विकास दुबे की पत्नी को देश से कुछ कहना है... 'क्या क़साब से भी बुरा था मेरा पति?'

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विकास दुबे की पत्नी को देश से कुछ कहना है... 'क्या क़साब से भी बुरा था मेरा पति?'
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'क़साब को मौक़ा, मेरे पति को क्यों नहीं'

अगर क़साब को मौक़ा मिल सकता है, निर्भया के दोषियों को मौक़ा मिल सकता है तो मेरे पति विकास दुबे को क्यों नहीं? ये कहना है विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे का. कानपुर वाले विकास दुबे की जो कहानी दुनिया जानती है विकास दुबे के परिवार के हिसाब से उससेहट कर इस कहानी का एक और पहलू भी है. कहते हैं कर्मों का फल सबको मिलता है और मिलना भी चाहिए लेकिन किसी अपराधी का परिवार होने की भी सज़ा किसी को मिल सकती है और क्या मिलनी चाहिए? बिकरू कांड के 19 महीने गुज़र जाने के बाद विकास दुबे की पत्नी ने शासन- प्रशासन से तंग आकर क्राइम तक के कैमरे पर खुल कर बहुत कुछ कहा.

विकास दुबे के कर्मों की सज़ा परिवार को क्यों?

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बिकरू कांड को योगी सरकार अपनी एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखती है. अधिकारी वाह-वाही लूटते हैं. लेकिन कई महीने बीत जानेके बावजूद भी अब तक विकास के परिवार को विकास का डेथ सर्टिफ़िकेट नहीं मिला. ऋचा दुबे कहती हैं कि जानबूझ कर प्रशासन उन्हें डेथ सर्टीफ़िकेट नहीं दे रहा. "मैं भरसक प्रयास कर चुकी हूं लेकिन आज भी खाली हाथ हूं". विकास दुबे की पत्नी ने कहा कि वो अपने पति के जुर्म के पक्ष में बिल्कुल नहीं है लेकिन परिवार को उसकी सज़ा देना कहां का इंसाफ़ है. वो कहती हैं कि उनके घर पर लोगआकर धमकी देते हैं. उनकी ज़मीन को बीजेपी के नेता क़ब्ज़ा रहे हैं. उनकी आवाज़ को दबाया जा रहा है. पुलिस से लेकर प्रशासन तक नहीं सुनता है.

मुझे जानबुझ कर फंसाया गया

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विकास दुबे की पत्नी ने बताया कि उनके परिवार को जानबूझ कर अलग-अलग केसेज़ में फंसाया गया. लखनऊ के जिस घर में विकास दुबे का परिवार रहता है उसके नक़्शे को लेकर परिवार पर मुक़दमा किया गया है. ऋचा ने कहा कि अगर घर के नक्श़े को लेकर कोई दिक़्क़त है तो बिल्डर पर कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि ये घर तो बिल्डर से लिया हुआ है. इसके अलावा जिस सिम कार्ड को लेकरऋचा पर केस चल रहा है उसके दलील में उन्होंने कहा कि वो सिम उन्होंने अपने घर के 15 साल से ज़्यादा पुराने नौकर के नाम पर लियाथा. जिस वक़्त वो सिम लिया गया था परिस्थितियां ऐसी थी की वो सिम उन्हें अपने नौकर के नाम पर लेना पड़ा. इसी तरह अलग-अलग तरीक़ों से अलग- अलग मामलों में उन्हें फंसाया जा रहा है.

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क्रिमनल्स में भेदभाव क्यों करते हैं योगी जी?

ऋचा दुबे कहती हैं कि योगी जी एक तरफ़ अपराधियों को ख़त्म करने का ताल ठोकते हैं लेकिन अपराधियों में वो भेदभाव करते हैं. जहां विकास दुबे के अपराध की सज़ा सड़क पर कर देते हैं और उससे ज़्यादा मुक़दमों वाले अपराधियों को टिकट दे देते हैं। आख़िर ये कैसाइं साफ़ है और क्यों पूरे देश ने आंखों पर पट्टी बांध ली है. हम कहां जाएं, क्या करें, मर जाएं? साथ ही ऋचा दुबे ने कहा कि उन्हें विकास दुबे की पत्नी और ब्राह्मण होने की सज़ा मिल रही है और आपराधिक प्रवृत्ति के ठाकुरों की लिस्ट हमें सौंप दी.

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