तैयार किया है जिसके मुताबिक काबुल में पुलिस की वापसी कर दी गई है. अब तालिबान ने अपने नए फरमान में काबुल में वर्दीधारी जवानों की तैनाती का एलान किया है. इतना ही नहीं तालिबानी फोर्स और पुलिस की वर्दी एक जैसी होगी. धीरे-धीरे तालिबानी फोर्स को अन्य प्रांतों में भेजा जाएगा क्योंकि तालिबानी लड़ाकों पर स्थानीय लोगों को भरोसा नहीं. इसलिए तालिबानी फोर्स को काबुल से बाहर भेजा जाएगा

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तालिबान के राज में क़ानून व्यवस्था स्थापित कर पाना बेहद बड़ी चुनौती है. काबुल विरोध का एपिसेंटर बना हुआ है. महिलाओं से लेकर छात्रों के जत्थों के प्रोटेस्ट मार्च काबुल में ही चल रहे हैं. ऐसे हालात में पूरी दुनिया की नज़र काबुल पर बनी हुई है. काबुल से इंटरनेशल मीडिया का ध्यान भटकाने के लिए. तालिबानियों ने बेहद शातिराना अंदाज में पुलिस की तैनाती का शिगूफ़ा छोड़ा है.

माना जा रहा है कि काबुल में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को रोकने में तालिबानी नाकाम साबित हुए हैं. काबुल के लोग किसी भी हाल मे तालिबानी लड़ाकों के सामने झुकने वाले नहीं हैं. काबुल में ही तालिबानियों को सीधी चुनौती मिलने लगी है.

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लिहाज़ा अब तालिबानी फोर्सेज को काबुल से बाहर भेजा जाएगा और यहां पर क़ानून व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस के हाथों में होगी. ऐसे में सवाल उठता है कि तालिबानी फोर्सेज के लोग काबुल में नहीं रहेंगे तो कहां जाएंगे. जहां तक काबुल के लोगों का सवाल है तो वो शुरूआत से ही पुलिस पर भरोसा कर रहे हैं लेकिन तालिबानियों के आने से उन्हें सुरक्षा पर संकट खड़ा होता दिखाई दे रहा है. लिहाजा यूनिफॉर्म वाली पुलिस के होने से वो खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे. भले ही अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालिबानी हुकूमत का क़ब्ज़ा हो चुका है.

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लेकिन उनके ऊपर अफ़ग़ानिस्तानियों का भरोसा बिल्कुल भी नहीं है. ऐसे हालात में काबुल समेत दूसरे प्रांतों के वाशिंदों को ज्यादा सजग और सावधान रहने की ज़रूरत है क्योंकि तालिबानी फोर्स काबुल से बाहर भेजी जायेंगी तो वहां पर ज्यादती करेंगी.

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